कल्कि भगवान कहां जन्म लेंगे? जाने कल्कि अवतार का रहस्य

कल्कि भगवान (Kalki Bhagwan)

आज हम कल्कि भगवान (Kalki Bhagwan) के बारे में जानने वाले हैं। विष्णु पुराण के अनुसार भगवान विष्णु के इस कल्प में कुल दस अवतार होने हैं जिनमें से नौ अवतार जन्म ले चुके है। अब केवल आखिरी अवतार बचा हैं जो हैं कल्कि अवतार। इस अवतार का प्राकट्य इस कल्प के कलियुग के अंत में तथा आने वाले कल्प के सतयुग में होगा।

भगवान विष्णु का कल्कि अवतार (Kalki Avatar In Hindi) तब जन्म लेगा जब इस विश्व में पाप अत्यधिक बढ़ जायेगा तथा सनातन मूल्यों का बुरी तरह विघटन होने लगेगा। तब भगवान विष्णु कल्कि रुपी अवतार में जन्म लेकर इस पृथ्वी पर पुनः सतयुग की शुरुआत करेंगे। आज हम आपको कल्कि अवतार के बारे में विस्तारपूर्वक देंगे

कल्कि भगवान (Kalki Bhagwan)

हर युग में भगवान विष्णु के कई अवतार होते हैं। हर अवतार का उद्देश्य उस समय शक्तिशाली हो चुके अधर्म रुपी राक्षसों का नाश करना और धर्म की पुनर्स्थापना करना होता है। हालाँकि हर युग में विष्णु का जो अंतिम अवतार होता है, वही अगले युग का प्रथम अवतार भी माना जाता है। अब इस युग का अंतिम अवतार कल्कि भगवान है जो कलियुग के अंतिम चरण में जन्म लेंगे।

अंतिम अवतार का उद्देश्य बहुत ही विशाल व अद्भुत होता है क्योंकि वह पहले वाले युग के कलियुग सहित अगले युग के सतयुग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसी तरह कल्कि अवतार को इस युग के कलियुग से अधर्म का नाश कर अगले युग के सतियुग में धर्म की पुनर्स्थापना करना होगा। आइए इस कल्कि अवतार के बारे में समुचित जानकारी ले लेते हैं।

#1. कल्कि भगवान कहां जन्म लेंगे?

भगवान विष्णु का यह अवतार भारत देश के उत्तर प्रदेश राज्य के चौपाला जिले में संभल नामक गाँव में जन्म लेगा। चौपाला प्राचीन नाम है जबकि इस जिले का वर्तमान नाम मुरादाबाद है। मुस्लिम आक्रांताओं ने हिन्दुओं का नरसंहार करके इस जिले का नाम बदलकर मुरादाबाद कर दिया था जो कि आज तक वही है।

कल्कि अवतार की तारीख श्रावण (सावन) मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि होगी। आज भी सभी हिन्दू इस दिन कल्कि भगवान की जयंती मनाते हैं। हालाँकि उनके जन्म के स्थान को लेकर कुछ भिन्न मान्यताएं भी देखने को मिलती है।

#2. कल्कि अवतार के माता पिता

भगवान विष्णु के पहले के सभी अवतारों का जन्म या तो क्षत्रिय कुल में हुआ है या ब्राह्मण। कल्कि भगवान ब्राह्मण कुल में जन्म लेंगे जिनके माता-पिता का नाम सुमति व विष्णुयश होगा। विष्णुयश संभल गाँव के प्रधान भी होंगे जिनके घर कल्कि अवतार शुभ नक्षत्र में जन्म लेगा।

Kalki Bhagwan के तीन बड़े भाई भी होंगे जिनके नाम सुमंत, प्राज्ञ व कवी होंगे। उनके भाई भी उद्देश्य प्राप्ति में उनका सहयोग करेंगे तथा जनता को एकत्रित करने का काम करेंगे। मान्यता है कि जन्म लंबे के कुछ समय बाद ही कल्कि भगवान अपने उद्देश्य प्राप्ति में लग जाएंगे। इसके लिए उनके माता-पिता की भी पूरी आज्ञा होगी।

#3. कल्कि अवतार का विवाह

कल्कि भगवान का विवाह माँ लक्ष्मी के रूप पद्मिनी से होगा। उनका एक भिन्न नाम पद्मा भी होगा। कल्कि अवतार के जन्म लेने के कुछ समय पश्चात ही माँ लक्ष्मी भी पद्मिनी के रूप में इस धरती पर अवतरित होंगी। कल्कि को उनसे चार पुत्र भी होंगे जिनके नाम जय, विजय, मेघमाल व बलाहक होंगे।

एक अन्य मान्यता के अनुसार कल्कि अवतार का विवाह रमा नामक एक स्त्री से भी होगा। इस स्त्री ने त्रेता युग में वैष्णवी के नाम से जन्म लिया था जिसने भगवान श्रीराम से विवाह की इच्छा प्रकट की थी। तब श्रीराम ने अपने एक विवाह वचन को बताते हुए उनसे कहा था कि वे कलियुग में कल्कि अवतार में उनसे विवाह करेंगे।

#4. कल्कि अवतार की पहचान

मनुष्य की अधिकतम चौसठ कलाएं होती है। ऐसे में Kalki Bhagwan सभी चौसठ कलाओं से परिपूर्ण होंगे। उनका वर्ण नीला होगा, बिल्कुल उसी तरह जैसे उनके पूर्व के अवतारों का था। वे श्वेत (सफेद) रंग के घोड़े पर सवार होंगे जिसका नाम देवदत्त होगा। यह घोड़ा उन्हें भगवान शिव से वरदान रूप में प्राप्त होगा जिसके अंदर उड़ने की भी शक्ति होगी।

इनके एक हाथ में विशाल तलवार और दूसरे हाथ में श्रीराम की भांति तीर कमान होगा। उन्होंने अपने कंधे पर धनुष भी ले रखा होगा। उनकी तलवार में एक अलग ही चमक होगी जिससे एक बारी में ही कई शत्रुओं और शक्तिशाली अस्त्रों को काटा जा सकता होगा। वही उनके तीर में आज के समय की बड़ी से बड़ी मिसाइल को ध्वस्त कर देने की क्षमता होगी। यह परमाणु ऊर्जा से युक्त होगी जिसके अंदर तबाही ला सकने की शक्ति होगी।

#5. कल्कि अवतार की तारीख

कल्कि अवतार का निश्चित वर्ष नहीं बताया गया है जबकि इसकी तारीख हमने आपको ऊपर ही बता दी है। कल्कि अवतार की तारीख श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी होगी। हालाँकि इनका जन्म कलियुग के अंतिम चरण में होगा। पुराणों के अनुसार कलियुग का समयकाल 4,32,000 (4 लाख 32 हज़ार) वर्षों का होगा।

अभी कलियुग का प्रथम चरण चल रहा है। इसलिए अभी कल्कि अवतार होने में बहुत समय शेष है। यह अवतार कलियुग के उस समय में जन्म लेगा जब चारों ओर अधर्म बहुत बढ़ जाएगा और धर्म को तिरस्कार की नज़रों से देखा जाना लगेगा। हर जगह बुराई और बुरे कर्म लोगों का बोलबाला होगा और शक्तियां भी उन्हीं के हाथ में होगी। वही धर्म का पालन करने वालो पर अत्याचार किया जाएगा और ईश्वर को तुच्छ माना जाएगा।

#6. कल्कि भगवान के गुरु

भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम थे। सामान्य तौर पर यह देखा जाता है कि भगवान विष्णु अपना अगला अवतार तब तक नहीं लेते हैं जब तक उनके पहले वाले अवतार का समयकाल पूरा ना हो चुका हो। हालाँकि परशुराम इसमें एक अपवाद है जिनका समयकाल भगवान विष्णु के अगले 4 अवतारों के समय भी रहा। इसका उदाहरण हम माता सीता स्वयंवर में परशुराम-श्रीराम मिलन और महाभारत युद्ध के समय भीष्म पितामह, गुरु द्रोणाचार्य और कर्ण को परशुराम द्वारा शिक्षा देने से लेकर देख सकते हैं।

इसी तरह भगवान परशुराम का अब एक अंतिम उद्देश्य शेष है और वह है कल्कि अवतार (Kalki Avatar In Hindi) को अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा देना। चूँकि कल्कि अवतार के पास अधर्म का नाश करने के लिए बहुत कम समय होगा और उन्हें जल्द ही अस्त्र-शस्त्र की महान शिक्षा लेनी होगी। इसलिए यह भार भगवान परशुराम के कंधे पर आएगा। एक समय के बाद परशुराम कल्कि को अपने साथ ले जाएंगे और उन्हें शस्त्र विद्या में पारंगत कर देंगे। इसी के साथ ही वे समय-समय पर उनका मार्गदर्शन करेंगे।

#7. कल्कि अवतार का रहस्य

भगवान कल्कि जन्म तो मनुष्य रूप में लेंगे लेकिन एक समय के बाद अधर्म से लड़ने के लिए उन्हें दैवीय शक्तियों और अस्त्रों की आवश्यकता होगी। इसके लिए वे भगवान परशुराम के आदेश पर भगवान शिव की कठोर तपस्या करेंगे। शिवजी के द्वारा ही उन्हें देवदत्त घोड़ा और तलवार दी जाएगी। इसी के साथ ही शिवजी उन्हें एक रहस्यमयी तोता भी देंगे जिसका नाम शुक होगा।

इस तोते को भूतकाल, वर्तमान काल तथा भविष्यकाल का संपूर्ण ज्ञान होगा जो समय-समय पर Kalki Bhagwan को जानकारी देता रहेगा। शिव को महाकाल कहा जाता है और कल्कि को यह तोता देकर वह उनका अप्रत्यक्ष रूप से साथ देंगे। यह तोता ही उन्हें कलियुग के अंत करने और सतयुग की शुरुआत करने में सहायता करेगा। इसी के साथ ही देवताओं और ऋषि-मुनियों के द्वारा भी उन्हें कई दैवीय अस्त्र प्रदान किए जाएंगे।

#8. कल्कि अवतार किसका वध करेंगे?

कल्कि भगवान ना केवल कलियुग का अंत करेंगे अपितु वे अगले कल्प की शुरुआत भी करेंगे जो की सतयुग होगा अर्थात धरती से पाप का संपूर्ण विनाश। कल्कि अवतार को दुष्टों के लिए महाविनाशक तथा धर्म की पुनः स्थापना के लिए बहुत महत्वपूर्ण अवतार माना गया है। कल्कि अवतार के बारे में कहा गया हैं कि वे विश्व के सभी राजाओं को पराजित करके उनका वध कर देंगे तथा सभी अधर्मियों का अपनी तलवार से विनाश कर देंगे।

कल्कि भगवान केवल भूमि पर ही नही अपितु समुद्र पर भी राज करेंगे। भूमि सहित समुद्र के सभी जीव उनके आदेश का पालन करेंगे और धर्म स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। उस समय तक विश्व की सत्ता अत्याचारी राजाओं के हाथ में होगी। ऐसे में उनके द्वारा लगभग सभी राजाओं का वध कर दिया जाएगा।

#9. कल्कि अवतार और इस्लाम

सनातन धर्म ग्रंथों में कल्कि अवतार के बारे में लिखा गया है कि उनके मुख्य शत्रु म्लेच्छ होंगे। इन म्लेच्छ लोगो के बारे में श्रीकृष्ण के समयकाल में भी बताया गया है। इन्हें भारत की पूर्व दिशा में दूर मरुस्थल से आए विद्याहीन और पशु के समान व्यवहार करने वाले लोगों की तरह बताया गया है। उस समय भी श्रीकृष्ण ने म्लेच्छ लोगों का नाश कर दिया था लेकिन तब तक उनका आंतक बहुत बढ़ जाएगा।

आज के समय में उसे इस्लाम धर्म से जोड़कर देखा जाता है क्योंकि भारत की पूर्व दिशा में मरुस्थल से आए लोग इस्लाम को ही मानने वाले हैं। इसी के साथ ही ग्रंथों में हिन्दू धर्म व जाति व्यवस्था का पालन नहीं करने वाले बौद्ध धर्म के लोगों का संहार भी Kalki Bhagwan के माध्यम से लिखा गया है।

#10. कल्कि अवतार अन्य धर्मों में

कल्कि अवतार लेने की कथा हिंदू धर्म से निकले अन्य धर्मों जैन, बौद्धसिख धर्म में भी की गयी हैं। उनके अनुसार भविष्य में एक ऐसा अवतार जन्म लेगा जो इस विश्व से पाप का नाश कर देगा। मुख्य रूप से बौद्ध व सिख धर्म में इसके बारे में लिखा गया है। बौद्ध धर्म लिखता है कि भविष्य में कल्कि नाम से एक अवतार होगा। यह अवतार हिन्दू व बौद्ध धर्म के लोगों को साथ लेकर म्लेच्छ लोगों का संहार कर देगा।

वही सिख धर्म में इसे भगवान विष्णु के चौबीसवाँ अवतार बताया गया है जो कि सही भी है। वह इसलिए क्योंकि हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान विष्णु के पूर्ण व अंशावतार मिलाकर कुल 24 अवतार होंगे जिसमें से कल्कि अंतिम अर्थात चौबीसवें अवतार होंगे। इस तरह से जैन व तिब्बत में भी कल्कि अवतार (Kalki Avatar In Hindi) के जन्म लेने की बाते कही गई है जो धर्म का पालन नहीं करने वालो का नाश कर देंगे।

कल्कि भगवान से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: कल्कि अवतार का दुश्मन कौन है?

उत्तर: कल्कि अवतार का दुश्मन म्लेच्छ होंगे म्लेच्छ से आशय भारत की पूर्व दिशा में मरुस्थलीय भूमि से आए ऐसे लोग जिन्हें धर्म व विद्या का कोई ज्ञान नहीं होगा और उनका व्यवहार पशुओं के समान होगा

प्रश्न: कल्कि अवतार की आयु कितनी होगी?

उत्तर: कल्कि अवतार की आयु के बारे में स्पष्ट उल्लेख देखने को नही मिलता है वह इसलिए क्योंकि उनका समयकाल इस युग के कलियुग से शुरू होकर अगले युग के सतयुग तक होगा

प्रश्न: कल्कि भगवान का जन्म कौन से सन में होगा?

उत्तर: कल्कि भगवान के जन्म के समय क्या सन होगा, इसके बारे में कोई उल्लेख नहीं दिया गया है उनका जन्म कलियुग के अंतिम चरण में होगा और अभी कलियुग का प्रथम चरण चल रहा है कलियुग का समयकाल 432000 वर्ष है

प्रश्न: कल्कि अवतार किसका वध करने के लिए होगा?

उत्तर: कल्कि अवतार मुख्य रूप से म्लेच्छों और धर्म का पालन नहीं करने वालो का वध करेंगे वे इस पृथ्वी पर धर्म और जाति व्यवस्था की फिर से स्थापना करेंगे और अधर्म का नाश कर देंगे

प्रश्न: भारत में कल्कि अवतार कब होगा?

उत्तर: भारत में कल्कि अवतार कलियुग के अंतिम चरण में सावन महीने की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होगा

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लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझ से किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

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