प्रेम मंदिर किसने बनवाया है? जाने प्रेम मंदिर का इतिहास

Prem Mandir Kahan Hai

प्रेम मंदिर के बारे में आपने बहुत कुछ सुन रखा होगा और बहुत लोग तो अभी तक इसके दर्शन भी कर चुके होंगे। हालाँकि अभी भी बहुत लोगों के यह प्रश्न होते हैं कि प्रेम मंदिर कहां है (Prem Mandir Kahan Hai), प्रेम मंदिर किसने बनवाया है, प्रेम मंदिर कितने किलोमीटर है, प्रेम मंदिर खुलने का समय क्या है, इत्यादि।

ऐसे में आज हम आपके हरेक प्रश्न का उत्तर देंगे। इससे आपको प्रेम मंदिर का रहस्य जानने में मदद मिलेगी। एक तरह से प्रेम मंदिर को लेकर आपके मन में जो भी आशंका या प्रश्न हैं, वह इस लेख को पढ़कर दूर हो जाएंगे। आइए जाने प्रेम मंदिर का इतिहास (Prem Mandir History In Hindi) व उससे जुड़ी हरेक जानकारी।

Prem Mandir History In Hindi | प्रेम मंदिर का इतिहास

वृंदावन में स्थित प्रेम मंदिर राधा-कृष्ण को समर्पित एक भव्य मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण बहुत पहले नहीं किया गया था बल्कि यह लगभग दो दशक पहले ही बनना शुरू हुआ था। 14 जनवरी 2001 में प्रेम मंदिर को बनवाने के लिए आधारशिला रखी गई थी। इसके बाद से ही मंदिर का निर्माण कार्य विशाल स्तर पर शुरू कर दिया गया था।

मंदिर की भव्यता का अनुमान आप इसी बात से ही लगा सकते हैं कि इसे बनने में लगभग 11 वर्षों का समय लग गया। अन्तंतः वर्ष 2012 में प्रेम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो पाया था। 17 फरवरी 2012 को प्रेम मंदिर का उद्घाटन कर इसे आम भक्तों के लिए खोल दिया गया। इसके बाद हर वर्ष करोड़ों श्रद्धालु जो वृंदावन की यात्रा करने आते हैं, वे साथ ही प्रेम मंदिर के दर्शन करने हेतु भी आते हैं।

अब आपके प्रेम मंदिर को लेकर कई तरह के प्रश्न होंगे जो प्रेम मंदिर के निर्माण, खुलने व बंद होने के समय, भव्यता इत्यादि से संबंधित होंगे। ऐसे में अब हम आपके हरेक प्रश्न का उत्तर देने जा रहे हैं। चलिए शुरू करते हैं।

  • प्रेम मंदिर किसने बनवाया है?

प्रेम मंदिर का निर्माण पांचवें जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज के द्वारा करवाया गया था। वे कृष्ण जी के अनन्य भक्त थे और हमेशा उन्हीं के प्रेम में ही डूबे रहते थे। श्रीकृष्ण के प्रेम स्वरुप के ऊपर ही उन्होंने इस मंदिर का नाम भी प्रेम मंदिर रखा था।

कृपालु जी महाराज का जन्म 5 अक्टूबर 1922 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में हुआ था। प्रेम मंदिर उद्घाटन के एक वर्ष पश्चात ही 91 वर्ष की आयु में 15 नवंबर 2013 को उनका देहांत हो गया था। उन्होंने ही जगद्गुरु कृपालु परिषद की स्थापना की थी जिसके 5 आश्रम हैं। एक आश्रम अमेरिका में तो 4 आश्रम भारत देश में है।

  • प्रेम मंदिर की लागत

प्रेम मंदिर को बनाने में लगभग 11 वर्ष का समय लगा था। यह एक बहुत ही भव्य मंदिर है जो विशाल प्रांगन में फैला हुआ है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार प्रेम मंदिर निर्माण में कुल 150 करोड़ की लागत आई थी।

  • Prem Mandir Kahan Hai | प्रेम मंदिर कहां है?

बहुत से लोग ऐसे हैं जो प्रेम मंदिर कहाँ पर है, इसको लेकर शंका में रहते हैं। कुछ लोगों को लगता है कि प्रेम मंदिर मथुरा शहर में ही स्थित है जो कृष्ण जन्मभूमि के आसपास होगा तो कोई इसे बरसाना या नंद गाँव में समझ लेते हैं। तो आज हम आपको बता देते हैं कि प्रेम मंदिर मथुरा नगरी में ही वृंदावन गाँव में स्थित है।

वृंदावन गाँव का श्रीकृष्ण से सबसे अनोखा रिश्ता है। यहाँ की हरेक गली में आपको कृष्ण जी को समर्पित मंदिर मिल जाएंगे। एक अनुमान के अनुसार वृंदावन में ही हजारों कृष्ण मंदिर बने हुए हैं। इसी में एक प्रेम मंदिर भी है जो श्री कृपालु महाराज जी मार्ग पर बना हुआ है। इस मार्ग पर ज्यादातर जाम ही लगा रहता है। मुख्य तौर पर शाम के समय यहाँ बहुत ज्यादा भीड़ रहती है।

  • प्रेम मंदिर कहां स्थित है?

प्रेम मंदिर उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा जिले के वृंदावन गाँव में स्थित (Prem Mandir Kahan Sthit Hai) है। यह दिल्ली-आगरा-कोलकाता के राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 2 पर श्री कृपालु महाराज जी मार्ग पर स्थित है। प्रेम मंदिर का संपूर्ण पत्ता प्रेम मंदिर, श्री कृपालु महाराज जी मार्ग, रमण रेती, वृंदावन, मथुरा, उत्तर प्रदेश है।

प्रेम मंदिर पहुंचना बहुत ही आसान है। यहाँ पर आप किसी भी साधन से ट्रेन, बस या स्वयं के वाहन से पहुँच सकते हैं। यदि आप ट्रेन से आ रहे हैं तो मथुरा रेलवे स्टेशन पर उतरें। वहां से आपको ऑटो मिल जाएगा जो आपको वृंदावन में प्रेम मंदिर छोड़ देगा। आप चाहें तो बस, कार या बाइक से भी वृंदावन पहुँच सकते हैं। दिल्ली से मथुरा का रास्ता मात्र 2 से 3 घंटे का ही है।

  • प्रेम मंदिर कितने किलोमीटर है?

प्रेम मंदिर 54 एकड़ में फैला हुआ है जिसकी ऊंचाई 125 फुट, लंबाई 122 फुट और चौड़ाई 115 फुट है। जब आप मंदिर में प्रवेश करेंगे तो एक विशाल प्रागंन देखने को मिलेगा। इसके अलावा इसी विशाल प्रागंन में भगवान श्री कृष्ण के जीवन से जुड़ी विशाल झांकियां भी देखने को मिलेगी। यह विशाल झांकियां एक दम सजीव जान पड़ती है क्योंकि यहाँ भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से जुड़ी विभिन्न कथाओं को मूर्त रूप दिया गया है।

कुछ विशाल मूर्तियों को हिलते हुए भी दिखाया गया है जैसे कि पूतना का वध करना, भगवान कृष्ण की गोपियों के साथ रासलीला, राधा-कृष्ण का प्रेम इत्यादि। इसी के साथ आपको यहाँ अन्य झांकियां भी देखने को मिलेगी जैसे कि शेषनाग का वध, लड्डू गोपाल का माखन चुराना, गायों को चराना इत्यादि। इस विशाल प्रागंन में आपको ऐसी ही कई झांकियां देखने को मिलेगी जो हर समय यहाँ आने वाले श्रद्दालुओं के लिए सजी रहती है।

आपको यहाँ अद्भुत कलाकारी भी देखने को मिलेगी। मंदिर को राजस्थानी सफेद संगमरमर के पत्थरों से बनाया गया है। साथ ही मंदिर की दीवारों पर चारों ओर भगवान श्री कृष्ण के जीवन से जुड़ी विभिन्न नक्काशियां की गई है। मंदिर के अंदर का दृश्य इतना मनोहर है कि आप पलकें तक नही झपका पाएंगे। अंदर विभिन्न प्रकार की रोशनी से मंदिर इतना सुंदर दिखाई पड़ता है कि आपका वहां से जाने का मन शायद ही करे। मंदिर के गर्भ गृह में राधा कृष्ण की मूर्ति रखी हुई है।

  • प्रेम मंदिर का रहस्य

मंदिर के मुख्य देवी-देवता राधा-कृष्ण हैं जिनकी मूर्ति मुख्य गर्भग्रह में विराजमान है।इसकी उपरी मंजिल पर श्रीराम दरबार है। मुख्य गर्भग्रह की बाहरी दीवारों पर भगवान श्रीकृष्ण की संपूर्ण जीवनलीला को उकेरा गया है जो आप चारों ओर घूम कर देख सकते हैं। मंदिर में कुल 94 स्तम्भ हैं जिनमें विभिन्न प्रकार की नक्काशी की गई है। कई जगह सरल भाषा में कृष्ण गीत व भजन लिखे गए हैं।

  • प्रेम मंदिर रात का सीन

प्रेम मंदिर में जाने का सबसे उत्तम समय दिन ढ़लने के बाद का है क्योंकि उस समय मंदिर में विभिन्न प्रकार की रोशनी करके उसे अलग-अलग रंग दिए जाते हैं। आप देखेंगे कि हर पल मंदिर का रंग बदल रहा है जो अपने आप में एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है। मंदिर के चारों ओर विभिन्न प्रकार की रोशनी से मंदिर को अलग-अलग प्रकार के रंग दिए जाते हैं जैसे कि कभी लाल, नीला, नारंगी, हरा, पीला इत्यादि।

इसी के साथ शाम में यहाँ एक वॉटर शो का भी आयोजन किया जाता है जहाँ भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं को पानी व फव्वारे के माध्यम से दर्शकों को दिखाया जाता है। इस वॉटर शो को देखने के लिए किसी प्रकार की फीस भी नही है।

प्रेम मंदिर टाइमिंग

अब जब आप प्रेम मंदिर के बारे में इतना सब जान रहे हैं तो अवश्य ही आपका मन भी प्रेम मंदिर में जाने का हो रहा होगा। ऐसे में प्रेम मंदिर के समय के बारे में जानना भी आवश्यक हो जाता है। प्रेम मंदिर प्रातः 5 बजकर 30 मिनट पर भक्तों के लिए खुलता है शाम 8 बजकर 30 मिनट पर बंद हो जाता है।

हालाँकि दोपहर में मंदिर बंद रहता है और फिर शाम में फिर से इसके दरवाजे भक्तों के लिए खोल दिए जाते हैं। दोपहर में लगभग 12:30 के आसपास मंदिर के दरवाजे भक्तों के लिए बंद कर दिए जाते हैं। इसके बाद शाम को 4:30 पर प्रेम मंदिर के दरवाजे आप सभी के लिए खोले जाते हैं।

  • प्रेम मंदिर खुलने का समय

अब यदि आप सोच रहे हैं कि प्रेम मंदिर के खुलने का समय सर्दियों या गर्मियों के लिए भिन्न है तो आंशिक तौर पर आप सही भी हैं। दरअसल गर्मियों के समय में तो प्रेम मंदिर के दरवाजे 5 से 5:30 बजे के बीच में खोल दिए जाते हैं लेकिन भीषण सर्दियों के समय में यह 6 बजे के बाद भी भक्तों के लिए खुल सकते हैं।

सामान्य तौर पर जब अँधेरा छंटने लगता है और रोशनी होने लगती है तब प्रेम मंदिर के दरवाजे भक्तों के लिए खोल दिए जाते हैं। इसके बाद दोपहर में दरवाजों के बंद होने के बाद शाम को 4:30 के आसपास मंदिर के खुलने का समय होता है। शाम का समय सर्दी व गर्मी दोनों के लिए ही एक जैसा है।

  • प्रेम मंदिर बंद होने का समय

आपने ऊपर यह तो जान लिया कि प्रेम मंदिर के दरवाजे भक्तों के लिए 12:30 बजे के बाद और शाम को 8:30 बजे बंद हो जाते हैं। ऐसे में यदि आप सोच रहे हैं कि आप दोपहर में 12 बजे के आसपास मंदिर में प्रवेश कर लेंगे या शाम में 8 बजे के बाद चले जाएंगे तो आपको प्रवेश नहीं मिलेगा।

सामान्य तौर पर प्रेम मंदिर के सिक्योरिटी गार्ड व अन्य स्टाफ आपको मंदिर बंद होने के लगभग एक घंटा पहले से प्रवेश दे देते हैं लेकिन यदि आप एकदम अंत समय के आसपास मंदिर में जाएंगे तो आपको प्रवेश नहीं मिलेगा

प्रेम मंदिर घूमने में कितना समय चाहिए?

यह मंदिर इतना विशाल व अद्भुत है कि आपको संपूर्ण मंदिर घूमने के लिए कम से कम 2 से 3 घंटे का समय तो चाहिए। मंदिर के आसपास भी देखने के बहुत स्थल हैं जिसे पूरी तरह से देखने में आपको इतना समय तो लगेगा ही।

प्रेम मंदिर के आस पास घूमने के स्थल

इसी के साथ आप वृंदावन में प्रेम मंदिर के साथ-साथ कुछ अन्य मंदिरों व स्थलों का भ्रमण कर सकते हैं। वृंदावन में अन्य मुख्य स्थलों में बांके बिहारी मंदिर, कृष्ण बलराम मंदिर (इस्कॉन मंदिर), निधिवन, गोविंद देव जी मंदिर, वैष्णो देवी मंदिर व माँ कात्यायनी पीठ है, जहाँ आपको अवश्य होकर आना चाहिए।

निष्कर्ष

इस तरह से आज के इस लेख के माध्यम से आपने प्रेम मंदिर का इतिहास (Prem Mandir History In Hindi) सहित अन्य सभी महत्वपूर्ण जानकारी ले ली है। वृंदावन में स्थित यह प्रेम मंदिर आधुनिक स्थापत्य काला का एक उत्कृष्ट नमूना है जिसे आपको अवश्य देखना चाहिए। इसकी सुंदरता का मनोहर दृश्य देखने के लिए आपको दिन छिपने के बाद लेकिन 8 बजे से पहले जाना चाहिए।

प्रेम मंदिर के इतिहास से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: प्रेम मंदिर क्यों बनाया गया?

उत्तर: प्रेम मंदिर का निर्माण जगद्गुरु कृपालु जी महाराज के द्वारा करवाया गया था वे श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त थे और इसी भक्ति के फलस्वरूप उन्होंने प्रेम मंदिर का निर्माण करवाया था

प्रश्न: राधा कृष्ण प्रेम मंदिर कहां है?

उत्तर: राधा कृष्ण प्रेम मंदिर उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा जिले के वृंदावन गाँव में स्थित है यह कृपालु महाराज जी मार्ग पर स्थित एक भव्य मंदिर है

प्रश्न: प्रेम मंदिर में किसकी मूर्ति है?

उत्तर: प्रेम मंदिर के प्रथम तल पर राधा-कृष्ण जी की मूर्ति स्थापित है तो वहीं दूसरे तल पर सीता-राम की मूर्ति स्थापित है

प्रश्न: प्रेम मंदिर में क्या प्रसिद्ध है?

उत्तर: प्रेम मंदिर का विशाल प्रांगन, तरह-तरह की झांकियां, मंदिर में की गई नक्काशियां और मंदिर का बदलता रंग वहां की प्रमुख विशेषताओं में से एक है

नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘‍♂️, घरेलू नुस्खे 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। उनके लिंक हैं:

अन्य संबंधित लेख:

Recommended For You

लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझ से किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *