आखिरकार हनुमान ने लंका कैसे जलाई (Hanuman Ne Lanka Kaise Jalai) थी? हनुमान जी के द्वारा लंका जलाने के पीछे क्या कारण थे? अब यह तो हम सभी जानते हैं कि वीर हनुमान ने लंका को जलाया था जिस कारण चारों ओर त्राहिमाम मच गया था लेकिन ऐसा क्यों किया गया था?
ऐसे में सबसे बड़ा प्रश्न यही है कि हनुमान जी ने लंका क्यों जलाई (Hanuman Ji Ne Lanka Kyon Jalai) थी। इसलिए आज हम आपको इसी रहस्य के बारे में बताएंगे कि आखिर हनुमान के द्वारा सोने की लंका में आग लगाने का क्या उद्देश्य था।
हनुमान ने लंका कैसे जलाई?
जब भगवान हनुमान माता सीता की खोज में समुंद्र को लाँघ कर अशोक वाटिका में पहुँचे तो माता सीता को दिए जा रहे दुःख को देखकर अत्यंत विचलित हो गए। तब उन्होंने अशोक वाटिका को तहस-नहस कर दिया था। साथ ही रावण के सबसे छोटे पुत्र अक्षय कुमार का भी वध कर डाला था। इसके पश्चात मेघनाद ने हनुमान को ब्रह्मास्त्र के द्वारा बंदी बनाया व रावण के राज दरबार में उपस्थित किया।
वहाँ हनुमान ने रावण के द्वारा किए गए अधर्म के कार्य को सबके सामने रखा। उन्होंने उसे समझाने का प्रयत्न किया लेकिन रावण ने अपने अहंकार में चूर होकर हनुमान को अपशब्द कह डाले। साथ ही उन्होंने उनकी पूँछ में आग लगने की आज्ञा अपने सैनिकों को दी।
इसके बाद हनुमान को बाहर ले जाया गया व उनकी पूँछ में आग लगा दी गई। इस दुर्व्यवहार तथा हनुमान की दशा को देखकर सभी लंकावासी हंस रहे थे व उनका उपहास उड़ा रहे थे। इसके पश्चात भगवान हनुमान ने लंका में आग लगाने का निश्चय किया। अब आप कहेंगे कि सोने में तो आग लगती नहीं है तो हनुमान ने लंका कैसे जलाई (Hanuman Ne Lanka Kaise Jalai) थी!! तो इसका उत्तर है हनुमान ने लंका में उन जगहों को आग के हवाले कर दिया था जो लकड़ी या ऐसी धातु के बने हुए थे जो आग पकड़ सकते थे।
हनुमान जी ने लंका क्यों जलाई?
हनुमान ने लंका को जलाया (Hanuman Ji Ne Lanka Kyon Jalai), इसके पीछे उनके दो मुख्य उद्देश्य थे। आइए उनके बारे में जान लेते हैं।
-
राक्षसों का अहंकार दूर करना
हनुमान ने लंका के सभी मुख्य महल, घरों के परकोटे व स्तंभ जला डाले थे। यहाँ तक कि उन्होंने रावण, मेघनाथ, अन्य राज महल के सदस्यों के भवन भी जला डाले थे। इससे उन्होंने लंकावासियों को साफ संदेश दिया कि जब भगवान श्रीराम के द्वारा भेजे गए एक दूत के अंदर इतनी शक्ति हो सकती है तो उनकी सेना कितनी ताकतवर होगी। उन्होंने इसके द्वारा रावण के अहंकार को भी चोट पहुँचाई व लंका की सेना में भय व्याप्त कर दिया। इससे लंकावासियों का मनोबल टूटा व उनका अपने राजा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।
-
लंका के शस्त्र भंडारों को ध्वस्त करना
रावण से भेंट से पहले ही हनुमान ने पिछली रात को छुपकर लंका के सभी शस्त्र भंडारों को देख लिया था। साथ ही उनकी तैयारी व शक्तियों का अनुमान लगा लिया था। अगले दिन जब हनुमान लंका को आग लगा रहे थे तब उन्होंने लंका की कई सैनिक छावनियों, शस्त्र भंडारों इत्यादि को जलाकर भस्म कर डाला था।
उन्होंने लंका की सुरक्षा की दीवारों को भी आग लगा दी थी जिस कारण वे अत्यधिक कमजोर हो गई थी। इस प्रकार हनुमान ने लंका के मुख्य स्थलों व सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण उपकरणों को क्षति पहुँचाकर लंका का बहुत नुकसान किया था।
लंका को हुए नुकसान का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि लंकादहन के पश्चात वहाँ के राजा रावण ने तुरंत मंत्रणा बिठाई थी। साथ ही विश्वकर्मा जी को बुलवाया गया था जिससे कि लंका की पुनः मरम्मत करवाई जा सके। इसमें रावण का बहुत धन लगा था तब जाकर लंका पहले की स्थिति में आ पाई थी। इस तरह से हमने आपके दोनों प्रश्नों हनुमान ने लंका कैसे जलाई और क्यों जलाई, का उत्तर दे दिया है।
हनुमान के लंका जलाने से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: हनुमान ने लंका कैसे जलाएं?
उत्तर: हनुमान ने अपनी जलती हुई पूंछ के सहारे पूरी लंका नगरी में आग लगा दी थी।
प्रश्न: हनुमान जी ने लंका को क्यों जलाया?
उत्तर: हनुमान जी ने लंका के शस्त्र भंडारों को नष्ट करने और उसकी शक्ति को कम करने के लिए उसे जला दिया था।
प्रश्न: हनुमान जी को बिल्कुल क्यों नहीं जलाया गया?
उत्तर: दूत का वध नीतिसम्मत नहीं था। इस कारण रावण ने उनकी पूंछ में आग लगा दी थी।
नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘♂️, घरेलू नुस्खे 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। उनके लिंक हैं:
अन्य संबंधित लेख: