उड़ीसा राज्य के पुरी शहर में भगवान जगन्नाथ का विशाल मंदिर है जो सनातन धर्म के चार धामों में से एक है। इसी मंदिर की पश्चिम दिशा में समुंद्र के तट पर एक हनुमान मंदिर भी स्थित है जिसे बेदी हनुमान मंदिर (Bedi Hanuman Mandir) के नाम से जाना जाता है। इसे बेड़ी हनुमान मंदिर पुरी भी कह दिया जाता है।
जैसा कि नाम से ही विख्यात है कि यहाँ भगवान हनुमान को बेड़ियों में बांधकर रखा गया है लेकिन ऐसा क्यों? यह मंदिर है तो छोटा लेकिन इसके पीछे हनुमान जी और जगन्नाथ भगवान की एक रोचक कथा जुड़ी हुई है। इसलिए श्रद्धालु जगन्नाथ मंदिर जाने के साथ-साथ बेड़ी हनुमान मंदिर (Bedi Hanuman Mandir Puri) में भी होकर आते हैं। आज हम बेदी हनुमान मंदिर से जुड़ी कहानी और इतिहास के बारे में जानेंगे।
Bedi Hanuman Mandir | बेदी हनुमान मंदिर
बेदी/ बेड़ी का अर्थ होता है जंजीरें अर्थात इस मंदिर में हनुमान जी को जंजीरों में बांधने के कारण इसे बेदी हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है। अब आपने कहीं भी स्वयं भगवान को बेड़ियों से बाँधने के बारे में नहीं सुना होगा लेकिन यहाँ आप जाएंगे तो हनुमान जी को बेड़ियों से बंधा हुआ पाएंगे। ऐसा भगवान जगन्नाथ अर्थात श्रीकृष्ण के आदेश पर किया गया था।
इसके अलावा इस मंदिर का एक और नाम दरिया महावीर मंदिर भी है। दरिया का अर्थ समुंद्र होता है और महावीर हनुमान जी का एक नाम है। चूँकि यह मंदिर पुरी के समुद्र किनारे बना हुआ है, इस कारण इसे दरिया हनुमान मंदिर भी कह दिया जाता है। आइए बेदी हनुमान मंदिर की कहानी जान लेते हैं।
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बेड़ी हनुमान मंदिर पुरी की कहानी
भगवान श्रीकृष्ण के आदेश पर पुरी के समुंद्र तट के पास विशाल जगन्नाथ मंदिर का निर्माण करवाया गया था। तब उस मंदिर को समुंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए हनुमान जी को मंदिर की सुरक्षा में तैनात किया गया था। लेकिन हनुमान जी के चरित्र तथा प्रभु भक्ति से हम सब भलीभाँति परिचित हैं।
हनुमान जी मंदिर की सुरक्षा में समुंद्र तट पर पहरा देते थे लेकिन कभी-कभी प्रभु दर्शन की इच्छा से वे नगर में प्रवेश कर जाते थे तथा उनके पीछे-पीछे समुंद्र भी आ जाता था। इस कारण समुंद्र से जगन्नाथ मंदिर को कई बार क्षति पहुँची। हनुमान जी के बार-बार नगर में आकर प्रभु के दर्शन करने से रोकने के लिए भगवान जगन्नाथ को कोई उपाय नहीं सूझ रहा था।
अंत में भगवान जगन्नाथ ने हनुमान जी को वहीं समुंद्र तट पर बेड़ियों से बांध दिया तथा कहा कि अब से तुम यहीं रहकर मेरे मंदिर की सुरक्षा करोगे। तब से भगवान हनुमान का मंदिर (Bedi Hanuman Mandir Puri) उसी समुंद्र तट पर बेड़ियों में बंधा हुआ स्थित है जहाँ प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।
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बेदी हनुमान मंदिर के दर्शन
यदि आप जगन्नाथ मंदिर की यात्रा करने का मन बना रहे हैं तो हम आपको सलाह देंगे कि आप हनुमान जी के इस दरिया महावीर मंदिर भी अवश्य होकर आएं। यहाँ आपको शांति का अनुभव होगा तथा समुंद्र तट पर बने इस छोटे से मनोहर मंदिर को देखकर आपका मन आनंदित हो उठेगा। आप वहाँ मंदिर के आसपास समुंद्र तट पर बैठकर शांति के कुछ पलों का आनंद भी ले सकते हैं।
इस तरह से आज आपने भगवान जगन्नाथ के धाम में स्थित बेदी हनुमान मंदिर (Bedi Hanuman Mandir) के बारे में जानकारी प्राप्त कर ली है। अब हनुमान जी की भक्ति ही ऐसी थी कि स्वयं भगवान को ही उन्हें बाँधने के लिए बेड़ियों का उपयोग करना पड़ा था। जब से हनुमान जी को यहाँ बाँधा गया है, तब से आज तक समुद्र से जगन्नाथ मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ है।
बेदी हनुमान मंदिर पुरी से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: बेदी हनुमान की कहानी क्या है?
उत्तर: बेदी हनुमान की कहानी यही है कि अपनी परम भक्ति के कारण उन्हें बेड़ियों में बंध कर रहना पड़ा। भगवान जगन्नाथ ने अपने धाम को बचाने के लिए समुद्र किनारे हनुमान जी को रक्षक नियुक्त किया हुआ है।
प्रश्न: जगन्नाथ मंदिर के ऊपर पक्षी क्यों नहीं उड़ते?
उत्तर: हर प्रश्न का उत्तर नहीं होता है और ना ही विज्ञान उसका पता लगा सकता है। यह केवल और केवल ईश्वरीय चमत्कार है कि आज तक भगवान जगन्नाथ के मंदिर से कोई पंछी उड़ता हुआ नहीं दिखाई दिया है।
प्रश्न: जगन्नाथ भगवान ki आंखें इतनी बड़ी क्यों है?
उत्तर: इसके पीछे भगवान श्रीकृष्ण और माता रोहिणी की कथा जुड़ी हुई है। दरअसल जब माता रोहिणी द्वारकावासियों को श्रीकृष्ण की रासलीला की कहानियां सुना रही थी तो शर्म के मारे कृष्ण जी की आँखें इतनी बड़ी-बड़ी हो गई थी।
प्रश्न: जगन्नाथ मंदिर के झंडे का रहस्य क्या है?
उत्तर: जगन्नाथ मंदिर का झंडा हमेशा वायु की विपरीत दिशा में लहराता हुआ दिखाई देता है। साथ ही इसे हर दिन बदला जाना जरुरी है अन्यथा मंदिर 18 वर्षों तक बंद हो जाएगा।
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