दुर्गा स्तुति (Durga Stuti) | दुर्गा माँ स्तुति (Durga Maa Stuti)

Maa Durga Stuti

विश्व में कोई अन्य ऐसा धर्म नहीं है जहाँ ईश्वरीय शक्ति के रूप में नारीत्व की पूजा की जाती हो जबकि सनातन धर्म में माँ आदिशक्ति जिन्हें हम माँ दुर्गा के नाम से भी जानते हैं, वह ईश्वर के लिए भी पूजनीय है। श्रीराम जब रावण के साथ अंतिम युद्ध पर जा रहे थे तब उन्होंने माँ दुर्गा का ही ध्यान किया था और सर्वोच्च ईश्वर भी माँ की आराधना करते हुए देखे जा सकते हैं। यही कारण है कि सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए दुर्गा मां की स्तुति (Maa Durga Stuti) का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है।

आज के इस लेख में आप अवश्य ही दुर्गा स्तुति (Durga Stuti) पढ़ने आये होंगे किन्तु हम आपको एक बात पहले ही बता दें कि दुर्गा जी की स्तुति जिनके द्वारा की गयी है, उनके द्वारा इसका कॉपीराइट लिया गया है। आपको इंटरनेट पर तरह-तरह की वेबसाइट पर कई तरह की दुर्गा माँ स्तुति (Durga Maa Stuti) पढ़ने को मिल जाएगी लेकिन वे केवल और केवल आपको भ्रमित करने का ही प्रयास कर रहे हैं। आइये इसके बारे में विस्तार से नीचे जानते हैं।

दुर्गा मां की स्तुति (Maa Durga Stuti)

दुर्गा माँ की स्तुति की रचना श्री चमन लाल जी भारद्वाज के द्वारा की गयी थी। उन्हें चमन के नाम से भी जाना जाता है। उनके द्वारा लिखी गयी दुर्गा स्तुति की शुरुआत एक पाठ से होती है और फिर दुर्गा प्रार्थना की जाती है। इसके पश्चात दुर्गा स्तुति अध्याय की शुरुआत होती है जिनकी कुल संख्या तेरह है। इस तरह से दुर्गा स्तुति अध्यायों की संख्या 13 हो जाती है और इन सभी को मिलाकर ही दुर्गा स्तुति को पूर्ण माना जाता है।

चमन जी के अनुसार दुर्गा स्तुति के हरेक अध्याय की अपनी अलग महत्ता है और उनका पाठ करने से मिलने वाला फल भी अलग-अलग होता है। ऐसे में प्रत्येक भक्त को दुर्गा स्तुति के सभी अध्यायों का पाठ करना चाहिए। अब आप सोच रहे होंगे कि हम दुर्गा स्तुति को अपने धर्मयात्रा वेबसाइट के इस लेख में क्यों नही लिख रहे हैं या आपको क्यों नहीं दे रहे हैं तो यहाँ हम आपको बता दें कि हम भारतीय कानून के कॉपीराइट नियमों के तहत बंधे हुए हैं।

इस कॉपीराइट नियम के तहत कोई भी व्यक्ति लिखित, मौखिक या ऑनलाइन रूप से श्री चमन लाल जी के द्वारा लिखी गयी दुर्गा माता की स्तुति को कॉपी नहीं कर सकता है और ना ही उसे प्रकाशित कर सकता है। यदि वह ऐसा करते हुए पाया जाता है तो उस पर नियमों के उल्लंघन के तहत विधिक कार्यवाही की जा सकती है। यही कारण है कि आपको कहीं पर भी दुर्गा स्तुति असली वाली नहीं मिलेगी।

अब जब आपने दुर्गा जी की स्तुति को ऑनलाइन सर्च किया होगा तो आपको धर्मयात्रा वेबसाइट के अलावा कई अन्य तरह की वेबसाइट मिली होंगी जहाँ पर अलग-अलग भांत की दुर्गा स्तुति लिखी हुई होंगी। तो यहाँ हम आपको बता दें कि उसमें से कोई भी दुर्गा स्तुति असली नहीं है और वह केवल और केवल आपको भ्रमित करने के लिए डाली गयी है। असली दुर्गा स्तुति वे डाल भी नहीं सकते हैं क्योंकि यह भारतीय कानून का उल्लंघन माना जाएगा।

दुर्गा स्तुति – कॉपीराइट एक्ट (Durga Stuti – Copyright Act)

सर्व साधारण को विशेषकर प्रकाशकों, मुद्रकों, विक्रेताओं तथा संगीत निर्देशकों, गायकों आदि को यह सूचित व सावधान किया जाता है कि चमन लाल जी भारद्वाज ‘चमन’ की विश्व प्रसिद्ध धार्मिक पुस्तक “श्री दुर्गा स्तुति” कॉपीराइट एक्ट (पंजीकरण संख्या एल 7403/76) के अधीन पंजीकृत है तथा इसके सर्वाधिकार जो कि उनके सुपुत्र बृज मोहन भारद्वाज पुस्तकालय के अधीन है।

इस दुर्गा स्तुति के सभी पाठ व स्तोत्र के सर्वाधिकार बृज मोहन भारद्वाज पुस्तकालय द्वारा सुरक्षित है। इसलिए कोई भी प्रकाशक, मुद्रक तथा अन्य सज्जन इस दुर्गा स्तुति का आंशिक या पूर्ण रूप से या तोड़-मरोड़ कर छापने या प्रकाशित करने का साहस ना करे। कोई भी व्यक्ति इस रचना को किसी भी अन्य भाषा में तथा इसमें प्रकाशित किसी भी अंश या चित्रों की नकल करने या इस पाठ की रिकॉर्डिंग करने या करवाने की भी कोशिश ना करे क्योंकि यह पंजीकरण नियम के अधीन अपराध माना जाएगा।

इसका उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध दीवानी व फौजदारी कार्यवाही की जाएगी, जिसमें वे बृज मोहन भारद्वाज पुस्तकालय को हर प्रकार की क्षति, खर्च व हर्जाने के उत्तरदायी होंगे। इस प्रकार की कार्यवाही अमृतसर न्यायालय में की जाएगी।

— जैसा कि बृज मोहन भारद्वाज पुस्तकालय द्वारा रचित श्री दुर्गा स्तुति की पुस्तक में लिखा गया है।

दुर्गा जी की स्तुति – वीडियो (Durga Ji Ki Stuti – Video)

अब आपने ऊपर यह तो जान लिया है कि दुर्गा स्तुति के सभी तरह के कॉपीराइट बृज मोहन भारद्वाज पुस्तकालय के पास है लेकिन वे अपनी इच्छा से या किसी समझौते के तहत इसे किसी को दे सकते हैं। तो इसी के तहत ही उन्होंने दुर्गा स्तुति का पाठ प्रसिद्ध भजन गायिका श्रीमती अनुराधा पौडवाल जी के द्वारा करवाया था। इसके पश्चात अनुराधा जी ने इस सुन्दर दुर्गा स्तुति को अपनी मधुर आवाज दी जिसे यूट्यूब पर टी-सीरीज भक्ति सागर व अनुराधा पौडवाल चैनल के द्वारा प्रसारित किया गया।

ऐसे में हम आपके साथ दोनों ही चैनल की दुर्गा स्तुति वाली यूट्यूब वीडियो साझा करने जा रहे हैं ताकि आप कम से कम उसे सुन तो सकें। वहीं यदि आपको दुर्गा स्तुति को पढ़ना है तो उसके लिए आपको बृज मोहन भारद्वाज पुस्तकालय द्वारा प्रकाशित श्री दुर्गा स्तुति की पुस्तक को खरीदना होगा।

अनुराधा पौडवाल यूट्यूब चैनल द्वारा प्रकाशित श्री दुर्गा स्तुति

टी-सीरीज भक्ति सागर यूट्यूब चैनल द्वारा प्रकाशित दुर्गा मां की स्तुति

माँ दुर्गा स्तुति पढ़ने के नियम (Durga Mata Ki Stuti – Niyam)

आपको इंटरनेट पर अलग-अलग लेखों के माध्यम से मां दुर्गा जी की स्तुति को पढ़ने के तरह-तरह के नियमों के बारे में बताया गया होगा जो कि अधिकतर व्यर्थ में ही लिखे गए होते हैं। पहली बात तो माँ का कोई भी भक्त दुर्गा स्तुति का पाठ कर सकता है और इसके लिए माँ की ओर से किसी तरह की शर्त नहीं रखी गयी है। हालाँकि आपको नैतिक तौर पर कुछ बातों को अवश्य ध्यान में रखना चाहिए।

उदाहरण के तौर पर आप बिना नहाये या नहाने के पश्चात यदि शौच गए हैं तो दुर्गा स्तुति का पाठ करने से बचें। आप जहाँ भी दुर्गा जी की स्तुति का पाठ कर रहे हो, वह जगह स्वच्छ हो अर्थात किसी अनुचित जगह पर माँ दुर्गा स्तुति का पाठ करने से बचें। इसी के साथ ही जब भी आप दुर्गा स्तुति का पाठ करना शुरू करें तो अपने मन को भी शांत रखें और उसमे किसी भी तरह के अनुचित या बुरे विचार ना आने दें।

कुल मिलाकर हमारे कहने का तात्पर्य यह है कि दुर्गा माँ की स्तुति को पढ़ने से पहले जगह, तन व मन का स्वच्छ व निर्मल होना आवश्यक होता है। यदि आप बिना इसके भी दुर्गा मां की स्तुति का पाठ करते हैं तो आपको कोई हानि तो नहीं होगी किन्तु कुछ लाभ भी नहीं मिलेगा। इसलिए यह बहुत ही आवश्यक है कि आप स्नान करके स्वच्छ जगह पर और निर्मल मन के साथ ही दुर्गा स्तुति का पाठ करें।

दुर्गा माँ स्तुति का महत्व (Durga Maa Stuti – Mahatva)

सनातन धर्म में कई तरह की देवियों व उनके तरह-तरह के रूपों के बारे में बात की गयी है तथा उनका महत्व दर्शाया गया है किन्तु उन सभी का आधार माँ आदिशक्ति जिन्हें हम माँ दुर्गा के नाम से भी जानते हैं, वही हैं। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि माँ पार्वती, माँ लक्ष्मी, माँ सरस्वती तथा अन्य देवियाँ माँ दुर्गा का ही एक रूप हैं या उनसे प्रकट हुई हैं। माँ दुर्गा ही इन सभी की आधार देवी मानी जाती हैं।

माँ दुर्गा स्तुति के माध्यम से हम सभी को यह बताने की चेष्ठा की गयी है कि उनके जैसा कोई दूसरा नहीं है और जो व्यक्ति दुर्गा माँ की स्तुति पढ़ता है, उसका उद्धार होना तय है। श्री दुर्गा स्तुति के माध्यम से माँ दुर्गा के गुणों, शक्तियों, पराक्रम, कर्मों, महत्व इत्यादि के बारे में विस्तार से बताया गया है ताकि भक्तगण माँ के पराक्रम बारे में अच्छे से जान सकें। यही दुर्गा स्तुति का महत्व होता है।

दुर्गा जी की स्तुति पढ़ने के फायदे (Durga Stuti In Hindi – Benefits)

अब आपको माँ दुर्गा स्तुति का पाठ करने से क्या कुछ लाभ मिलते हैं, इसके बारे में भी जानना होगा तो हम आपको निराश ना करते हुए इसके बारे में भी बताएँगे। दरअसल दुर्गा स्तुति का पाठ करने से व्यक्ति को एक नहीं बल्कि कई तरह के लाभ देखने को मिलते हैं जो उसके जीवन की दिशा तक को बदल सकते हैं। सीधे शब्दों में कहा जाए तो मां दुर्गा स्तुति का पाठ करने के फायदे बहुत सारे हैं।

जो व्यक्ति नियमित रूप से ऊपर बताये गए नियमों का पालन करते हुए दुर्गा स्तुति पढ़ता है, उसे अवश्य ही इसका प्रभाव कुछ ही सप्ताह में देखने को मिल जाता है। अब इनमे से कौन-कौन से लाभ आपको मिल सकते हैं, वह हम आपको नीचे बताने जा रहे हैं। आइये जाने दुर्गा स्तुति पढ़ने से मिलने वाले लाभ।

  • यदि आपका कोई काम नहीं बन पा रहा है या रह-रह कर उसमें किसी ना किसी तरह की रूकावट आ रही है तो माँ दुर्गा के प्रभाव से वह जल्दी ही बन जाता है।
  • यदि आपका मन खिन्न है या आप किसी बात को लेकर तनाव में हैं तो माँ दुर्गा स्तुति के प्रभाव से मन शांत होता है तथा तनाव दूर हो जाता है।
  • यदि आपको आगे का कोई मार्ग समझ नहीं आ रहा है या जीवन में क्या किया जाए, इसको लेकर चिंतित हैं तो आगे का मार्ग भी सुगम होता है तथा आपको एक नयी राह भी मिलती है।
  • माता दुर्गा के प्रभाव से और उनकी स्तुति के नियमित पाठ से आपका यश परिवार, मित्रों व समाज में फैलता है तथा मान-सम्मान में वृद्धि देखने को मिलती है।
  • यदि आपके ऊपर कोई बुरा साया है या बुरी शक्तियों का प्रभाव है तो वह भी दुर्गा माँ के प्रभाव से समाप्त हो जाता है। यह लाभ तो आपको बस दुर्गा स्तुति के पाठ के कुछ दिनों में ही देखने को मिल जाएगा।

हालाँकि दुर्गा स्तुति को पढ़ने के इनके अलावा भी कई तरह के लाभ देखने को मिलते हैं जो हर व्यक्ति की स्थिति के अनुसार अलग-अलग प्रभाव डालते हैं। फिर भी हमने उनमें से कुछ चुनिंदा लाभों को आपके सामने रखा है ताकि आपको यह पता चल सके कि यदि आप नियमित रूप से दुर्गा स्तुति पढ़ेंगे तो आपके ऊपर उसका क्या प्रभाव होगा।

दुर्गा स्तुति से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: मां दुर्गा की स्तुति कैसे करें?

उत्तर: मां दुर्गा की स्तुति करने के लिए आप स्नान इत्यादि करके के पश्चात स्वच्छ जगह पर निर्मल मन के साथ उसका पाठ करना शुरू करें।

प्रश्न: दुर्गा स्तुति पढ़ने से क्या होता है?

उत्तर: दुर्गा स्तुति पढ़ने से आपको कई तरह के लाभ मिलते हैं। उदाहरण के तौर पर इससे आपका मन शांत होता है, तनाव दूर होता है, आगे का मार्ग सुगम होता है तथा आपके जीवन में जो भी संकट है, वह दूर हो जाते हैं।

प्रश्न: दुर्गा स्तुति कैसे पढ़ी जाती है?

उत्तर: दुर्गा स्तुति को पढ़ने के लिए पहले आपको किसी स्वच्छ जगह का चुनाव करना चाहिए जो आपके घर का मंदिर भी हो सकता है। इसके बाद माँ दुर्गा की मूर्ति या फोटो के सामने दुर्गा स्तुति का पाठ करना शुरू करें।

प्रश्न: दुर्गा स्तुति का पाठ करने से क्या होता है?

उत्तर: दुर्गा स्तुति का पाठ करने से आपको कई तरह के लाभ मिलते हैं जिसमे आपका मानसिक व आध्यात्मिक विकास होना मुख्य है।

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लेखक के बारें में: कृष्णा

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