आज हम आपको बिहू के बारे में हिंदी में 10 Line (Bihu Essay In Hindi) देने जा रहे हैं। असम राज्य का सबसे मुख्य त्यौहार बिहू ही हैं जो वर्ष में तीन बार आता है। इसे किसानो का त्यौहार भी कहा जाता है क्योंकि यह धान की फसल से जुड़ा है।
ऐसे में यदि आप बिहू के बारे में त्वरित जानकारी लेना चाहते हैं तो वह आपको इस लेख के माध्यम से मिल जाएगी। असम का जातीय उत्सव बिहु (Bihu Ke Bare Mein 10 Line) बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। आइए बिहू पर्व के बारे में जान लेते हैं।
Bihu Essay In Hindi | बिहू के बारे में हिंदी में 10 Line
जिस दिन असम में बिहू का त्योहार मनाया जा रहा होता है, उसी समय भारतवर्ष के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग त्योहार मनाए जा रहे होते हैं। इनमे से मकर संक्रांति का त्योहार सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है क्योंकि अधिकांश भारत में इसे मनाया जाता है।
वही बिहू को असम का जातीय उत्सव कहा जाता है। जिस प्रकार राजस्थान में तीज, तमिलनाडु में जल्लीकट्टू इत्यादि मनाए जाते हैं, ठीक उसी तरह असम में बिहू को मनाया जाता है। आइए इसके बारे में और जान लेते हैं।
- बिहू का त्यौहार एक कृषि त्यौहार हैं जिसे वहां के किसान अपनी फसल की बुवाई, कटाई और उनकी सुरक्षा के उपलक्ष्य में हर वर्ष तीन बार आयोजित करते है। यह मुख्यतया धान या चावल की फसल पर आधारित पर्व है।
- इन तीन बिहू को रोंगाली बिहू, कोंगाली बिहू और भोगाली बिहू के नाम से जाना जाता हैं। यह तीनो क्रमशः धान की फसल की बुवाई करना, फिर उसकी रक्षा करना और फिर उसकी कटाई करने से संबंधित है।
- इसमें रोंगाली बिहू सबसे मुख्य बिहू हैं जिसे बैसाख बिहू या बोहाग बिहू भी कह देते है। यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार बैसाख के महीने में, असम के कैलेंडर के अनुसार बोहाग के महीने में और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अप्रैल के महीने में पड़ता है।
- रोंगाली बिहू सात दिनों का महापर्व होता हैं जिसमे अलग-अलग दिन का अलग-अलग महत्व है। इसमें सबसे मुख्य दिन को गोरु बिहू के नाम से जाना जाता है जिसमे किसान अपने गायो को नदी-नहर में ले जाकर हल्दी का लेप करके नहलाते है और उनकी पूजा करते है।
- कोंगाली बिहू को कार्तिक बिहू या कंगाली बिहू के नाम से भी जाना जाता है। यह हिन्दू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने में दीपावली के पास पड़ता है। इसमें किसान अपनी फसल की कीट-पतंगों आदि से रक्षा के लिए दीये आदि जलाते है और खुशियाँ मनाते हैं।
- उसके बाद अंत में आता है भोगाली बिहू जो माघ महीने में पड़ने के कारण माघ बिहू के नाम से भी जाना जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह जनवरी माह में पड़ता है। यह फसलो की कटाई और उनके व्यंजन बनाने से संबंधित है।
- भोगाली बिहू में असम के किसान परिवार धान, चावल, गुड़, तिल आदि से स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं जैसे कि नारियल के लड्डू, तिल के लड्डू, तिल पिट्ठा, घीला पीठा, खरबूजा के बीज, मच्छी इत्यादि। इसमें तिल का पिट्ठा सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है।
- बैसाख बिहू के दिन असम के लोगो का नववर्ष भी होता हैं अर्थात उसी दिन से वहां के कैलेंडर की शुरुआत होती है और वहां के लोग अपना नया साल मनाते हैं।
- इसके साथ ही बैसाख बिहू के दिन से ही असम के लोगों में शादियाँ आयोजित होनी भी शुरू हो जाती है। इन दिनों रिश्ता पक्का करने या शादियाँ करने का अपना विशेष महत्व होता हैं।
- बिहू का त्यौहार असम के साथ-साथ उत्तर-पूर्व भारत के कुछ भागो और नेपाल व बांग्लादेश के भी कुछ भागो में आयोजित किया जाता है। साथ ही इन दिनों भारत देश के अन्य राज्यों में भी त्यौहार मनाए जाते हैं जिन्हें अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामो से जानते हैं।
तो यह थी बिहू के बारे में हिंदी में 10 Line (Bihu Essay In Hindi) जिसको पढ़कर बिहू उत्सव के बारे में लगभग हर विशेष जानकारी मिल जाती है। यदि अभी भी आपके मन में बिहू को लेकर कोई प्रश्न है तो आप नीचे कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं।
बिहू उत्सव से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: बिहू कब और कहां मनाया जाता है?
उत्तर: बिहू को मुख्यतया असम राज्य में मनाया जाता है। यह वर्ष में तीन बार आता है जिसे से मुख्य बिहू 14 जनवरी को पड़ता है। इसे माघ बिहू के नाम से भी जाना जाता है।
प्रश्न: असम में बिहू का क्या महत्व है?
उत्तर: असम के लोग बिहू को किसानों का धन्यवाद देने के लिए मनाते हैं। यह पर्व धान की फसल की बुवाई और कटाई से जुड़ा हुआ है। इस कारण अन्नपूर्णा देवी और किसानों का धन्यवाद देने के लिए बिहू मनाया जाता है।
प्रश्न: बिहू का मुख्य भोजन क्या है?
उत्तर: बिहू का मुख्य भोजन तिल पिट्ठा है। इसे असम के हरेक घर में मनाया जाता है और बहुत ही चाव के साथ खाया जाता है।
प्रश्न: बिहू त्योहार पर कौन सा नृत्य किया जाता है?
उत्तर: बिहू त्योहार पर बिहू नृत्य किया जाता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि इस उत्सव पर किया जाने वाला नृत्य इतना प्रसिद्ध है कि उसका नाम ही बिहू नृत्य रखा गया है।
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