आज हम आपके साथ शारदा माता की आरती (Sharda Mata Ki Aarti) का पाठ करने जा रहे हैं। जब हम स्कूल में पढ़ते थे, तब अवश्य ही हम सभी ने शारदा माता की प्रार्थना की होगी। इससे हमें पता चलता है कि शारदा माता का संबंध विद्या से है अर्थात वे सरस्वती माता का ही एक रूप मानी जाती हैं।
आज के इस लेख में आपको शारदा आरती हिंदी में (Sharda Mata Aarti) भी पढ़ने को मिलेगी ताकि आप उसका भावार्थ समझ सकें। अंत में आपको शारदा आरती के लाभ व महत्व भी जानने को मिलेंगे। आइए सबसे पहले पढ़ते हैं शारदा मैया की आरती।
Sharda Mata Ki Aarti | शारदा माता की आरती
भुवन विराजी शारदा महिमा अपरम्पार।
भक्तों के कल्याण को धरो मात अवतार॥
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-2
नित गाऊँ मैया नित गाऊँ-2
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-2
श्रद्धा का दीया प्रीत की बाती असुअन तेल चढ़ाऊँ
श्रद्धा का दीया प्रीत की बाती असुअन तेल चढ़ाऊँ। दर्श तोरे पाऊँ
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-3
मन की माला आँख के मोती भाव के फूल चढ़ाऊँ
मन की माला आँख के मोती भाव के फूल चढ़ाऊँ। दर्श तोरे पाऊँ
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-3
बल को भोग स्वांस दिन राती कंधे से विनय सुनाऊँ
बल को भोग स्वांस दिन राती कंधे से विनय सुनाऊँ। दर्श तोरे पाऊँ
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-3
तप को हार कर्ण को टीका ध्यान की ध्वजा चढ़ाऊँ
तप को हार कर्ण को टीका ध्यान की ध्वजा चढ़ाऊँ। दर्श तोरे पाऊँ
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-3
माँ के भजन साधु सन्तन को आरती रोज सुनाऊँ
माँ के भजन साधु सन्तन को आरती रोज सुनाऊँ। दर्श तोरे पाऊँ
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-3
सुमर-सुमर माँ के जस गावें चरनन शीश नवाऊँ
सुमर-सुमर माँ के जस गावें चरनन शीश नवाऊँ। दर्श तोरे पाऊँ
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-3
भुवन विराजी शारदा महिमा अपरम्पार।
भक्तों के कल्याण को धरो मात अवतार॥
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-2
नित गाऊँ मैया नित गाऊँ-2
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-2
Sharda Mata Aarti | शारदा आरती हिंदी में – अर्थ सहित
शारदा माता का संबंध माता सती के एक शक्तिपीठ से है जो मध्य प्रदेश राज्य के सतना जिले में स्थित है। यहाँ माता सती के गले का हार गिरा था जिस कारण इसे मैहर भी कहते हैं।
भुवन विराजी शारदा महिमा अपरम्पार।
भक्तों के कल्याण को धरो मात अवतार॥
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ
इस भवन पर वास करने वाली शारदा माता!! आपकी महिमा अपरंपार है। अपने भक्तों के कल्याण के उद्देश्य से ही आपने अपना यह अवतार लिया है। हे शारदा माता!! मैं आपके दरबार में प्रतिदिन आपकी आरती करता हूँ।
श्रद्धा का दीया प्रीत की बाती असुअन तेल चढ़ाऊँ
श्रद्धा का दीया प्रीत की बाती असुअन तेल चढ़ाऊँ। दर्श तोरे पाऊँ
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-3
मैं आपके दरबार में श्रद्धा रुपी दीपक रखता हूँ तो उसमे प्रेम की बाती प्रज्ज्वलित करता हूँ। उसमे मैं भक्ति का तेल अर्पित करता हूँ। मैं आपके दर्शन पाने को उत्सुक हूँ और आपके दरबार में शारदा माता की आरती करता हूँ।
मन की माला आँख के मोती भाव के फूल चढ़ाऊँ
मन की माला आँख के मोती भाव के फूल चढ़ाऊँ। दर्श तोरे पाऊँ
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-3
मैं आपको अपने मन रुपी माला चढ़ाता हूँ तो वहीं अपनी आँखों को मोती स्वरुप आपको भेंट करता हूँ। इनके साथ ही मैं आपको अपने भावों के पुष्प अर्पित करता हूँ। मैं आपके दर्शन करने को उत्साहित हूँ और शारदा माँ की आरती प्रतिदिन करता हूँ।
बल को भोग स्वांस दिन राती कंधे से विनय सुनाऊँ
बल को भोग स्वांस दिन राती कंधे से विनय सुनाऊँ। दर्श तोरे पाऊँ
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-3
मैं आपको अपनी शक्ति का भोग लगाता हूँ तो वहीं मेरी साँसे आपके ही नाम हैं। इसी के साथ ही मैं अपने कंधे झुकाकर आपके सामने प्रार्थना करता हूँ कि अब आप मुझे अपने दर्शन दीजिये। इसी आशा के साथ मैं आपके दरबार में माँ शारदा की आरती करता हूँ।
तप को हार कर्ण को टीका ध्यान की ध्वजा चढ़ाऊँ
तप को हार कर्ण को टीका ध्यान की ध्वजा चढ़ाऊँ। दर्श तोरे पाऊँ
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-3
मैं अपनी तपस्या को हार स्वरुप आपको पहनाता हूँ तो वहीं अपनी सुनने की शक्ति का तिलक आपको लगाता हूँ। इसी के साथ ही मैं अपने ध्यान अर्थात चेतना की ध्वजा आपको अर्पित करता हूँ और आपके दर्शन को तत्पर हूँ। मैं प्रतिदिन ही आपके दरबार में शारदा माँ की आरती करता हूँ।
माँ के भजन साधु सन्तन को आरती रोज सुनाऊँ
माँ के भजन साधु सन्तन को आरती रोज सुनाऊँ। दर्श तोरे पाऊँ
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-3
मैं शारदा माता के भजन व आरती प्रतिदिन ही साधु-संतों को सुनाता हूँ। मैं आपके दर्शनों का अभिलाषी हूँ और आपके दरबार में प्रतिदिन शारदा मां की आरती करता हूँ।
सुमर-सुमर माँ के जस गावें चरनन शीश नवाऊँ
सुमर-सुमर माँ के जस गावें चरनन शीश नवाऊँ। दर्श तोरे पाऊँ
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-3
मैं प्रतिदिन ही शारदा माता के यश का वर्णन करता हूँ और उनके चरणों में प्रणाम करता हूँ। मैं शारदा माता के दर्शन करने को उत्साहित हूँ और प्रतिदिन सच्चे मन से उनके दरबार में शारदा आरती करता हूँ।
शारदा मैया की आरती का महत्व
शारदा माता की आरती के माध्यम से माता शारदा के महत्व के बारे में बताया गया है। ऊपर का लेख पढ़कर आपने जाना कि माता शारदा की क्या कुछ शक्तियां हैं, उनका क्या औचित्य है, वे किन गुणों का प्रतिनिधित्व करती हैं, मैहर माता के रूप में उनकी मान्यता क्यों है तथा उनका माँ आदि शक्ति के द्वारा प्रकटन किस उद्देश्य के तहत किया गया था।
तो यही सब बातें आम जन को बताने और माता शारदा का महत्व बताने के लिए ही यह शारदा मैया की आरती लिखी गयी है। इसे नित्य रूप से पढ़कर हमें शारदा माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है जिससे हमारा जीवन सुखमय बन जाता है। यही शारदा माता आरती का महत्व होता है।
शारदा आरती के लाभ
जो व्यक्ति नित्य रूप से शारदा माता की आरती को पढ़ता है या सुनता है, उसके सभी काम बन जाते हैं। मां शारदा उससे बहुत प्रसन्न होती हैं और उसकी हर मनोकामना को पूरा कर देती हैं। शारदा मैया की आरती के प्रतिदिन पाठ से ना केवल एक व्यक्ति अपनी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करता है बल्कि उसका करियर भी बन जाता है। यदि वह नौकरी कर रहा है तो वहां उसका प्रोमोशन होता है तो वहीं व्यवसाय में उन्नति देखने को मिलती है।
इसी के साथ ही उस व्यक्ति के जीवन में भी कई तरह के ऐसे अवसर आते हैं जो उसे तेज गति से आगे बढ़ाने में सहायक होते हैं। घर में भी सुख-शांति का वास होता है तथा सभी काम आसानी से बन जाते हैं। व्यक्ति का मान-सम्मान बढ़ता है तथा उसके यश में वृद्धि देखने को मिलती है। यही शारदा मैया की आरती को पढ़ने के मुख्य लाभ होते हैं। ऐसे में हर किसी को प्रतिदिन शारदा माता आरती का पाठ करना चाहिए।
निष्कर्ष
आज के इस लेख के माध्यम से आपने शारदा माता की आरती हिंदी में अर्थ सहित (Sharda Mata Ki Aarti) पढ़ ली हैं। साथ ही आपने शारदा मैया की आरती के लाभ और महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।
शारदा माता की आरती से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: मैहर माता की आरती कितने बजे होती है?
उत्तर: मैहर माता की आरती ग्रीष्म काल में सुबह 6 बजे व शाम में 7 बजे होती है तो वहीं शरद ऋतु में सुबह 7 बजे व शाम में 6 बजे होती है।
प्रश्न: शारदा माता की चढ़ाई कितनी है?
उत्तर: शारदा माता 51 शक्तिपीठों में से एक है जिनका मंदिर मध्य प्रदेश के सतना जिले में एक पहाड़ी पर स्थित है। यहाँ तक पहुँचने के लिए कुल 1,063 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती है या फिर आप रोप वे की सहायता से वहां पहुँच सकते हैं।
प्रश्न: मैहर माता की पूजा कौन करता है?
उत्तर: मैहर माता की पूजा कोई भी कर सकता है। वैसे मान्यता है कि मैहर माता के प्रसिद्ध भक्त आल्हा अभी भी सुबह के समय 4 बजे मैहर माता की पूजा करने उनके मंदिर में आते हैं।
प्रश्न: मैहर मंदिर सुबह कितने बजे खुलता है?
उत्तर: मैहर मंदिर सुबह के समय लगभग 5 बजे के पास खुल जाता है और शाम में 9 बजे के आसपास मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।
प्रश्न: शारदा मंदिर में कितनी सीढ़ियां हैं?
उत्तर: शारदा मंदिर में कुल 1,063 सीढ़ियां हैं जिस पर चढ़कर आप मातारानी के दर्शन कर पाएंगे किन्तु आप चाहें तो रोप वे की सहायता से भी मंदिर पहुँच सकते हैं।
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