नवरात्रि में नवदुर्गा की पूजा करते समय नौ देवियों के मंत्र (9 Devi Mantra) का जाप किया जाता है। माँ दुर्गा के हरेक रूप का महत्व व गुण अलग-अलग है। उनके रूप के अनुसार ही हमें निश्चित फल की प्राप्ति होती है। हर घर में नवरात्र की पूजा करते समय माँ को विशेष भोग लगाया जाता है और उनकी आरती उतारी जाती है।
ऐसे में आपको हर दिन माँ के रूप के अनुसार उनके मंत्र का जाप करना चाहिए। इसे नवरात्रि मंत्र (Navratri Mantra) के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि माँ के नौ रूपों की सामूहिक पूजा नवरात्रि के नौ दिनों में ही की जाती है। इस लेख में हम आपको नौ देवी के मंत्र बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं।
Navratri Mantra | नौ देवियों के मंत्र
नवरात्र के पवन अवसर पर हम मातारानी के नौ रूपों की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ करते हैं। माँ के नौ रूपों के नाम शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी व सिद्धिदात्री है। अब इनका हरेक रूप का अपना अलग महत्व है और उनसे जुड़ी कथा भी अलग होती है।
ऐसे में नवरात्र के दिनों में माँ के हरेक रूप की पूजा करने से हमारे ऊपर सभी की कृपा बरसती है। यदि माँ के सभी रूपों की हम पर कृपा हो जाए तो हमारा उद्धार तय है। हालाँकि इसके लिए आपको सच्चे मन के साथ नवरात्रि मंत्र (Navratri Mantra) का जाप करना होगा। ऐसे में आइए जाने उनके हरेक रूप के अनुसार नौ देवी के मंत्र।
#1. माँ शैलपुत्री मंत्र
माँ शैलपुत्री की कृपा से हमारा मूलाधार अर्थात केंद्र बिंदु मजबूत बनता है। इससे हम आत्म-मंथन कर पाते हैं और स्वयं की पहचान कर पाते हैं। जिस मनुष्य ने स्वयं को अर्थात आत्म को पहचान लिया, वह जीवन में बहुत कुछ कर सकता है। इसलिए आपको भी सच्चे मन के साथ माँ शैलपुत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।
वन्दे वांच्छितलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
#2. माँ ब्रह्मचारिणी मंत्र
माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से हमारा स्वाधिष्ठान चक्र मजबूत होता है। इसके मजबूत होने से हमारा विश्वास मजबूत बनता है। एक तरह से यह आत्म-विश्वास को बढ़ाने का कार्य करता है। इसके लिए आपको माँ ब्रह्मचारिणी मंत्र का जाप नवरात्र के दूसरे दिन करना होता है।
दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥
#3. माँ चंद्रघंटा मंत्र
माँ चंद्रघंटा की कृपा से हमारा मणिपुर चक्र मजबूत होता है। मणिपुर चक्र के मजबूत होने से आपके मन में जो भी भय या किसी चीज़ का डर है, वह स्वतः ही दूर होता चला जाता है। इससे आप साहसी प्रवृत्ति के बनते हैं। इसलिए माँ चंद्रघंटा मंत्र का जाप किया जाना चाहिए।
पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥
#4. माँ कुष्मांडा मंत्र
माँ कूष्मांडा की कृपा से हमारा अनाहत चक्र सक्रिय होता है। इसके सक्रिय होने से हमारा स्वस्थ्य ठीक रहता है। आप शारीरिक व मानसिक रूप से खुद को और मजबूत पाते हैं। इसलिए माँ कुष्मांडा मंत्र का जाप किया जाना भी बहुत महत्वपूर्ण है।
सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
#5. माँ स्कंदमाता मंत्र
माँ स्कंदमाता की कृपा से हमारा विशुद्ध चक्र मजबूत बनता है। इनकी कृपा से हमारा मन संयमित रहता है और उससे इधर-उधर भटकने से रोका जा सकता है। माँ स्कंदमाता मंत्र की कृपा से भक्तों को संतान प्राप्ति भी होती है।
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
#6. माँ कात्यायनी मंत्र
माँ कात्यायनी हमारे आज्ञा चक्र को मजबूत करने का काम करती है। माँ की कृपा से हमारे सभी तरह के संकट दूर होते हैं और शत्रुओं का नाश होता है। माँ कात्यायनी मंत्र बहुत ही शक्तिशाली होता है जो आपकी सभी समस्याओं को दूर कर सकता है।
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहन।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी॥
#7. माँ कालरात्रि मंत्र
माँ कालरात्रि का रूप बहुत ही भयंकर है लेकिन उनका ये रूप भक्तों को डराने के लिए नहीं अपितु दुष्टों के लिए है। माँ कालरात्रि मंत्र के जाप से भक्तों के जीवन को अग्नि, जल व अंधकार से कोई संकट नहीं रहता है।
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।
वर्धन्मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयन्करि॥
#8. माँ महागौरी मंत्र
माँ महागौरी की पूजा मुख्य तौर पर महिलाओं के द्वारा की जाती है। इनकी कृपा से उनके सुहाग की रक्षा होती है। साथ ही पुरुषों का अपनी पत्नी के साथ संबंध मधुर होता है। इस कारण माँ महागौरी मंत्र का जाप किया जाता है।
श्वेते वृषे समारुढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥
#9. माँ सिद्धिदात्री मंत्र
माँ सिद्धिदात्री सभी तरह की सिद्धियों को प्रदान करती है। कुल आठ सिद्धियाँ होती है जो माँ सिद्धिदात्री की कृपा से भक्तों को मिलती है। ऐसे में माँ सिद्धिदात्री मंत्र का जाप करने से माँ जल्दी प्रसन्न होती है और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती है।
सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥
इस तरह से आज आपने नौ देवियों के मंत्र (9 Devi Mantra) व उनके जाप से क्या कुछ लाभ हो सकता है, के बारे में जान लिया है। नवरात्रि के दिनों में इन मंत्रों का जाप करने से आपको अप्रत्याशित लाभ देखने को मिल सकते हैं।
नौ देवियों के मंत्र से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: नवरात्रि में कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?
उत्तर: नवरात्रि में नौ देवी के मंत्र का जाप किया जाना चाहिए। इस लेख में हमने माँ के सभी नौ रूपों से संबंधित नौ मंत्रों को दिया है जिसे आपको पढ़ना चाहिए।
प्रश्न: नवरात्रि में कौन सा मंत्र शक्तिशाली है?
उत्तर: नवरात्रि में नौ देवियों के नौ मंत्रों का जाप किया जाता है। यह उनके भिन्न-भिन्न रूप को समर्पित है। ऐसे में माँ कात्यायनी मंत्र को सबसे शक्तिशाली माना जाता है।
प्रश्न: नवरात्रि के 9 दिन का मंत्र क्या है?
उत्तर: नवरात्रि के 9 दिन का मंत्र एक नहीं बल्कि नौ होते हैं। यह मातारानी के हरेक रूप को समर्पित होते हैं। इन सभी नौ मंत्रों को हमने इस लेख में दिया है।
प्रश्न: नवरात्रि में कौन सा मंत्र सिद्ध करें?
उत्तर: नवरात्रि में आप मातारानी के रूप के अनुसार किसी भी मंत्र को सिद्ध कर सकते हैं। माँ का हरेक रूप की पूजा अलग-अलग कार्यों की पूर्ति हेतु की जाती है। ऐसे में मंत्र को सिद्ध करने का दायित्व भी कार्य पर निर्भर करता है।
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