Surya Ko Jal Dene Ki Vidhi: सूर्य को जल देने की विधि व 10 नियम

सूर्य को जल चढ़ाने का सही तरीका

सूर्य को जल चढ़ाने का सही तरीका (Surya Arghya Vidhi) क्या है? हम सभी यह तो जानते हैं कि सूर्य देव को जल चढ़ाना चाहिए लेकिन उसके नियम क्या हैं, यह सभी को नहीं पता होते हैं। यदि पता भी होते हैं तो सभी नियम नहीं पता होते हैं। इस कारण सूर्य देव को जल चढ़ाने का पूरा लाभ हमे नहीं मिल पाता है। इसलिए आपको सूर्य को जल चढ़ाने का समय व अन्य नियम पता होने चाहिए।

इसलिए आज हम आपके साथ सूर्य को जल देने की विधि (Surya Ko Jal Dene Ki Vidhi) नियम सहित सांझा करने वाले हैं। इससे आपको सूर्य को जल चढ़ाने के नियम क्या होते हैं और उस समय आपको किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इसके बारे में जानकारी मिल जाएगी।

Surya Arghya Vidhi | सूर्य को जल चढ़ाने का सही तरीका

सूर्य देव को जल चढ़ाने के मुख्य रूप से 10 नियम होते हैं। यदि कोई व्यक्ति सूर्य देव को जल चढ़ा रहा है तो उसे इन 10 नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। यदि कोई चीज़ विधिपूर्वक की जाती है तो आपको उसका संपूर्ण लाभ देखने को मिलता है। इन नियमों में सूर्य को जल देने का सही समय, सही मंत्र, दिशा इत्यादि के बारे में जानकारी निहित है।

इसलिए अब हम आपके सामने एक-एक करके सूर्य को जल देने के नियम (Surya Ko Jal Kaise Chadhaye) रखने जा रहे हैं। आइये जाने इनके बारे में।

#1. सूर्य को जल चढ़ाने का समय

कुछ लोग समझते हैं कि वे जब भी उठे तो उस समय नहा धोकर सूर्य देव को जल दे सकते हैं फिर चाहे सुबह के 9 बजे हो या उससे भी ज्यादा किंतु यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है। सूर्य देव को जल देने का एक निश्चित समय निर्धारित किया गया है व हमे उसी समय सूर्य देव को अर्घ्य दे देना चाहिए।

सूर्य को जल देने का सही समय सूर्योदय का समय होता है। इसलिए जब भी सूर्य के उदय का समय हो रहा हो, उस समय सूर्य देव को जल चढ़ा देना चाहिए। यह समयसीमा सूर्योदय होने के एक से दो घंटे की ही होती है अर्थात सूर्योदय होने के बाद अधिकतम दो घंटे तक हम उन्हें जल अर्पण कर सकते हैं, उसके बाद तो बिल्कुल भी नहीं।

ऐसा इसलिए क्योंकि धीरे-धीरे सूर्य की किरणों का प्रभाव तेज होता जाता है। ऐसे में यह प्रक्रिया हमें लाभ देने के स्थान पर हानि अधिक पहुंचा सकती है। कुछ लोग सूर्यास्त के समय भी सूर्य को अर्घ्य देते हैं जो कि गलत नहीं कहा जा सकता। दरअसल सूर्य को अर्घ्य तब दिया जाना चाहिए जब उसकी किरणों का प्रभाव कम हो।

#2. सूर्य को जल देने की दिशा

यह आवश्यक नहीं कि सूर्य हमेशा हमें दिखे अर्थात कभी बादलवाही का मौसम हो या धुंध या कोहरा अत्यधिक हो या फिर कोई और कारण हो जिस कारण हमें सूर्य देव के दर्शन ना हो। ऐसे में सूर्योदय होने का समय नहीं बदलता, इसलिए आप जल देने की प्रक्रिया ना छोड़ें।

यह तो हम सभी जानते हैं कि सूर्योदय होने की दिशा पूर्व है व सूर्य हमेशा उदय होता है फिर चाहे हम उसे अपनी आँखों से देख पाएं या नहीं। ऐसे में आप सूर्य ना दिखने की स्थिति में पूर्व दिशा की ओर मुख करके भी सूर्य दादा को जल दे सकते हैं।

#3. सूर्य को अर्घ्य देने से पहले स्नान

सूर्य को जल देने की विधि (Surya Ko Jal Dene Ki Vidhi) के अनुसार इस बात को गांठ बाँध लें कि आप बिना स्नान किये सूर्य देव को जल अर्पित ना करें अन्यथा आप इसका आधा अधुरा लाभ ही उठा पाएंगे। नहाने से हमारे शरीर के रोमछिद्र खुल जाते हैं व उनमें से गंदगी बाहर निकल जाती है।

सुबह के समय जो सूर्य की किरणें हमारे शरीर पर पड़ती है, वे हमारे शरीर के असंख्य रोमछिद्रों की सहायता से अवशोषित होती है। इस कारण यदि आप बिना नहाये सूर्य को जल चढ़ाएंगे तो इस लाभ से वंचित रह जाएंगे।

#4. सूर्य को जल किस लोटे में दे

कुछ लोग अपने घर के किसी भी बर्तन में सूर्य देव को जल अर्पित कर देते हैं लेकिन विधि अनुसार यह सही नहीं होता है। सूर्य देव को अर्घ्य हमेशा तांबे के बर्तन में ही दिया जाना चाहिए तभी हमे इस प्रक्रिया का संपूर्ण लाभ मिल सकेगा। इसलिए आप भी आगे से इस बात का ध्यान रखें।

#5. सूर्य के जल में क्या डाले

आप तांबे के लोटे में शुद्ध जल के साथ-साथ कुछ और चीजें भी इसमें डालकर सूर्य भगवान को चढ़ा सकते हैं। इस प्रक्रिया का सर्वाधिक लाभ उठाने के लिए व धार्मिक दृष्टि से भी इस जल में कुमकुम, चावल के कुछ दाने व पुष्प डाल सकते हैं। इससे जल की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है।

#6. सिर के ऊपर रखे दोनों हाथ

सूर्य को जल देने के नियम (Surya Ko Jal Kaise Chadhaye) के अनुसार इस बात का पूरा ध्यान रखें कि आपके दोनों हाथ सिर के ऊपर व सीधे हो। हाथों की दिशा आगे की ओर झुकी हुई होनी चाहिए।

#7. आँखों का केंद्र बिंदु हो जल की धारा

जल चढ़ाते समय आपकी आँखों का केंद्र बिंदु लोटे से निकली जल की धारा होनी चाहिए। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि आप लोटे से निकलने वाली जल की धारा को ही देखें।

#8. सूर्य मंत्र का जाप करे

जब आप सूर्य दादा को जल अर्पित कर रहे हो तो उस समय सूर्य मंत्र का भी जाप करें। इस सूर्य मंत्र में सूर्य भगवान के 12 नामों का जाप किया जाता है। सूर्य को जल चढ़ाने का सही तरीका (Surya Arghya Vidhi) यही होता है कि आप सूर्य भगवान के सभी बारह नामों का विधिपूर्वक जाप करें।

#9. सूर्य का जल पैरों पर ना गिरे

सूर्य देव को जल देते समय इस बात का पूरा ध्यान रखें कि जल आपके पैरों पर ना गिरे। हालाँकि जल देते समय कुछ छींटे अवश्य ही पैरों को छू सकते हैं लेकिन कोशिश करें कि यह भी आपको ना छुएं। साथ ही आप जल का सदुपयोग करने के उद्देश्य से नीचे एक गमला या कोई पात्र रख सकते हैं। फिर इस पात्र से यह जल घर के पौधों में दे सकते हैं।

#10. सूर्य को जल अर्पित करने के बाद

जब आप सूर्य भगवान को जल अर्पित कर दें तो झुककर जल को स्पर्श कर अपने माथे व आँखों पर लगाएं। इसके बाद इस जल की तीन बार परिक्रमा करें व सूर्य देव को प्रणाम करें। इस प्रकार सूर्य को जल अर्पित करने की यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

इस तरह से आज के इस लेख के माध्यम से आपने सूर्य को जल चढ़ाने का सही तरीका (Surya Arghya Vidhi) जान लिया है। ऐसे में आगे से आप जब भी सूर्य देव को जल अर्पित करें तो इन नियमों का पालन अवश्य करें।

सूर्य को जल देने के नियम से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: सूर्य भगवान को जल कैसे दे?

उत्तर: सूर्य भगवान को जल देने के लिए कुल 10 तरह के नियमों का पालन किया जाना आवश्यक होता है इन सभी नियमों के बारे में हमने इस लेख में जानकारी दे दी है

प्रश्न: सूर्य भगवान को कितने बजे जल चढ़ाना चाहिए?

उत्तर: सूर्य भगवान को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में या सूर्योदय होने के लगभग एक घंटे तक जल चढ़ाना चाहिए इसके बाद सूर्य देव का प्रभाव बढ़ता चला जाता है और जल देने का कम लाभ मिलता है

प्रश्न: सूर्य को जल देने वाले लोटे में क्या डालें?

उत्तर: सूर्य को जल देने वाले लोटे में अक्षत, कुमकुम और पुष्प डालकर उन्हें अर्पित कर सकते हैं इस तरह से जल देने से आपको अधिक लाभ होता है

प्रश्न: सूर्य को जल चढ़ाते समय कौन सा पैर उठाना चाहिए?

उत्तर: सूर्य को जल चढ़ाते समय किसी भी पैर को नहीं उठाना चाहिए हालाँकि इस दौरान आपके नंगे पैर होना आवश्यक होता है और दिशा पूर्व होनी चाहिए

प्रश्न: क्या हम बिना स्नान के सूर्य को जल चढ़ा सकते हैं?

उत्तर: सूर्य देव को जल चढ़ाना पूजा के ही समान होता है व पूजा कभी भी बिना स्नान किये नहीं की जाती है इससे आप पाप के भागी बनते हैं

प्रश्न: क्या रविवार को सूर्य को जल देना चाहिए?

उत्तर: रविवार का दिन तो होता ही है सूर्य देव का इस दिन तो सूर्य देव को मुख्य तौर पर जल अर्पित किया जाता है

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लेखक के बारें में: कृष्णा

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