सूर्य नमस्कार के फायदे – शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक तौर पर

Surya Namaskar Benefits In Hindi

सूर्य नमस्कार के लाभ और नुकसान (Surya Namaskar Benefits In Hindi) दोनों ही देखने को मिलते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि सूर्य नमस्कार के नुकसान कैसे हो सकते हैं? तो यह नुकसान व्यक्ति की स्थिति और असावधानी के कारण देखने को मिलते हैं जिनके बारे में हम आपको इस लेख में विस्तार से बताएँगे।

वैसे आप यह भी जान लें कि सूर्य नमस्कार के फायदे (Surya Namaskar Ke Fayde) एक या दो नहीं बल्कि अनेक होते हैं। एक तरह से जो व्यक्ति प्रतिदिन 15 से 20 बार सूर्य नमस्कार कर लेता है, उसका सर्वांगीण विकास होता है। यह सूर्य नमस्कार के लाभ में सबसे बड़ा लाभ होता है जो बाकी सभी लाभों को अपने में समाहित कर लेता है।

सूर्य नमस्कार के लाभ और नुकसान | Surya Namaskar Benefits In Hindi

जो लोग सूर्य नमस्कार को केवल एक शारीरिक व्यायाम समझते हैं तो हम उन्हें बता दें कि यह केवल एक व्यायाम नही है। शारीरिक स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए कई व्यायाम हैं जिन्हें आप कर सकते हैं। सूर्य नमस्कार अपने आप में संपूर्ण है जिससे ना केवल शारीरिक अपितु मानसिक व आध्यात्मिक विकास भी होता है।

एक तरह से सूर्य नमस्कार व्यायाम, योग, ध्यान व मंत्रोच्चार का संपूर्ण रूप होता है जो व्यक्ति को एक नई चेतना देता है। यदि हम सही रूप में सूर्य नमस्कार कर लेते हैं तो यह हमारे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं होता है। इससे शरीर को अभूतपूर्व लाभ देखने को मिलते हैं। हालाँकि यदि अधूरी जानकारी के साथ इसे किया जाता है तो यह शरीर के लिए हानिकारक भी होता है।

सूर्य नमस्कार में इतनी शक्ति है कि यह आपकी गंभीर से गंभीर बीमारियों का भी उपचार कर सकता है या उसमें आराम दिलवा सकता है। यह आपके मन के दोष दूर कर रचनात्मकता में भी वृद्धि देता है। आइए एक-एक करके इन सभी बातों के बारे में जान लेते हैं।

सूर्य नमस्कार के लाभ

सूर्य नमस्कार एक ऐसा व्यायाम है जो अपने आप में संपूर्ण है, जिसे योग में सबसे पहले किया जाता है, जो हमारा शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक विकास करता है और वह भी बिना किसी उपकरण की सहायता के। मनुष्य जीवन में इसके महत्व को देखते हुए ऋषि-मुनियों ने इसे सबसे प्रमुख व प्रथम व्यायाम की संज्ञा दी है।

हमारे जीवन का आधार सूर्य देव हैं क्योंकि उनके कारण ही हमारी पृथ्वी है और उस पर जीवन। सूर्य के बिना जीवन की परिकल्पना नही की जा सकती। उसी सूर्य का सबसे बेहतर उपयोग सूर्य नमस्कार के द्वारा किया जाता है। इसलिए आज हम आपके साथ सूर्य नमस्कार के लाभ (Surya Namaskar Ke Labh) विस्तारपूर्वक साँझा करेंगे।

  • शारीरिक लाभ

सूर्य नमस्कार केवल एक आसन नही अपितु 12 आसनों का समूह है जिसमें उत्तानासन, अष्टांग नमस्कार, भुजंगासन, पर्वतासन जैसे महत्वपूर्ण आसन आते हैं। इन सभी आसनों की क्रिया अलग-अलग होती है जिसमें आपके शरीर के हर एक अंग की क्रिया बदल जाती है। इन आसनों को गहन अध्ययन के बाद एक क्रम दिया गया था ताकि इसका सर्वोत्तम लाभ हमे मिल सके।

इन 12 आसनों को करने से हमारे शरीर को कई प्रकार के लाभ तो मिलते ही हैं साथ ही कई बीमारियों से स्वतः ही छुटकारा मिल जाता है। सूर्य नमस्कार से मिलने वाले शारीरिक फायदों में पेट से संबंधित समस्याओं का हल होना, रक्त संचार में सुधार आना, मोटापा घटना इत्यादि सम्मिलित है।

इसके साथ ही प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करने से शरीर में लचीलापन आता है और मांसपेशियां पहले की अपेक्षा मजबूत बनती हैं। इससे हमारे काम करने की क्षमता बढ़ती है और हम पहले से ज्यादा ऊर्जावान महसूस करते हैं।

  • मानसिक लाभ

सूर्य नमस्कार की प्रक्रिया में केवल 12 आसन ही नही हैं अपितु इसमें प्रत्येक आसन के साथ श्वास को छोड़ने और लेने की प्रक्रिया भी बताई गई है अर्थात हर एक आसन के अनुसार आपको अपने श्वास को नियंत्रित करना होता है। सूर्य नमस्कार की प्रक्रिया में यह विस्तार से बताया गया है कि श्वास किस आसन में लेना है और किस आसन में छोड़ना है। इसमें तो यहाँ तक बताया गया है कि किस आसन में श्वास को किस समय छोड़ना और लेना है।

यह अप्रत्याशित रूप से हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होता है। इससे ना केवल हमारे मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है बल्कि मन भी शांत महसूस करता है। सूर्य नमस्कार से होने वाले मानसिक फायदों में स्मरण शक्ति का बढ़ना, बुद्धि का विकास होना, मानसिक शांति का अनुभव करना, फेफड़ों की शुद्धि होना इत्यादि सम्मिलित है।

यदि किसी मनुष्य का शरीर स्वस्थ है लेकिन मानसिक रूप से वह बीमार है तो यह सबसे बड़ा विकार होता है। इसलिए शरीर के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का बेहतर होना अति-आवश्यक है जिसे हम सूर्य नमस्कार के माध्यम से कर सकते हैं। साथ ही सूर्य नमस्कार में आसन व श्वासों की प्रक्रिया के साथ-साथ प्रत्येक आसन के साथ एक मंत्र भी दिया गया है। इसमें आप हर आसन में अलग-अलग मंत्र बोलते हैं जिसमें “ह” की ध्वनि का विभिन्न प्रकार से उच्चारण किया जाता है। इससे श्वसन तंत्र में सुधार होता है।

  • आध्यात्मिक लाभ

सूर्य नमस्कार में केवल 12 आसनों की प्रक्रिया ही नही है अपितु इसे करने के लिए नियम भी बना रखे हैं। जैसे कि इसे कब और कहां करना चाहिए इत्यादि। सूर्य नमस्कार को करने का सबसे ज्यादा लाभ तब मिलता है जब हम इसे सूर्योदय के समय पूर्व दिशा में सूर्य देव की ओर मुख करके करें। साथ ही इसे खुली जगह पर करने को कहा गया है जहाँ तक सूर्य की किरणें सीधे पहुँच सके।

अब जानते हैं इससे हमारा आध्यात्मिक विकास कैसे होता है!! आध्यात्मिक विकास का अर्थ होता है मनुष्य अपने आप को परमात्मा/ ईश्वर/ भगवान (अपनी आत्मा) तथा प्रकृति/ पर्यावरण के समीप महसूस करता है जिससे उसका अंतर्मन प्रभावित होता है। आध्यात्मिक विकास को मानसिक विकास से भी महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि मानसिक विकास इसी पर निर्भर करता है।

सनातन धर्म में प्रकृति को भी ईश्वर का रूप माना गया है और उसके हर घटक को देवी-देवता की संज्ञा दी गई है। सभी देवताओं के राजा तो इंद्र को माना जाता है लेकिन मनुष्य योनी तथा पृथ्वी के लिए सूर्य देव को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। आप स्वयं भगवान श्रीराम को सूर्य देव की उपासना करते हुए देख सकते हैं।

हमारी पृथ्वी को ऊर्जा, शक्ति, गति, ईंधन, रोशनी, ताप, भोजन, जल, प्राणवायु इत्यादि सभी सूर्य देव से ही मिलते हैं। बिना सूर्य के बादल नही और बादल के बिना जल नही, बिना सूर्य के किरणें नहीं और किरणों के बिना भोजन नही, बिना सूर्य के प्रकाश नही, बिना सूर्य के ऋतुएं नही, बिना सूर्य के जीवन ही नहीं।

सूर्योदय के समय सूर्य से आने वाली किरणों में हानिकारक किरणों का प्रभाव बहुत कम या नामात्र होता है जिससे हम उसका सर्वाधिक उपयोग करते हैं। इससे हम अपनी आत्मा से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। आप कुछ महीनो तक लगातार सूर्य अभ्यास करके देखिए, आपको अपने अंतःमन में अपने आप एक सकारात्मक बदलाव महसूस होगा।

सूर्य नमस्कार के नुकसान

यदि आप सूर्य नमस्कार विधिपूर्वक नहीं करते हैं या गलत समय पर करते हैं तो यह आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है। कुछ लोगों के लिए तो सूर्य नमस्कार को वर्जित भी माना गया है। जैसे कि गर्भवती स्त्री, माहवारी के समय या कुछ अन्य परिस्थितियों में। आइए जाने किन-किन स्थितियों में सूर्य नमस्कार के नुकसान (Surya Namaskar Ke Nuksan) देखने को मिल सकते हैं।

  1. जिन लोगों की रीढ़ की हड्डी में दर्द है या पहले कभी ऐसी समस्या रह चुकी है तो उन्हें सूर्य नमस्कार करने से बचना चाहिए। इससे रीढ़ की हड्डी में खिंचाव आ सकता है या डिस्क की समस्या हो सकती है।
  2. यदि सूर्य नमस्कार को गलत तरीके से किया जाता है तो इससे आपको चोट लग सकती हैइस कारण शरीर में एंठन आ सकती है या शरीर के किसी हिस्से में मोच तक आ जाती है
  3. शुरूआती तौर पर सूर्य नमस्कार करने से मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है। इसलिए यदि आप पहली बार सूर्य नमस्कार करने जा रहे हैं तो शुरूआती तौर पर 2 से 3 सेट ही लगाएं।
  4. यदि आपको सांस संबंधित समस्या है तो भी आपको सूर्य नमस्कार करने से बचना चाहिए। हालाँकि आप इसका प्रयास कर सकते हैं लेकिन यदि आपकी सांस फूलने लगती है तो इसे उसी समय रोक दें।
  5. यदि आपका रक्तचाप या बीपी हाई रहता है तो आपको सूर्य नमस्कार नहीं करना चाहिए। दरअसल यह 12 आसनों का समूह है जिसमें अत्यधिक शक्ति लगती है और रक्तसंचार भी बढ़ता है। इसलिए बीपी के रोगियों को सूर्य नमस्कार करने से बचना चाहिए।
  6. पेप्टिक अल्सर, हर्निया, कटिस्नायुशूल (सायटिका), सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस व तीव्र गठिया (एक्यूट आर्थराइटिस) से पीड़ित लोगों को भी सूर्य नमस्कार नहीं करने का परामर्श दिया जाता है
  7. तेज धूप में सूर्य नमस्कार नहीं करना चाहिए। सूर्य नमस्कार को हमेशा सूर्यास्त या सूर्योदय के समय किया जाना चाहिए। वह इसलिए क्योंकि सूर्य नमस्कार सूर्य देव की ओर देखकर किया जाने वाला व्यायाम होता है।

सूर्य नमस्कार के नुकसानों से बचने के लिए आपको हमारे द्वारा बताई गई इन बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। यदि आपके मन में अभी भी कोई शंका रह गई है तो आप नीचे कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं या अपने डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं।

Benefits Of Surya Namaskar In Hindi | सूर्य नमस्कार करने के फायदे

यह तो हमने जान लिया कि सूर्य नमस्कार से हमारा शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक विकास होता है लेकिन अभी भी बहुत लोगों के मन में यह शंका होगी कि आखिर इन लाभों में आता क्या-क्या है। इसलिए हम आमजन की भाषा में सूर्य नमस्कार से मिलने वाले फायदों के बारे में आपको बता रहे हैं। आइए जाने:

  • रक्त संचार में सुधार
  • मजबूत पाचन तंत्र
  • शरीर में लचीलापन
  • विटामिन डी की आपूर्ति
  • मुख पर चमक आना
  • यौवन का बने रहना
  • मानसिक शांति का अनुभव
  • बुद्धि का विकास
  • स्मरण शक्ति का बढ़ना
  • रीढ़ की हड्डी का मजबूत होना
  • सकारात्मक भावनाओं का विकास होना
  • फेफड़ों की शुद्धि होना
  • रक्त में प्राणवायु का बढ़ना
  • अंतःस्रावी ग्रंथियों के स्राव का नियंत्रित रहना
  • तंत्रिका तंत्र में संतुलन आना
  • मांसपेशियों में मजबूती आना इत्यादि।

इस तरह से सूर्य नमस्कार को करने से आपको यह सभी फायदे देखने को मिलते हैं। यदि आप सूर्य नमस्कार की प्रक्रिया का पालन करते हुए इसे प्रतिदिन करेंगे तो अवश्य ही आपको भी जल्द ही ऊपर बताए गए सभी तरह के लाभ देखने को मिल जाएंगे।

सूर्य नमस्कार से कौन से रोग ठीक होते हैं?

जैसा कि हमने पहले ही बताया कि नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करने से ना केवल आपको लाभ मिलेगा बल्कि इससे कई बीमारियों से भी छुटकारा मिल जाएगा। जैसे कि:

  • अनियंत्रित रक्तचाप/ ब्लड प्रेशर/ बीपी
  • मधुमेह/ डायबिटीज
  • अनियमित मासिक धर्म/ पीरियड्स
  • मोटापा
  • जोड़ों का दर्द
  • कब्ज
  • अपच या गैस बनना
  • बवासीर
  • अनिद्रा
  • तनाव
  • हृदयाघात/ हार्टअटैक
  • चेहरे पर रूखापन
  • बालों का झड़ना इत्यादि

हालाँकि इसके लिए आपको उचित जीवनशैली का भी निर्वहन करना होगा। यदि आप सूर्य नमस्कार को करने के साथ-साथ अनुचित आदतों का त्याग नहीं करते हैं, जैसे कि अनुचित खानपान, अत्यधिक काम या मादक पदार्थों का सेवन, तो सूर्य नमस्कार करने से भी कोई लाभ नहीं होगा।

Surya Namaskar Ke Fayde | सूर्य नमस्कार के फायदे – एक्स्ट्रा जानकारी

आप सोच रहे होंगे कि अभी तक सूर्य नमस्कार के लाभ खत्म क्यों नही हुए। आप सही भी हैं और यदि आप बाकि लोगों के द्वारा लिखे गए लेख देखेंगे तो वे ज्यादा से ज्यादा इतनी जानकारी देकर समाप्त हो जाएंगे लेकिन हमारे साथ ऐसा नही है। हमारा प्रयास रहता है कि आपको किसी विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी देकर ही लेख समाप्त किया जाए ताकि कोई भी जानकारी रह ना जाए।

इसलिए अंत में हम आपको सूर्य नमस्कार का मणिपुर चक्र से संबंध, वजन कम करने में सहायक होना, डेटोक्स करना, महिलाओं और बच्चों से इसका संबंध जैसे 5 विषयों के बारे में जानकारी देंगे, आइए जाने।

#1. सूर्य नमस्कार का मणिपुर चक्र से संबंध

हमारे शरीर में नाभि के पीछे एक चक्र होता है जिसे मणिपुर चक्र के नाम से जाना जाता है। इस मणिपुर चक्र को हमारे शरीर का केंद्र भी कहा जा सकता है जिसका संबंध सीधे सूर्य देव से होता है अर्थात इस पर सूर्य का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है।

मणिपुर चक्र का आकार एक बादाम या आंवला के बराबर होता है लेकिन प्रतिदिन सूर्य नमस्कार के अभ्यास से यह अपने आकार से 3 से 4 गुणा तक बड़ा हो जाता है। मणिपुर चक्र का हमारे शरीर के संतुलन, ध्यान केन्द्रित करने तथा अंतर्ज्ञान में सबसे ज्यादा योगदान होता है। इसलिए प्रतिदिन सूर्य नमस्कार के अभ्यास से हम अपने मणिपुर चक्र का बेहतर उपयोग कर सकते हैं।

#2. सूर्य नमस्कार से वजन नियंत्रित रहना

आजकल की दिनचर्या के कारण ज्यादातर लोग मोटापे के शिकार होते जा रहे हैं। मोटापे से ही शरीर को आधी से ज्यादा बीमारियाँ लगती है। इसलिए वजन का नियंत्रित रहना अति-आवश्यक है जिसमे सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास बहुत मदद करेगा।

हमारे शरीर में एक ग्रंथि होती है जिसे थाईरॉइड के नाम से जाना जाता है। सूर्य नमस्कार करने से इस ग्रंथि का स्राव बढ़ जाता है जो शरीर की वसा को नियंत्रित करके मोटापे को कम करने में सहायता करता है। इससे अतिरिक्त कैलोरी को कम करने में भी मदद मिलती है। नियमित सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने से हमारे शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव आता है जिससे शरीर का आकार सही रहता है।

#3. सूर्य नमस्कार से डेटोक्स/ विषहरण

आजकल कौन सी ऐसी चीज़ रह गई है जो प्रदूषित नही है!! हम प्रतिदिन हवा, पानी, भोजन के द्वारा कई तरह के विषाणु अपने शरीर में एकत्रित कर रहे हैं। यह सभी अंदर ही अंदर हमारे शरीर को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान पहुंचा रहे हैं। साथ ही धूम्रपान व अन्य मादक पदार्थों से भी हमारे शरीर में विष बढ़ता जा रहा है।

सूर्य नमस्कार में हम प्रत्येक आसन के साथ जो सांस लेने की प्रक्रिया का पालन करते हैं उसका हमारे शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे फेफड़ों तक ऑक्सीजन सीधे पहुँचती है और रक्त में भी प्राण वायु का स्तर बढ़ता है। इससे शरीर से हानिकारक व जहरीली गैस निकालने में मदद मिलती है और शरीर डेटोक्स हो जाता है।

#4. महिलाओं के लिए सूर्य नमस्कार है फायदेमंद

आजकल महिलाओं में अनियमित मासिक धर्म या हूँ कहें कि पीरियड्स की समस्या आम हो गई है। कभी पीरियड्स देरी से आते हैं तो कभी जल्दी आ जाते हैं। इसका समाधान भी सूर्य नमस्कार की सहायता से किया जा सकता है। विभिन्न शोधों से यह पता चला है कि सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से महिलाओं को अनियमित पीरियड्स की समस्या से छुटकारा मिला है। किंतु साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि जब पीरियड्स आए हुए हो तो उस समय सूर्य नमस्कार ना करें।

इसके साथ ही जो महिलाएं गर्भवती हैं उन्हें भी सूर्य नमस्कार करने से बहुत लाभ मिलता है और बच्चे के विकास में भी यह लाभदायक होता है। इससे सामान्य प्रसव की संभावना बढ़ जाती है। हालाँकि गर्भावस्था की पहली तिमाही (पहले तीन महीने) तक ही सूर्य नमस्कार करें। उसके बाद आप सामान्य योगाभ्यास करें।

#5. बच्चों के लिए सूर्य नमस्कार वरदान से कम नहीं

आजकल हर जगह प्रतिस्पर्धा का दौर है और इससे सबसे ज्यादा बच्चे ही जूझ रहे हैं। इससे बच्चों में तनाव व चिड़चिड़ापन की समस्या एक आम बात हो गई है। माता-पिता के लिए बच्चों के गुस्से को नियंत्रण में रखना और उन्हें संभालना एक चुनौती सी बन गई है।

तो इसमें भी सूर्य नमस्कार अहम भूमिका निभा सकता है। किसी भी उम्र के बच्चे सूर्य नमस्कार कर सकते हैं। इसलिए आप शुरुआत से ही बच्चों में सूर्य नमस्कार करने की आदत डालें। यह उसके सर्वांगीण विकास में अहम भूमिका निभाएगा।

निष्कर्ष

इस तरह से आज के इस लेख के माध्यम से आपने सूर्य नमस्कार के लाभ और नुकसान (Surya Namaskar Benefits In Hindi) दोनों के बारे में ही विस्तृत जानकारी प्राप्त कर ली है। आशा है कि आपको सूर्य नमस्कार से होने वाले फायदों और नुकसान के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। आगे से आपको सावधानीपूर्वक सूर्य नमस्कार करना चाहिए।

यदि आप प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करने का नियम बना लेंगे तो कुछ ही सप्ताह में आपको ऊपर बताए गए लाभ दिखने लग जाएंगे। आज तक हजारों लोगों ने सूर्य नमस्कार को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाकर गंभीर बीमारियों का भी उपचार किया है।

सूर्य नमस्कार के लाभ और नुकसान से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: सूर्य नमस्कार के नुकसान क्या हैं?

उत्तर:सूर्य नमस्कार के नुकसान तो कुछ नहीं है लेकिन यह व्यक्ति की परिस्थिति पर निर्भर करता है जैसे कि आपको सूर्य नमस्कार सही प्रक्रिया के तहत करना चाहिए अन्यथा आपकी मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है

प्रश्न: सूर्य नमस्कार कब नहीं करना चाहिए?

उत्तर: यदि आपको हाई बीपी या अस्थमा की दिक्कत है तो आपको सूर्य नमस्कार करने से बचना चाहिए इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को सूर्य नमस्कार नहीं करना चाहिए

प्रश्न: सूर्य नमस्कार से कितने दिन में वजन कम होता है?

उत्तर: यदि सही तरह से प्रतिदिन सूर्य नमस्कार किया जाए तो इसका प्रभाव एक महीने में ही दिखना शुरू हो जाता है

प्रश्न: सूर्य नमस्कार से कौन सी बीमारी ठीक हो सकती है?

उत्तर: सूर्य नमस्कार से लो बीपी, डायबिटीज, कब्ज, मोटापा, तनाव, अनिद्रा इत्यादि कई तरह की बीमारियाँ ठीक हो जाती है

प्रश्न: सूर्य नमस्कार कितनी देर तक करना चाहिए?

उत्तर:सूर्य नमस्कार को शुरूआती तौर पर 5 से 10 मिनट तक और बाद में 15 से 20 मिनट के लिए किया जा सकता है

प्रश्न: क्या हम बिना नहाए सूर्य नमस्कार कर सकते हैं?

उत्तर: हां, आप बिना नहाए सूर्य नमस्कार योग को कर सकते हैं लेकिन सूर्य को जल देने के लिए नहाना चाहिए

प्रश्न: क्या सूर्य नमस्कार से ताकत बढ़ती है?

उत्तर: सूर्य नमस्कार आपकी मांसपेशियों को मजबूत कर शरीर को शक्तिशाली बनाने का काम करता है

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लेखक के बारें में: कृष्णा

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