आज हम आपके साथ राम सेतु पुल की लंबाई (Ram Setu Ki Lambai) व कई अन्य ऐतिहासिक तथ्य सांझा करने वाले हैं। दरअसल जब रावण माता सीता का अपहरण करके लंका ले गया था। तब भगवान श्रीराम ने वानर सेना की सहायता से कुछ ही दिनों के अंदर तमिलनाडु के रामेश्वरम से श्रीलंका के मन्नार द्वीप तक 100 योजन लंबा सेतु बना दिया था। इसे आज हम सभी रामसेतु के नाम से जानते हैं।
यह सेतु इतिहास में हुए एक अद्भुत निर्माण कार्यों के साथ-साथ लोगों के बीच आस्था का भी प्रमुख केंद्र है। आज हम इसी राम सेतु के बारे में कुछ रोचक तथ्य आपके साथ सांझा करेंगे।
Ram Setu Ki Lambai | राम सेतु पुल की लंबाई
लोगों के मन में रामसेतु के बारे में अधिक से अधिक जानने की जिज्ञासा रहती है। उदाहरण के तौर पर राम सेतु का निर्माण कब हुआ था, राम सेतु की लंबाई कितनी है, क्या राम सेतु आज भी है, रामसेतु से श्रीलंका की दूरी कितनी है, राम सेतु पुल किसने बनाया था, राम सेतु का निर्माण कितने दिन में हुआ, राम सेतु विवाद क्या है, राम सेतु पुल कहाँ है, इत्यादि।
ऐसे में आज हम आपको रामसेतु से जुड़े हरेक प्रश्न का विस्तार से उत्तर देने वाले हैं। आइए एक-एक करके आपके सभी प्रश्नों का उत्तर जान लेते हैं।
#1. राम सेतु की लंबाई कितनी है?
राम सेतु तमिलनाडु के रामेश्वरम में धनुषकोडी नामक स्थल से शुरू होकर श्रीलंका के मन्नार द्वीप तक पहुँचता है जिसकी लंबाई लगभग 48 किलोमीटर (30 मील) है। इसका निर्माण चूने के पत्थर, बलुआ रेत, बड़ी-बड़ी चट्टानों के साथ किया गया है जो जमीन में लगभग 3 से 30 फुट तक गहरे हैं।
#2. राम सेतु का निर्माण कब हुआ था?
विश्व के अति प्राचीन अद्भुत निर्माण जैसे कि चीन की दीवार, मिस्र के पिरामिड इत्यादि 3 से 4 हज़ार वर्ष पुराने हैं। जबकि राम सेतु को वैज्ञानिक भी कम से कम सात हज़ार वर्ष से ज्यादा प्राचीन मान चुके हैं। धर्म के अनुसार इसका निर्माण आज से लाखों वर्ष पहले त्रेता युग में रामायण काल के समय किया गया था।
#3. राम सेतु पुल किसने बनाया था?
रामसेतु का निर्माण सुग्रीव के सेनापति नल नील ने किया था। नल नील के अंदर यह शक्ति थी कि उनके द्वारा फेंके गए पत्थर पानी में डूबेंगे नहीं। अपनी इसी शक्ति के बल पर उन्होंने इस विशाल रामसेतु का निर्माण किया था। इस पुल में ऊपर पत्थर तैर रहे हैं व नीचे रेत है लेकिन रेत यहाँ पर बाद में जमा हुई थी। इसका प्रमाण यह है कि पत्थरों को लगभग सात हज़ार वर्ष प्राचीन व रेत को चार हज़ार वर्ष प्राचीन माना गया है अर्थात रेत बाद में यहाँ नीचे जमा हो गई थी।
#4. राम सेतु का निर्माण कितने दिन में हुआ?
वाल्मीकि रामायण के अनुसार इस पुल का निर्माण नल व नील ने वानर सेना की सहायता से केवल पाँच दिनों के अंदर किया था। जिसमें पहले दिन 14 योजन, दूसरे दिन 20 योजन, तीसरे दिन 21 योजन, चौथे दिन 22 योजन व अंतिम दिन 23 योजन पुल का निर्माण किया गया। साथ ही इस पुल की चौड़ाई 10 योजन थी।
#5. राम सेतु के पत्थर
इस पुल का निर्माण ज्वालामुखी के लावा से निकले पत्थरों की सहायता से किया गया है। यह अत्यधिक गर्म होते हैं और हवा-पानी के संपर्क में आते ही अत्यधिक कठोर बन जाते हैं। साथ ही इनमें सूक्ष्म छिद्र भी होते हैं। जब इन्हें पानी में डाला जाता है तो इन छिद्रों में हवा भरी होने के कारण यह हल्के व स्पंजी हो जाते हैं जिस कारण ये पानी में तैरने लगते हैं।
#6. राम सेतु का रहस्य
इस पुल के निर्माण में पत्थरों को आपस में जोड़ने के लिए किस तकनीक का इस्तेमाल किया गया यह आज तक एक रहस्य बना हुआ है। वैज्ञानिकों ने इस पर गहन रिसर्च की लेकिन इसके पीछे जुड़े रहस्य को आज तक नहीं जान पाए।
#7. क्या राम सेतु आज भी है?
15वीं शताब्दी तक यह पुल एक दम सही अवस्था में व चलने लायक था। लोग तमिलनाडु से श्रीलंका के बीच सामान की आवाजाही भी इसी पुल के माध्यम से करते थे। लेकिन सन 1480 में समुंद्र में एक विशाल चक्रवात आया था जिसके बाद यह पुल पानी के अंदर थोड़ा डूब गया।
#8. राम सेतु पुल कहां है?
रामसेतु भारत के दक्षिणी छोर धनुषकोडी से शुरू होकर श्रीलंका के मन्नार द्वीप तक फैला हुआ विशाल पुल है। कुछ लोग इसे आदम पुल के नाम से भी बुलाते हैं जो कि बिल्कुल गलत है। विदेशी लोगों के द्वारा इसे हिंदू धर्म व श्रीराम से अलग करने के प्रयासों के तहत इसे इस नाम से बुलाया जाने लगा।
#9. राम सेतु विवाद
सन 2005 में भारत की कांग्रेस सरकार ने समुंद्रम सेतु प्रोजेक्ट के तहत भारत की सर्वोच्च न्यायालय में राम सेतु को तोड़ने की बात कही थी। उन्होंने न्यायालय में श्रीराम व श्रीकृष्ण के अस्तित्व को नकार दिया था व जहाजों की आवाजाही के लिए सेतु को तोड़ने के लिए आज्ञा मांगी थी। 2014 में भाजपा की सरकार आने के बाद सर्वोच्च न्यायालय से इसे तोड़ने का निर्णय सरकार ने वापस ले लिया था।
#10. रामसेतु का इतिहास
अमेरिका, यूरोप इत्यादि देशों की हजारों संस्थाओं, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं ने इस पर शोध किया है व इसे प्राकृतिक ना मानकर मानव निर्मित माना है। उनके अनुसार यह हमारे इतिहास के लोगों के द्वारा बनाया गया एक ऐसा अद्भुत निर्माण है जो शायद आज की तकनीक से संभव ना हो।
इस तरह से आज आपने राम सेतु पुल की लंबाई (Ram Setu Ki Lambai) सहित कई ऐतिहासिक तथ्य जान लिए हैं। यह सेतु हमारे गौरवशाली इतिहास को दिखाने का काम करता है जिसका निर्माण आज के वैज्ञानिक युग में संभव नहीं है।
रामसेतु से जुड़े प्रश्नोत्तर
प्रश्न: रामसेतु कितना साल पुराना है?
उत्तर: रामसेतु का निर्माण त्रेता युग में रामायण काल में हुआ था। यह आज से हजारों लाखों वर्ष पूर्व बनाया गया था। वैज्ञानिकों के अनुसार यह आज से लगभग 7 हज़ार वर्ष पहले बना था।
प्रश्न: राम सेतु की लंबाई और चौड़ाई कितनी है?
उत्तर: आज के समय में राम सेतु की लंबाई लगभग 48 किलोमीटर व चौड़ाई 400 मीटर के आसपास है। जब इसका निर्माण किया गया था तब इसकी लंबाई 800 से 1200 किलोमीटर और चौड़ाई 80 से 120 किलोमीटर थी।
प्रश्न: रामायण में राम सेतु की लंबाई कितनी थी?
उत्तर: रामायण में राम सेतु की लंबाई 100 योजन थी। एक योजन में 8 से 12 किलोमीटर आते हैं। इसके अनुसार रामसेतु की लंबाई 800 से 1200 किलोमीटर थी।
प्रश्न: राम सेतु कितना गहरा है?
उत्तर: राम सेतु की गहराई समुद्र में 3 फीट से लेकर 40 फीट तक है। 15वीं शताब्दी से पहले यह समुद्र के ऊपर ही था जिस पर लोग चलकर जाया करते थे।
नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘♂️, घरेलू नुस्खे 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। उनके लिंक हैं:
अन्य संबंधित लेख: