आज हम रामदेव जी की आरती (Ramdev Ji Ki Aarti) का पाठ करेंगे। हमारे देश में ईश्वर के साथ-साथ देवी-देवताओं, गुरुओं, समाज सुधारकों, महापुरुषों की भी पूजा करने का विधान है। यहाँ तक कि सनातन धर्म में तो प्रकृति व मनुष्य जीवन के लिए जरुरी अंगों को भी सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। साथ ही हर राज्य में वहां के कुछ लोकदेवता होते हैं जिनकी मान्यता बहुत होती है।
इसी में एक है राजस्थान राज्य के प्रसिद्ध लोकदेवता रामदेव जी। आज के इस लेख में आपको रामदेव जी आरती (Ramdev Ji Aarti) अर्थ सहित भी पढ़ने को मिलेगी। अंत में हम रामदेव जी की आरती पढ़ने से मिलने वाले फायदे और महत्व के बारे में भी बताएँगे। तो आइये सबसे पहले पढ़ते हैं श्री रामदेव जी की आरती हिंदी में।
Ramdev Ji Ki Aarti | रामदेव जी की आरती
ॐ जय श्री रामादे स्वामी जय श्री रामादे।
पिता तुम्हारे अजमल मैया मेनादे॥
ॐ जय श्री रामादे स्वामी जय श्री रामादे।
रूप मनोहर जिसका घोड़े असवारी।
कर में सोहे भाला मुक्तामणि धारी॥
ॐ जय श्री रामादे स्वामी जय श्री रामादे।
विष्णु रूप तुम स्वामी कलियुग अवतारी।
सुरनर मुनिजन ध्यावे जावे बलिहारी॥
ॐ जय श्री रामादे स्वामी जय श्री रामादे।
दुःख दलजी का तुमने भर में टारा।
सरजीवन भाण को तुमने कर डारा॥
ॐ जय श्री रामादे स्वामी जय श्री रामादे।
नाव सेठ की तारी दानव को मारा।
पल में कीना तुमने सरवर को खारा॥
ॐ जय श्री रामादे स्वामी जय श्री रामादे।
Ramdev Ji Aarti | रामदेव जी आरती – अर्थ सहित
ॐ जय श्री रामादे स्वामी जय श्री रामादे।
पिता तुम्हारे अजमल मैया मेनादे॥
हे रामदेव बाबा! आपकी जय हो। हे हम सभी के स्वामी! आपकी जय हो। आपके पिता का नाम अजमल व माता का नाम मेनादे है।
रूप मनोहर जिसका घोड़े असवारी।
कर में सोहे भाला मुक्तामणि धारी॥
आपका रूप मन को मोह लेने वाला है और आप घोड़े पर सवार रहते हैं। आपने अपने हाथों में भाला ले रखा है और मोतियों की माला पहन रखी है।
विष्णु रूप तुम स्वामी कलियुग अवतारी।
सुरनर मुनिजन ध्यावे जावे बलिहारी॥
आप भगवान विष्णु के अवतार हैं जिन्होंने कलयुग में अवतार लिया है। देवता, मनुष्य, ऋषि-मुनि सभी ही आपका ध्यान करते हैं।
दुःख दलजी का तुमने भर में टारा।
सरजीवन भाण को तुमने कर डारा॥
दलजी जो अत्यधिक दुखी थे, आपने पल भर में ही उनका दुःख समाप्त कर दिया। सरजीवन जो कि मर चुके थे, उन्हें भी आपने माता सुगना की खातिर पुनः जीवित कर दिया था।
नाव सेठ की तारी दानव को मारा।
पल में कीना तुमने सरवर को खारा॥
आपने सेठानी के मृत पति सेठ को भी जीवित कर दिया था और भैरव राक्षस का वध किया था। आपने एक क्षण में ही पूरे सरोवर को मीठे पानी से खारा बना दिया था।
रामदेव जी आरती का महत्व
जब भी किसी ईश्वर, ईश्वरीय रूप, गुरु, महापुरुष, संत इत्यादि की आरती लिखी जाती है तो उस आरती का मुख्य उद्देश्य उस महापुरुष के बारे में संपूर्ण विवरण शुरू से लेकर अंत तक देना होता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि आपने ऊपर रामदेव जी की आरती पढ़ी और साथ ही उसका अर्थ भी जाना। तो इस रामदेव जी की आरती को पढ़ कर आपको रामदेव बाबा के बारे में बहुत कुछ ज्ञान हो गया होगा।
ऐसे में यदि आपको संक्षेप में रामदेव बाबा को जानना हो और उनके कर्मों, गुणों, महत्ता इत्यादि का ज्ञान लेना हो तो आप उसके लिए रामदेव जी की आरती का पाठ कर सकते हैं। इसी के माध्यम से ही आपको रामदेव पीर के बारे में बहुत कुछ ज्ञात हो जायेगा। यही रामदेव जी आरती का महत्व होता है।
रामदेव जी की आरती के फायदे
बाबा रामदेव जी ने अपने जीवनकाल में मनुष्य के कल्याण के लिए कई तरह के कार्य किये और इन्हीं कार्यों ने ही उन्हें महान पुरुष बना दिया। इसके बाद ही राजस्थान के लगभग हर जिले में बाबा रामदेव के मंदिर खोले गए जिन पर लाखों श्रद्धालु अपनी मन्नते लेकर पहुँचते हैं। ऐसे में यदि आप भी नित्य रूप से रामदेव जी आरती का पाठ करते हैं और उनकी भक्ति करते हैं तो अवश्य ही उनकी कृपा दृष्टि आप पर बरसती है।
अब यदि रामदेव बाबा आपसे खुश हो जाते हैं तो वे आपकी हर इच्छा को पूरी कर देते हैं। रामदेवजी की आरती का पाठ करने से रामदेव जी बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं और आपको मुहं माँगा वरदान देते हैं। इसलिए आपको अपने दुखों का नाश करने के लिए हर दिन रामदेव जी की आरती का पाठ करना चाहिए।
निष्कर्ष
आज के इस लेख के माध्यम से आपने रामदेव जी की आरती (Ramdev Ji Ki Aarti) अर्थ सहित पढ़ ली है। साथ ही आपने रामदेव जी आरती करने से मिलने वाले फायदे और उसके महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप इस लेख पर अपनी प्रतिक्रिया देना चाहते हैं या इस विषय पर हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपको प्रत्युत्तर देंगे।
रामदेव जी की आरती से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: रामदेव जी की आरती कितने बजे होती है?
उत्तर: रामदेव जी की आरती सुबह 5 बजे, फिर 8 बजे और शाम में 6 बजे व 7 बजे होती है।
प्रश्न: रामदेवरा कब जाना चाहिए?
उत्तर: भाद्रपद मास में रामदेवरा में मेले का आयोजन होता है। इसलिए यदि आप उस समय वहां जाएंगे तो ज्यादा आनंद मिलेगा।
प्रश्न: रामदेवरा में कौन से भगवान हैं?
उत्तर: रामदेवरा में बाबा रामदेव पीर जी ने समाधि ली थी तथा वे कोई भगवान नहीं अपितु राजस्थान प्रदेश के प्रसिद्ध लोक देवता हैं।
प्रश्न: रामदेव जी भगवान कौन थे?
उत्तर: रामदेव जी भगवान नही थे अपितु वे राजस्थान के लोक देवता हैं। हालाँकि लोक मान्यताओं के अनुसार उन्हें भगवान विष्णु का अवतार भी कहा जाता है।
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