संकट मोचन हनुमान अष्टक पाठ PDF फाइल व फोटो सहित

Sankat Mochan Hanuman Ashtak Lyrics In Hindi

संकट मोचन हनुमान अष्टक (Sankat Mochan Hanuman Ashtak) की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी के द्वारा पंद्रहवीं शताब्दी में की गयी थी। तुलसीदास जी श्रीराम व हनुमान के बहुत बड़े भक्त थे। उनके द्वारा ही रामचरितमानस, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमान आरती सहित हनुमान अष्टक की रचना की गयी थी जिसमें कुल 8 पद आते हैं।

संकटमोचन हनुमानाष्टक (Hanumanashtak) का नाम ऐसा इसलिए है क्योंकि हनुमान जी को संकटमोचन के नाम से भी जाना जाता है तो वहीं हनुमानाष्टक में 8 पद आते हैं। संकटमोचन का संधि विच्छेद करें तो इसका अर्थ होता है संकटों को हरने वाला या उसे दूर करने वाला। वहीं हनुमानाष्टक का संधि विच्छेद करें तो इसका अर्थ होता है हनुमान का अष्टक अर्थात हनुमान जी को समर्पित आठ पद।

इस तरह से हनुमानाष्टक में कुल 8 पद होते हैं और उसके आखिर में एक दोहा आता है। प्रत्येक पद में 4-4 चौपाईयां आती हैं जिसमें से अंतिम चौपाई हर पद में समान है। हनुमान अष्टक का प्रत्येक पद हनुमान जी के जीवन के अलग-अलग कालखंड और उसमें घटित मुख्य घटनाओं सहित उनकी वीरता का वर्णन करता है। आइये इसे पढ़ लेते हैं।

Sankat Mochan Hanuman Ashtak | संकट मोचन हनुमान अष्टक

॥ प्रथम पद ॥

बाल समय रवि भक्षि लियो तब,
तीनहुँ लोक भयो अँधियारो।
ताहि सों त्रास भयो जग में,
यह संकट काहु सों जात न टारो।
देवन आनि करी विनती तब,
छांड़ि दियो रवि कष्ट निवारो।
को नहिं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो॥

॥ द्वितीय पद ॥

बालि की त्रास कपीस बसै गिरि,
जात महाप्रभु पंथ निहारो।
चौंकि महामुनि शाप दियो तब,
चाहिय कौन विचार विचारो।
कै द्विज रूप लिवाय महाप्रभु,
सो तुम दास के सोक निवारो
को नहिं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो॥

॥ तृतीय पद ॥

अंगद के संग लेन गये सिय,
खोज कपीस यह बैन उचारो।
जीवित ना बचिहौं हम सों जु,
बिना सुधि लाय इहाँ पगु धारो।
हेरि थके तट सिंधु सबै तब,
लाय सिया सुधि प्राण उबारो।
को नहिं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो॥

॥ चतुर्थ पद ॥

रावण त्रास दई सिय को तब,
राक्षसि सों कहि सोक निवारो।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु,
जाय महा रजनीचर मारो।
चाहत सीय अशोक सों आगि सु,
दै प्रभु मुद्रिका सोक निवारो।
को नहिं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो॥

॥ पंचम पद ॥

बाण लग्यो उर लछिमन के तब,
प्राण तज्यो सुत रावण मारो।
लै गृह वैद्य सुषेन समेत,
तबै गिरि द्रोण सुबीर उपारो।
आनि संजीवन हाथ दई तब,
लछिमन के तुम प्राण उबारो।
को नहिं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो॥

॥ षष्टम पद ॥

रावण युद्ध अजान कियो तब,
नाग के फाँस सबै सिर डारो।
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल,
मोह भयो यह संकट भारो।
आनि खगेस तबै हनुमान जु,
बंधन काटि सुत्रास निवारो।
को नहिं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो॥

॥ सप्तम पद ॥

बंधु समेत जबै अहिरावण,
लै रघुनाथ पाताल सिधारो।
देवहिं पूजि भली विधि सों बलि,
देउ सबै मिलि मंत्र बिचारो।
जाय सहाय भयो तब ही,
अहिरावण सैन्य समेत संहारो।
को नहिं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो॥

॥ अष्टम पद ॥

काज किये बड़ देवन के तुम,
वीर महाप्रभु देखि बिचारो।
कौन सो संकट मोर गरीब को,
जो तुमसों नहिं जात है टारो।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु,
जो कछु संकट होय हमारो।
को नहिं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो॥

दोहा

लाल देह लाली लसे,
अरू धर लाल लँगूर।
बज्र देह दानव दलन,
जय जय जय कपि सूर॥

तो यह है संपूर्ण हनुमानाष्टक (Hanumanashtak) जिसका पाठ आपको हर संकट से दूर कर देगा। जिन लोगों को हनुमान अष्टक याद भी है, उन्हें भी इसे सामने रखकर पढ़ना चाहिए। इससे ध्यान भटकने और किसी तरह की वाक्य त्रुटी होने की संभावना कम हो जाती है।

संकट मोचन हनुमान अष्टक फोटो

संकट मोचन हनुमान अष्टक
संकट मोचन हनुमान अष्टक

यदि आप मोबाइल में इसे देख रहे हैं तो फोटो पर क्लिक करके रखिए। उसके बाद आपको फोटो डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा। वहीं यदि आप लैपटॉप या कंप्यूटर में इसे देख रहे हैं तो फोटो पर राईट क्लिक करें। इससे आपको फोटो डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा।

हनुमान अष्टक पाठ PDF

अब हम हनुमानाष्टक की पीडीएफ फाइल भी आपके साथ साझा कर देते हैं

यह रहा उसका लिंक: हनुमान अष्टक पाठ PDF

ऊपर आपको लाल रंग में हनुमान अष्टक की पीडीएफ फाइल का लिंक दिख रहा होगा। आपको बस उस पर क्लिक करना है और उसके बाद आपके मोबाइल या लैपटॉप में पीडीएफ फाइल खुल जाएगी। फिर आपके सिस्टम में इनस्टॉल एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर के हिसाब से डाउनलोड करने का विकल्प भी ऊपर ही मिल जाएगा।

निष्कर्ष

इस तरह से आज के इस लेख के माध्यम से आपने संकट मोचन हनुमान अष्टक (Sankat Mochan Hanuman Ashtak) पढ़ लिया है। साथ ही हमने आपको इसकी फोटो और पीडीएफ फाइल भी उपलब्ध करवा दी है। यदि आपको फोटो या पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने में किसी तरह की समस्या होती है या आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो आप नीचे कमेंट करें। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देंगे।

संकट मोचन हनुमान अष्टक से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: संकटमोचन हनुमान अष्टक पढ़ने से क्या होता है?

उत्तर: संकटमोचन हनुमान अष्टक पढ़ने से हमारे संकट दूर होते हैं हनुमान जी की कृपा होने से संकटों का समाधान निकलने लगता है और आगे का मार्ग दिखाई देता है

प्रश्न: संकट मोचन पाठ कब करना चाहिए?

उत्तर: संकट मोचन पाठ कभी भी किया जा सकता है हालाँकि मंगलवार का दिन हनुमान जी का दिन होता है ऐसे में उस दिन तो संकट मोचन का पाठ अवश्य किया जाना चाहिए

प्रश्न: हनुमान अष्टक किसने लिखा है?

उत्तर: हनुमान अष्टक गोस्वामी तुलसीदास जी के द्वारा लिखा गया है इसी के साथ ही उन्होंने रामचरितमानस, हनुमान चालीसा और बजरंग बाण भी लिखी है

प्रश्न: हनुमान अष्टक के रचयिता कौन है?

उत्तर: हनुमान अष्टक के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी है उन्होंने पंद्रहवीं शताब्दी में इसकी रचना की थी

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लेखक के बारें में: कृष्णा

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