राम मंदिर (Ram Mandir): जाने कौन है दीपक चौरसिया जिनका बनाया पान खाएंगे रामलला

Ram Mandir

राम मंदिर (Ram Mandir): 22 जनवरी का दिन बस आने ही वाला है जिस दिन अयोध्या में श्रीराम भगवान अपने बाल स्वरुप में पुनः प्रतिष्ठित होंगे। हम भी आपके समक्ष एक-एक करके उन भक्तों के बारे में हरेक जानकारी रख रहे हैं जो रामलला की इतने वर्षों से सेवा कर रहे हैं। उसी कड़ी में आज हम उस व्यक्ति के बारे में बताएँगे जिनके हाथों के बने पान का भोग रामलला पिछले कई दशकों से लगा रहे हैं।

सनातन धर्म में पूजा के दौरान पान को रखने का बहुत महत्व है। रामलला को भी इसका प्रतिदिन भोग लगाया जाता है। रामलला के लिए पान बनाने का काम जिनके द्वारा किया जा रहा है वह है हनुमानगढ़ी के दीपक चौरसिया (Deepak Chaurasia Paan Ayodhya)। दीपक जी के पिताजी पहले रामलला के लिए प्रतिदिन पान तैयार किया करते थे और उसके बाद अब यह दायित्व दीपक जी के कंधों पर आ गया है।

दीपक चौरसिया का बनाया पान खाएंगे रामलला

रामलला को पान का भोग आज से ही नहीं बल्कि बहुत पहले से लगता आ रहा है। पहले दीपक चौरसिया (Deepak Chaurasia Paan Ayodhya) के पिताजी रामलला के लिए हर दिन पान तैयार करके भेजते थे। अब यह दायित्व दीपक चौरसिया भी भलीभांति निभा रहे हैं।

वे हर दिन सुबह अपनी दुकान पर 8 बजे ही पहुँच जाते हैं ताकि रामलला के लिए समय पर सभी पान तैयार किये जा सकें। दुकान खोलने के बाद वे सबसे पहले रामलला के लिए ही पान तैयार करते हैं। रोजाना उनके द्वारा 20 बीड़ा मीठा पान तैयार किया जाता है। फिर इन्हें फ्रिज में रख दिया जाता है और लगभग 10:30 बजे से पहले तक मंदिर पहुंचा दिया जाता है।

हालाँकि 22 जनवरी के दिन के लिए दीपक जी ने बनारस में स्थित अपने रिश्तेदार उमाशंकर जी को इस चीज़ का उत्तरदायित्व सौंपा है। ऐसे में प्राण प्रतिष्ठा के दिन रामलला को बनारसी पान का भोग लगेगा किन्तु हर दिन उन्हें दीपक के बनाये पान का ही भोग लगाया जाता है। राम मंदिर भूमि पूजन के दिन भी दीपक जी की दुकान से पान मंगवाए गये थे।

कैसे तैयार होता है रामलला का पान?

दीपक जी के द्वारा रामलला के लिए जो मीठा पान तैयार किया जाता है, उसमें बहुत ही सावधानी बरती जाती है। भगवान को झूठन का भोग ना लगे, इसके लिए पान में तैयार होने वाली हरेक सामग्री को अलग डब्बे में रखा जाता है। उन डब्बों की सामग्री से केवल रामलला के लिए ही पान तैयार किया जाता है।

इस पान में कत्था, चुना, सुपारी, गरी, सौंफ, लौंग, गुलकंद, चेरी, मीठा मसाला, मीठी चटनी इत्यादि डाली जाती है। फिर इन्हें सिंघाड़े की आकृति देकर चांदी के वर्क में लपेटा जाता है और फ्रिज में रख दिया जाता है। यह काम दीपक जी सुबह 8 से 9 बजे के बीच ही कर देते हैं और फिर सुबह 10:30 से पहले तक राम मंदिर (Ram Mandir) में उन पान को पहुंचा देते हैं।

22 जनवरी के दिन रामलला के लिए आएंगे बनारसी पान

उत्तर प्रदेश के बनारसी पान का महत्व हर किसी को पता है। ऐसे में राम मंदिर ट्रस्ट के द्वारा तो दीपक चौरसिया को ही पान भेजने का ऑर्डर दिया गया है किन्तु दीपक जी ने इसके लिए अपने बनारस में रह रहे अपने रिश्तेदार उमाशंकर चौरसिया जी को यह उत्तरदायित्व दिया है।

उमाशंकर जी वर्षों से बनारस में पान बनाने का काम कर रहे हैं। उमाशंकर जी ने बताया कि उन्हें 22 जनवरी के लिए 151 पान बनाने का ऑर्डर मिला है जिसके लिए वे अपने आप को बहुत ही धन्य मानते हैं। इसके लिए उन्होंने अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी है और सभी सामग्री के विशेष ऑर्डर दे दिए हैं।

कैसे तैयार होंगे पान?

22 जनवरी के दिन जो 151 मीठे पान तैयार किये जाएंगे, उसके लिए ख़ास तैयारियां की जा रही है। चूँकि वहां पर रामलला अपने बाल स्वरुप में विराजेंगे तो उन्हें सुपारी नहीं दी जा सकती है। ऐसे में उमाशंकर जी ने बताया कि सुपारी को महीन काटा जाएगा और फिर उसे कुछ देर पानी में भिगोया जाएगा ताकि वह मुलायम हो जाए।

फिर उसमें सभी चीजें मिलाकर सिंघाड़े की आकृति बनायी जाएगी और चांदी का वर्क चढ़ा दिया जाएगा। कुछ उसी तरह जैसे दीपक जी रामलला के लिए पान तैयार करते आ रहे हैं। फिर उन तैयार पान को राम मंदिर भेज दिया जाएगा।

कहाँ है दीपक चौरसिया की दुकान?

अवैध बाबरी मस्जिद को गिराने से पहले तो दीपक चौरसिया जी की दुकान रामलला के स्थायी टेंट के पास ही थी। जब बाबरी का ढांचा गिराया गया तब उनकी दुकान को भी क्षति पहुंची थी। ऐसे में वहां से उनकी दुकान अलग जगह शिफ्ट कर दी गयी।

आज के समय में दीपक जी की पान की दुकान हनुमानगढ़ी में जैन चौराहे के पास स्थित है। हालाँकि उनकी दुकान पर कोई बोर्ड नहीं लगा है लेकिन रामलला के लिए पान बनाने के कारण उनकी दुकान हर किसी को पता है। आप वहां जाकर किसी से भी पूछेंगे कि दीपक चौरसिया की पान की दुकान कहां है तो हर कोई आपको उस दुकान का पता बता देगा।

कब नहीं लगता रामलला को पान का भोग?

हर महीने दो दिन रामलला को पान का भोग नहीं लगाया जाता है। दरअसल एक महीने में दो एकादशी आती है और उस दिन रामलला का व्रत होता है। ऐसे में उन दो दिन के लिए रामलला के लिए पान नहीं बनाये जाते हैं। बाकि हर दिन दीपक जी की दुकान से रामलला के लिए पान भेजे जाते हैं।

नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘‍♂️, घरेलू नुस्खें 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। उनके लिंक हैं:

अन्य संबंधित लेख:

Recommended For You

लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझ से किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *