बाबा बालक नाथ की आरती | Baba Balak Nath Ki Aarti

Baba Balak Nath Aarti

सनातन धर्म में ईश्वर व देवताओं के साथ-साथ ईश्वर के मानवीय स्वरूप की भी पूजा करने का विधान है। ईश्वर ने समय-समय पर धर्म की रक्षा करने तथा मनुष्यों को धर्म का संदेश देने के लिए कई रूपों में इस धरती पर अवतार लिया है जिनमें से एक बाबा बालक नाथ जी हैं। बाबा बालक नाथ जी की महत्ता हिमाचल प्रदेश व पंजाब राज्य में बहुत अधिक है। इस लेख में हम आपके साथ बाबा बालक नाथ आरती (Baba Balak Nath Aarti) का पाठ करने जा रहे हैं।

दरअसल जब भी किसी महापुरुष या संत के ऊपर आरती की रचना की जाती है तो उस आरती के माध्यम से उस महापुरुष के बारे में संक्षेप में सब कुछ बता दिया जाता है जिससे कि हमें उनकी महत्ता पता चल सके तथा साथ ही उस आरती के पाठ से हमें उनका आशीर्वाद प्राप्त हो सके। इसी कारण आज के इस लेख में ना केवल आपको बाबा बालक नाथ की आरती (Baba Balak Nath Ki Aarti) पढ़ने को मिलेगी बल्कि साथ ही उसका अर्थ भी जानने को मिलेगा। तो आइये पढ़ते हैं आरती बाबा बालक नाथ जी की (Aarti Baba Balak Nath Aarti Ji) हिंदी अर्थ सहित।

बाबा बालक नाथ आरती (Baba Balak Nath Aarti)

ॐ जय कलाधारी हरे, स्वामी जय पौणाहारी हरे।

भक्त जनों की नैय्या, भव से पार करें।।

ॐ जय कलाधारी हरे, स्वामी जय पौणाहारी हरे।

बालक उमर सुहानी, नाम बाबा बालक नाथा।

अमर हुए शंकर से, सुन कर अमर गाथा।।

ॐ जय कलाधारी हरे, स्वामी जय पौणाहारी हरे।

शीश पे बाल सुनहरी, गल रुद्राक्षी माला।

हाथ में झोली चिमटा, आसन मृग शाला।।

ॐ जय कलाधारी हरे, स्वामी जय पौणाहारी हरे।

सुन्दर सेली सिंगी, वैरागन सोहे।

गोपालक रखवाला, भगतन मन मोहे।।

ॐ जय कलाधारी हरे, स्वामी जय पौणाहारी हरे।

अंग भभूत रमाई, मूर्ति प्रभु रंगी।

भय भंजन दुःख नाशक, भर्तरी के संगी।।

ॐ जय कलाधारी हरे, स्वामी जय पौणाहारी हरे।

रोट चढ़त रविवार को, फूल मिश्री मेवा।

धूप दीप चन्दन से, आनन्द सिद्ध देवा।।

ॐ जय कलाधारी हरे, स्वामी जय पौणाहारी हरे।

भगतन हित अवतार लियो, स्वामी देख के कलि काला।

दुष्ट दमन शत्रुघ्न, भगतन प्रतिपाला।।

ॐ जय कलाधारी हरे, स्वामी जय पौणाहारी हरे।

बाबा बालक नाथ जी की आरती, जो कोई नित गावे।

कहत है सेवक तेरे, सुख संपत्ति पावे।।

ॐ जय कलाधारी हरे, स्वामी जय पौणाहारी हरे।

भक्त जनों की नैय्या, भव से पार करें।।

ॐ जय कलाधारी हरे, स्वामी जय पौणाहारी हरे।

बाबा बालक नाथ की आरती – अर्थ सहित (Baba Balak Nath Ki Aarti)

ॐ जय कलाधारी हरे, स्वामी जय पौणाहारी हरे।

भक्त जनों की नैय्या, भव से पार करें।।

हे कलाओं को धारण किये बाबा बालकनाथ!! आपकी जय हो। हे वायु को वश में करने वाले हम सभी के स्वामी!! आपकी जय हो। आप अपने भक्तों के सभी संकट दूर कर उनका उद्धार कर देते हैं।

बालक उमर सुहानी, नाम बाबा बालक नाथा।

अमर हुए शंकर से, सुन कर अमर गाथा।।

आपका बालक रूप हमारे मन को बहुत ही अच्छा लगता है और आपका नाम बाबा बालक नाथ जी है। आप भगवान शिव से कथा को सुनकर अमर हो गए थे।

शीश पे बाल सुनहरी, गल रुद्राक्षी माला।

हाथ में झोली चिमटा, आसन मृग शाला।।

आपके बाल बहुत ही सुनहरे हैं और आपने गले में रुद्राक्ष की माला पहनी हुई है। आपने अपने हाथों में झोली व चिमटा लिया हुआ है और आप हिरण की खाल के आसन पर बैठे हुए हो।

सुन्दर सेली सिंगी, वैरागन सोहे।

गोपालक रखवाला, भगतन मन मोहे।।

आपका रूप बहुत ही सुन्दर है और सभी के मन को मोह लेता है। आप गाय की रक्षा करने वाले और भक्तों के मन को जीत लेने वाले हो।

अंग भभूत रमाई, मूर्ति प्रभु रंगी।

भय भंजन दुःख नाशक, भर्तरी के संगी।।

आपने अपने शरीर पर भस्म लगा रखी है और आपके कई रूप हैं। आप भय को दूर करने वाले, दुखों का नाश करने वाले और हम सभी के साथी हो।

रोट चढ़त रविवार को, फूल मिश्री मेवा।

धूप दीप चन्दन से, आनन्द सिद्ध देवा।।

हर रविवार को आपको रोटी, फूल, मिश्री व मेवा का भोग लगता है। भक्तगण धूप, दीप व चंदन से आपकी पूजा करते हैं।

भगतन हित अवतार लियो, स्वामी देख के कलि काला।

दुष्ट दमन शत्रुघ्न, भगतन प्रतिपाला।।

आपने भक्तों की रक्षा करने और दुष्टों का संहार करने के लिए ही अवतार लिया है। आपने बाबा बालक नाथ के रूप में इस धरती पर अवतार लेकर दुष्टों का नाश किया है और अपने भक्तों के अधिकारों की रक्षा की है।

बाबा बालक नाथ जी की आरती, जो कोई नित गावे।

कहत है सेवक तेरे, सुख संपत्ति पावे।।

जो कोई भी बाबा बालक नाथ जी की आरती गाता है, उसे आपके प्रभाव से सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है।

आरती बाबा बालक नाथ जी – महत्व (Aarti Baba Balak Nath Ji – Importance)

जब भी किसी महापुरुष, कुल देवता, ईश्वर, संत इत्यादि के ऊपर आरती लिखी जाती है तो उस आरती का मुख्य उद्देश्य उसके माध्यम से उस व्यक्ति या महापुरुष के बारे में संक्षेप में संपूर्ण जानकारी दे देना होता है। यही बात बाबा बालक नाथ आरती के माध्यम से प्रतीत होती है क्योंकि आपको बालकनाथ आरती पढ़ कर यह अवश्य ही ज्ञात हो गया होगा कि आखिरकार क्यों बाबा बालक नाथ जी की महत्ता इतनी अधिक है।

दरअसल बाबा बालक नाथ की आरती के माध्यम से बाबा बालकनाथ की महत्ता, गुणों, प्रसिद्धि, चमत्कारिक शक्तियों इत्यादि के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गयी है। यही कारण है कि बाबा बालक नाथ जी की आरती की महत्ता इतनी बढ़ जाती है। उनकी शक्तियों व गुणों को देखते हुए ही दूर-दूर से भक्त उनके दर्शन करने पहुँचते हैं।

बाबा बालक नाथ आरती के लाभ (Baba Balak Nath Aarti Benefits In Hindi)

यदि आप नियमित रूप से बाबा बालकनाथ की आरती का पाठ करते हैं और उनमें अपनी आस्था रखते हैं तो अवश्य ही उनकी कृपा दृष्टि आप पर रहती है। जो भी भक्त सच्चे मन से बाबा बालक नाथ की सेवा करता है और उनकी प्रसिद्धि का बखान करता है, उसके और उसके परिवार के सभी तरह के संकट दूर हो जाते हैं। बाबा बालक नाथ आरती का प्रभाव इतना अधिक होता है कि उसका पाठ करने वाले भक्तों को कुछ ही दिनों में उनकी शक्तियों का प्रभाव दिखना शुरू हो जाता है।

यही कारण है कि हिमाचल प्रदेश में जहाँ बाबा बालक नाथ जी का मंदिर है वहां पर हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुँचते हैं और अपना शीश नवाते हैं। ऐसे में यदि आप प्रतिदिन अपने घर पर बाबा बालकनाथ की आरती का पाठ करते हैं तो आपको अवश्य ही इसका बहुत लाभ मिलता है। आपका जो भी काम नहीं बन पा रहा था या उसमे कोई दुविधा आ रही थी तो वह भी दूर हो जाती है और समाज में आपका यश फैलता है।

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लेखक के बारें में: कृष्णा

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