लंका से अयोध्या लौटते समय भगवान श्रीराम कहाँ-कहाँ रुके?

Shri Ram Ayodhya Aagman

जब भगवान श्रीराम ने रावण से युद्ध करके उसका वध कर दिया (Shri Ram Ayodhya Aagman) तथा माता सीता को मुक्त करवा लिया गया तब उनके 14 वर्षों के वनवास का समय समाप्त होने वाला था। अब उन्हें जल्द से जल्द अयोध्या पहुँचाना था तथा इसके लिए लंका के नए राजा विभीषण ने उन्हें अपने पुष्पक विमान के द्वारा (Ram Ji Ayodhya Wapas Aaye) अयोध्या पहुँचाने का अनुरोध किया। श्रीराम ने उनकी यह विनती मान ली तथा अपनी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण तथा सभी मित्रों के साथ पुष्पक विमान में बैठकर अयोध्या के लिए प्रस्थान कर गए।

लंका से वापस अयोध्या लौटते समय श्रीराम कई जगह रुके थे। आइये जानते है उन स्थानों के बारे में।

लंका से अयोध्या लौटे राम (Shri Ram Ki Ayodhya Wapsi)

भारद्वाज मुनि का आश्रम (While Returning From Lanka To Ayodhya Where Did Shri Ram Land First With Pushpak Plane ?)

श्रीराम ने पुष्पक विमान (Shri Ram Return To Ayodhya Pushpak) को भारद्वाज मुनि के आश्रम में उतरने का आदेश दिया क्योंकि वे जाते समय उनके दर्शन करना चाहते थे। भारद्वाज मुनि के आश्रम पहुंचकर श्रीराम ने सभी के साथ उनका आशीर्वाद लिया तथा ज्ञान प्राप्त किया। भारद्वाज मुनि भी प्रभु के आगमन से बहुत खुश हुए।

हनुमान को दिया आदेश (Return Of Rama To Ayodhya)

भारद्वाज मुनि के आश्रम जाने से पूर्व श्रीराम ने हनुमान को आदेश दिया कि वे अयोध्या जाकर भरत से मिले तथा उन्हें श्रीराम के आने का संदेश दे। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके पश्चात वे अपने मित्र निषादराज गुह से जाकर मिलेंगे इसलिये हनुमान भरत को सूचना देने के पश्चात वही आकर श्रीराम से मिले।

निषादराज गुह से मिलन

भगवान श्रीराम ने वनवास जाते समय अपने मित्र निषादराज को वचन दिया था कि जाते समय वे उनसे मिलकर जायेंगे तथा साथ ही माता सीता को माँ गंगा की पूजा अर्चना भी करनी थी। इसलिये भारद्वाज मुनि के आश्रम के बाद वे सभी पुष्पक विमान से अपने मित्र निषादराज की नगरी श्रंगवेरपुरी में पहुंचे तथा उनसे भेंट की। वहां पहुंचकर माता सीता ने माँ गंगा की पूजा की। इसके बाद श्रीराम निषादराज गुह को भी अपने साथ लेकर अयोध्या के लिए निकल गए।

अयोध्या लौटे श्रीराम (Sri Ram Ayodhya Kab Laute The)

निषादराज से मिलने के पश्चात श्रीराम सीधे अयोध्या पहुँच गए जहाँ उनके स्वागत में लाखों दीप प्रज्जवलित किए गए थे। यह कार्तिक मास (In Which Month Shri Ram Return To Ayodhya) की अमावस्या की रात थी जो वर्ष की सबसे काली रात होती हैं किंतु अयोध्यावासियों ने संपूर्ण नगरी व राजमहल को दीपक की रोशनी से जगमग कर दिया था।

लेखक के बारें में: कृष्णा

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