Mitti Ke Bartan Kaha Milenge: मिट्टी के बर्तन ऑनलाइन कहां मिलेंगे?

मिट्टी के बर्तन (Mitti Ke Bartan)

एक समय पहले तक सभी लोग मिट्टी के बर्तन (Mitti Ke Bartan) में ही भोजन पकाया करते थेअपनी भारतीय संस्कृति हमेशा से महान थी। हमारे ऋषि मुनियों ने जीवन जीने के उत्तम तरीके बताए थे जिससे ना केवल हमारी आयु बढ़ती थी बल्कि हम हमेशा के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ भी रहते थे। उसी में से एक था हमेशा मिट्टी के बर्तनों में भोजन बनाना।

अब जो लोग मिट्टी के बर्तन का उपयोग करना चाहते हैं, उन्हें यह नहीं पता होगा कि मिट्टी के बर्तन ऑनलाइन (Mitti Ke Bartan Kaha Milenge) भी मिलने लगे हैं। इसलिए आज के इस लेख में हम आपके साथ मिट्टी के बर्तन के फायदे सहित, उसमें खाना किस तरह से पकाया जाता है और उस समय किन बातों का ध्यान रखना होता है, इत्यादि के बारे में बताएँगे।

Mitti Ke Bartan | मिट्टी के बर्तन

हमारे देश पर लगभग 8 दशकों तक विदेशी ताकतों का शासन रहा। पहले मुस्लिम आक्रांताओं ने हमारी संस्कृति को तहस-नहस करके रख दिया तो उसके बाद अंग्रेजों ने इसे लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इन सभी के बीच हम देशवासी भी धीरे-धीरे करके अपनी मिट्टी से दूर होते चले गए। अब उस मिट्टी का मोल फिर से लोगों को समझ में आने लगा है, खासकर कोरोना के आने के बाद से।

कोरोना के बाद जब लोगों को भारतीय संस्कृति के इतने आधुनिक और उन्नत होने का पता चला तो अप्रत्याशित रूप से मिट्टी के बर्तनों की बिक्री तेजी के साथ बढ़ी। लोगों ने मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने के फायदे ढूंढने शुरू कर दिए। आज के समय में तो हजारों घरों में खाना बनाने के लिए Mitti Ke Bartan का ही उपयोग किया जा रहा है।

अब हम आपको मिट्टी के बर्तनों के बारे में तो पूरी जानकारी देंगे ही लेकिन उससे पहले हर घर में प्रमुख तौर पर इस्तेमाल होने वाले एल्युमीनियम के बर्तनों के बारे में भी जान लेना बेहतर रहेगा। वह इसलिए क्योंकि जब तक आपको एल्युमीनियम के बर्तनों को इस्तेमाल करने का रहस्य और इससे होने वाले नुकसानों के बारे में ही नहीं पता होगा, तो शायद ही आप मिट्टी के बर्तन इस्तेमाल करने का सोचें।

एल्युमीनियम के बर्तन

अब हम यह जानेंगे कि आखिर क्यों भारतीय लोग मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने की बजाए एल्युमीनियम के बर्तनों को इतना अधिक महत्व देने लगे हैं।

  1. सबसे बड़ा कारण तो यह है कि आज की आधुनिकता ने हमें इतना ज्यादा व्यस्त कर दिया है कि किसी के पास समय ही नही हैं। एल्युमीनियम के बर्तन मिट्टी के बर्तनों की अपेक्षा खाना बनाने में कम समय लेते हैं। इसलिए लोग इसमें खाना बनाने लगे हैं।
  2. एल्युमीनियम के बर्तनों के टूटने का खतरा भी नहीं होता है जबकि मिट्टी के बर्तन गिरते ही टूट जाते हैं।
  3. कुछ लोग इसे अपनी ख्याति से भी जोड़कर देखते हैं और सोचते हैं कि मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाना निर्धन लोगों का कार्य है।
  4. बड़ी-बड़ी निजी कंपनियों को मिट्टी के बर्तनों से इतना लाभ नहीं मिलता था इसलिए उन्होंने एल्युमीनियम व अन्य धातुओं के बर्तन बनाने व उनकी मार्केटिंग करने में ही ध्यान दिया।
  5. बड़ी कंपनियों के द्वारा जो बर्तन बनाए जाते वही बर्तन सभी को दुकानों, शॉपिंग मॉल्स, ऑनलाइन वेबसाइट पर मिलते व साथ ही उनमें कई तरह के डिजाईन भी मिलते जिस कारण लोग उन्हीं को खरीदने लगे।

तो यह थे कुछ प्रमुख कारण, जिस कारण हम सभी के घरों में खाना पकाने के लिए एल्युमीनियम के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा स्टील, तांबा और लोहे के बर्तनों का उपयोग भी भोजन पकाने में किया जाता है। यदि आप मिट्टी के बर्तन इस्तेमाल में नहीं लेना चाहते हैं या नहीं ले पा रहे हैं तो उसकी बजाए तांबे के बने बर्तन का उपयोग करना सही रहेगा।

एल्युमीनियम के बर्तन के नुकसान

सबसे पहले हम आपसे पूछना चाहते हैं कि मनुष्य भोजन क्यों करता है? आपका उत्तर होगा ताकि उसे ऊर्जा मिले, ऊर्जा मिलेगी तो वह जीवित रहेगा व काम कर पाएगा। अब हम आपसे पूछेंगे कि उसे ऊर्जा कैसे मिलती है? आप कहेंगे कि उसे ऊर्जा भोजन में उपलब्ध विभिन्न पोषक तत्वों के द्वारा मिलती है। आपके दोनों उत्तर सही हैं।

अब जब हम आपको बताएँगे कि आप प्रतिदिन जो भोजन कर रहे हैं उसके 80 प्रतिशत से ज्यादा पोषक तत्व खाना बनाते समय ही नष्ट हो चुके हैं तो आपको कैसा लगेगा? जी हां, एल्युमीनियम के बर्तनों में खाना बनाते समय भोजन के 80 प्रतिशत से ज्यादा पोषक तत्व समाप्त हो जाते हैं। इसके साथ ही उस बर्तन की धातु में उपस्थित कई हानिकारक तत्व जैसे कि सीसा, कैडमियम इत्यादि आपके भोजन में मिल जाते हैं वो अलग।

अब आप ही बताइए कि ऐसे बर्तन में खाना बनाने से आपको लाभ मिल रहा है या नुकसान। आपका खाना तो जल्दी पक गया, आपका समय भी बच गया लेकिन ऐसा समय बचाकर आप क्या करेंगे। जिस शरीर के लिए आप दिन भर इतनी मेहनत कर रहे हैं आपका वही शरीर धीरे-धीरे खराब हो रहा है तो आप क्या ही कर लेंगे।

तभी आजकल लोगों की उम्र कम हो गई है व उनका स्वास्थ्य भी खराब रहने लगा है। जब देखो किसी ना किसी को कोई ना कोई बीमारी लगी ही रहती है। इसलिए आज से मिट्टी के बर्तनों में भोजन बनाना शुरू करें ताकि कम से कम आप जो प्रतिदिन खा रहे हैं वह तो स्वस्थ हो। आइए अब हम आपको मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने के लाभ बताएँगे।

मिट्टी के बर्तन में खाना कैसे बनाएं?

यदि आप Mitti Ke Bartan ले आए हैं तो उन्हें सीधा इस्तेमाल मत करने लग जाइएगा। वह इसलिए क्योंकि आपको पहले इसे खाना बनाने लायक तैयार करना है अन्यथा ये जल्दी खराब हो जाएँगे। साथ ही आपको इसका पूरा लाभ भी नहीं मिल पाएगा। इसलिए आइए जाने, मिट्टी के बर्तन का शुरूआती तौर पर कैसे इस्तेमाल किया जाता है।

  • सबसे पहले उस नए बर्तन को रात भर पानी में डुबोकर रखें व सुबह होने पर उसे पानी से बाहर निकाल लें।
  • अब आपको किसी ओर बर्तन में पानी गर्म करना है और उसे मिट्टी के बर्तन में डालना है।
  • इस पानी को यूँ ही रहने दें। यह आप सुबह-शाम करें। ऐसा आप 3 से 4 दिन तक कर सकते हैं।
  • इसके बाद आप इसे अंदर व बाहर से ब्रश से साफ करें ताकि इसमें से अनावश्यक मिट्टी निकल जाए।
  • अब इसे धूप में सूखने के लिए छोड़ दें। जब यह अच्छे से सूख जाए तब इसके चारों ओर खाना बनाने का तेल लगाएं।
  • अब इसमें पानी भरकर गैस पर धीमी आंच पर गर्म करें।
  • इसे 2 से 3 घंटे तक गैस पर गर्म होने दें व उसके बाद ही इसे खाना बनाने में उपयोग में लें।

मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने की विधि

ऊपर बताई गई विधि के अनुसार यदि आपने Mitti Ke Bartan को खाना बनाने के लिए तैयार कर लिया है तो अब उसमें खाना बनाने की विधि जानने का समय आ गया है। इसके साथ ही आपको कुछ बातों का भी ध्यान रखने की जरुरत है जो आपके मिट्टी के बर्तन को लंबे समय तक ठीक रखेगी।

  • मिट्टी के बर्तन में खाना हमेशा मध्यम आंच पर ही पकाएं। तेज आंच पर बर्तन क्रैक हो सकता है।
  • खाना बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप गैस को अचानक से धीमे से तेज या तेज से धीमा ना करें क्योंकि इससे बर्तन क्रैक हो जाएगा।
  • मिट्टी के तवे को कभी भी गीला गैस पर ना रखें, उसको हमेशा सूखा ही रखें।
  • मिट्टी के बर्तन अन्य बर्तनों की अपेक्षा जल्दी गर्म हो जाते हैं। इसलिए इसका ध्यान रखें और अपने हाथ ना जला लें।
  • खाना बनाते समय लकड़ी की चम्मच का इस्तेमाल करेंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा।
  • आजकल बाज़ार में आपको कई चमकीले मिट्टी के बर्तन भी मिलेंगे जिनमें कई प्रकार के रसायन मिले होते हैं। इसलिए आप सुंदरता पर ना जाकर अपने लिए बेहतर चुनें।
  • मिट्टी के बर्तन को फ्रिज़ में रखने से पहले उसे ठंडा होने दें। यदि आप गर्म बर्तन ही फ्रिज में रख देंगे तो वह क्रैक हो जाएगा।
  • खाली मिट्टी के बर्तन को गैस पर रखकर गैस को चालू ना करें। ध्यान रखें इसमें पानी या कुछ खाना बनाने वाली चीज़ अवश्य रखी हो तभी गैस चालू करें।

इन सभी बातों को ध्यान में रखकर आप Mitti Ke Bartan का सही रूप में इस्तेमाल कर पाएंगे। मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाना अवश्य ही मुश्किल और जोखिमभरा हो सकता है लेकिन यदि आपको अपने स्वास्थ्य की चिंता है तो आज से ही इनका उपयोग लेना शुरू कर दें।

मिट्टी के बर्तन कैसे साफ करें?

मिट्टी के बर्तन धोने के लिए सामान्य साबुन या डिटर्जेंट का इस्तेमाल ना करें क्योंकि मिट्टी अपने स्वभाव के कारण साबुन के कुछ कणों को सोख लेगी जो अगली बार खाना बनाते समय उसमें मिल जाएँगे। इसके लिए आप गर्म पानी, बेकिंग सोडा, नमक इत्यादि का इस्तेमाल कर सकते हैं। गावों में लोग इसे धोने के लिए गोबर व चारकोल का इस्तेमाल करते हैं।

साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आप इसे धोने के लिए मेटल के ब्रश का इस्तेमाल ना करें व धोते समय ज्यादा रगड़े नहीं। आप रातभर इसे पानी में छोड़ सकते हैं जिससे सुबह होने पर आप इसे आसानी से धो सकें।

मिट्टी के बर्तन के फायदे

अब हम आपको मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने के फायदे (Mitti Ke Bartan Ke Fayde) बताने वाले हैं। अब आप इतनी सब मेहनत कर किसलिए रहे हैं? मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने से होने वाले फायदे पाने के लिए ही ना!! तो अब यदि हम आपको मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने की विधि से लेकर उसके सही इस्तेमाल करने के तौर तरीके बता देंगे लेकिन उससे मिलने वाले लाभ नहीं, तो यह तो सरासर गलत होगा।

ऐसे में आज हम एक-एक करके मिट्टी के बर्तन में खाना पकाने के कुल 7 मुख्य लाभ आपके सामने रखने जा रहे हैं। आइए जानते हैं।

#1. खाना पकता है, गलता नहीं

जब आप कूकर इत्यादि में खाना बनाते हैं तो वह खाना पकता नहीं अपितु गलता है। दरअसल खाना बनाने के लिए उसमें हवा का लगना अति-आवश्यक है और कूकर में तो हवा लगेगी नहीं। मिट्टी के बर्तन या हांडी में आप जो भी पकाएंगे वह धीमे-धीमे हवा के साथ पकेगा।

#2. सभी पोषक तत्व विद्यमान

जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि एल्युमीनियम के बर्तन भोजन के 80 प्रतिशत से ज्यादा पोषक तत्व समाप्त कर देते हैं तो इसी प्रकार अन्य धातुओं के बर्तन जैसे कि पीतल, कांसा इत्यादि भी भोजन के कुछ पोषक तत्व समाप्त कर देते हैं किंतु मिट्टी के बर्तनों में आप निश्चिंत होकर खाना पकाइए क्योंकि इसमें आपके भोजन का 1 प्रतिशत पोषक तत्व भी समाप्त नहीं होगा बल्कि इसकी गुणवत्ता बढ़ जाएगी वो अलग।

#3. स्वास्थ्य के लिए लाभदायक

जहाँ अन्य बर्तनों में पका भोजन आपके लिए थोड़ा बहुत हानिकारक भी होता है तो वहीं मिट्टी के बर्तन में बना भोजन आपके लिए और भी स्वास्थ्यवर्धक हो जाता है। हमारे शरीर को 18 प्रकार के सूक्ष्म पोषक तत्व चाहिए होते हैं जो मिट्टी के बर्तनों से नष्ट नहीं होते हैं। साथ ही मिट्टी में किसी भी प्रकार का रसायन या अन्य हानिकारक तत्व भी नहीं मिला होता है जिससे भोजन उत्तम ही रहता है।

#4. तेल इत्यादि का कम प्रयोग

जहाँ आपको अन्य बर्तनों में सब्जी इत्यादि को चिपकने से बचाने के लिए अधिक तेल का इस्तेमाल करना पड़ता है जिसका प्रभाव आपके हृदय, पेट इत्यादि पर पड़ता है वहीं मिट्टी के बर्तनों में आपको तेल का बहुत ही कम इस्तेमाल करना पड़ेगा क्योंकि भोजन मिट्टी के बर्तनों से चिपकेगा ही नहीं। इस प्रकार आपकी आधी समस्या तो यहीं समाप्त हो जाएगी।

#5. फिर से गर्म करने की आवश्यकता नहीं

अन्य बर्तनों की अपेक्षा मिट्टी के बर्तन में खाना जल्दी से ठंडा नहीं होता क्योंकि मिट्टी अधिक समय तक गर्म रहती है व अंदर का तापमान भी जल्दी से नीचे नहीं गिरता। इसलिए मिट्टी के बर्तन में पके खाने को फिर से गर्म करने की आवश्यकता नहीं। यदि आप कई देर बाद भोजन कर रहे हैं तो इसे गर्म करना पड़ेगा लेकिन फिर भी यह अन्य बर्तनों की तुलना में हानिकारक नहीं होगा क्योंकि भोजन को फिर से गर्म करने से उसके पोषक तत्व और ज्यादा खत्म हो जाते हैं जो मिट्टी के बर्तन में नहीं होता।

#6. नमी को सोखता है

मिट्टी की यह विशेषता है कि वह पानी को सोखती है। जब आप इसमें भोजन पका रहे होंगे तब यह अपने आप उसकी नमी को सोखेगी व वापस उसे देगी। मिट्टी के बर्तनों में सूक्ष्म छिद्र होते हैं जिनसे नमी निकलती व जमा होती रहती है। यह क्रिया जल की भाप व बाहर की वायु से होती है। इस प्रकार भोजन अपने ही तरल पदार्थ में पकता है जो इसके गुणों को बनाए रखता है।

#7. स्वादिष्ट व सुगंधित

यदि आपने कभी किसी के यहाँ मिट्टी के बर्तनों में खाना खाया होगा तो आपको अवश्य पता होगा कि कैसे वह एक दाल को भी इतना स्वादिष्ट बना देता है। मिट्टी के बर्तन की यह भी सबसे बड़ी उपलब्धि है कि वह भोजन को स्वास्थ्यवर्धक बनाने के साथ-साथ उसे हमारे लिए स्वादिष्ट व सुगंधित भी बनाता है।

इस तरह से आपने मिट्टी के बर्तन के फायदे (Mitti Ke Bartan Ke Fayde) भी जान लिए हैं। अब बारी है यह जानने की कि आपको मिट्टी के बर्तन कहां मिलेंगे? चलिए इसका भी पता लगा लेते हैं।

मिट्टी के बर्तन ऑनलाइन (Mitti Ke Bartan Kaha Milenge)

अब समय बदल रहा है। बदलते समय के साथ भारत के लोग ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया भारत की सभ्यता व मूल्यों का महत्व समझने लगी है। अब लगभग सभी देशी व विदेशी कंपनियां आयुर्वेदिक उत्पादों को बना रही है तो मिट्टी के बर्तन कैसे पीछे रहते। ऐसे में अब आपको आसानी से दुकानों, मॉल्स, ऑनलाइन वेबसाइट्स इत्यादि सब जगह मिट्टी के बर्तन मिल जाएँगे।

यदि आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो आपको लगभग हर शॉपिंग वेबसाइट पर मिट्टी के बर्तन दिख जाएंगे। इस तरह से आप आसानी से मिट्टी के बर्तन ऑनलाइन, वह भी सभी कंपनियों के खरीद सकते हैं। हालांकि यदि आप हमारे देश के कुम्हारों से बर्तन खरीदेंगे तो यह ज्यादा अच्छा रहेगा। आपको अपने शहर/ गाँव में कई ऐसी दुकानें या रेहड़ियां दिख जाएँगी, जहाँ मिट्टी से बने बर्तन बनाए और बेचे जाते हैं। इसलिए आप अपने घर से निकलें और ऐसे लोगों से मिट्टी के बर्तन खरीदें।

मिट्टी के बर्तन के नुकसान

अब जब आप मिट्टी के बर्तनों के बारे में इतना सब जान ही रहे हैं तो इससे होने वाले कुछ नुकसान भी जान लेते हैं। हालांकि इसका स्वास्थ्य से जुड़ा कोई नुकसान नहीं होता है।

  • मिट्टी के बर्तनों के जल्दी टूटने या क्रैक होने का ख़तरा बना रहता है। ऐसे में इनका उपयोग बहुत ही ध्यान से करना होता है।
  • एल्युमीनियम या अन्य बर्तनों की तुलना में मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाना थोड़ा मेहनत वाला काम होता है
  • Mitti Ke Bartan में खाना भी थोड़ा धीरे पकता है क्योंकि गैस को धीमी आंच पर करना होता है
  • इन्हें साफ करने में भी ज्यादा मेहनत लगती है
  • इनका रखरखाव करना भी मुश्किल होता है

इन्हीं सब कारणों से ही मिट्टी के बर्तनों का उपयोग आज के समय में कम हो गया है। पहले के समय में लोग मेहनत कर लिया करते थे लेकिन आज के भागदौड़ भरे जीवन में किसी के पास इतना समय ही नहीं रह गया है।

मिट्टी के बर्तन से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: मिट्टी के बर्तन कौन कौन से हैं?

उत्तर: मिट्टी के बर्तन में घड़ा, पतीला, कढ़ाई, सुराही, जग, गिलास इत्यादि सब आते हैं। इन्हें आप अपनी सुविधानुसार खरीद सकते हैं।

प्रश्न: मिट्टी के बर्तन के क्या क्या फायदे हैं?

उत्तर: मिट्टी के बर्तन में भोजन पकाने से आपको उसके संपूर्ण पोषक तत्व मिलते हैं, पेट ठीक रहता है और ऊर्जा बनी रहती है साथ ही भोजन स्वादिष्ट भी बनता है

प्रश्न: क्या मिट्टी के बर्तन में खाना सुरक्षित है?

उत्तर: क्यों नहीं, मिट्टी के बर्तन में खाना सुरक्षित तो है ही बल्कि यह आपके स्वास्थ्य के लिए कई मायनों में लाभदायक भी रहता है

प्रश्न: मिट्टी के बर्तन को क्या कहा जाता है?

उत्तर: मिट्टी के बर्तन को अंग्रेजी भाषा में Clay Pot या फिर Earthen Pot कहा जाता है

प्रश्न: क्या मिट्टी के बर्तन में खाना बनाना अच्छा है?

उत्तर: हां, मिट्टी के बर्तन में खाना बनाना केवल अच्छा ही नहीं बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी है यह आपके शरीर को अप्रत्याशित लाभ देता है

प्रश्न: क्या मिट्टी के बर्तन सुरक्षित हैं?

उत्तर: मिट्टी के बर्तन पूरी तरह से सुरक्षित, स्वास्थ्यवर्धक व पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं इनमें खाना पकाने और खाने से बहुत सारे लाभ देखने को मिलते हैं

प्रश्न: मिट्टी के बर्तन बनाने वाले को क्या कहते हैं?

उत्तर: मिट्टी के बर्तन बनाने वाले को कुम्हार कहते हैं यह आपके घर के आसपास भी देखने को मिल जाएंगे

प्रश्न: कौन सा बेहतर है, मिट्टी या प्लास्टिक के बर्तन?

उत्तर: प्लास्टिक हमारी पृथ्वी के लिए एक अभिशाप है जबकि मिट्टी से तो हम सभी जुड़े हुए हैं ऐसे में निश्चित तौर पर मिट्टी के बर्तन ज्यादा अच्छे होते हैं

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लेखक के बारें में: कृष्णा

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