बिहू त्योहार किस फसल के काटने पर मनाया जाता है? आइए जाने

Bihu Festival In Hindi

आज हम आपको असम के बिहू त्योहार (Bihu Festival In Hindi) के बारे में बताएँगे जो वर्ष में तीन बार आता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार इसे माघ, बैसाख व कार्तिक के महीने में मनाया जाता हैं जो क्रमशः जनवरी, अप्रैल व अक्टूबर के महीनो में पड़ते है। इसे असम राज्य का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है जिसमें लगभग सभी भाग लेते हैं।

बिहू फेस्टिवल (Bihu In Hindi) किसानों और फसल से जुड़ा हुआ त्योहार है ऐसे में आप जानना चाहते होंगे कि बिहू त्योहार किस फसल के काटने पर मनाया जाता है!! आज के इस लेख में हम बिहू पर्व से जुड़ी हरेक महत्वपूर्ण जानकारी आपको देने जा रहे हैं। आइए जाने बिहू त्योहार के बारे में।

Bihu Festival In Hindi | असम का बिहू त्योहार

बिहू भारत के असम राज्य का सबसे प्रसिद्ध त्यौहार है और इसे वही मुख्य रूप से आयोजित किया जाता है। इसके साथ ही इसे उत्तर-पूर्व भारत के कुछ भागो और नेपाल व बांग्लादेश के भी कुछ भागो में आयोजित किया जाता है। साथ ही इन दिनों भारत देश के अन्य राज्यों में भी त्यौहार मनाए जाते हैं जिन्हें अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामो से जानते हैं।

बिहू का शब्द प्राचीन काल के कृषि प्रधान एक समुदाय दिमासा की भाषा से लिया गया है। वे लोग अपने आराध्य शिबराई माता की पूजा करते थे जिनसे यह शब्द संबंधित है। अब असम के लोग वर्ष में तीन बार बिहू का त्यौहार मनाते हैं। इसे रोंगाली बिहू, कोंगाली बिहू और भोगाली बिहू के नाम से जाना जाता है। आइए उनके बारे में जान लेते हैं।

#1. बैसाख बिहू/ बोहाग बिहू/ रोंगाली बिहू

इस बिहू को तीन नामो से जाना जाता है। बैसाख बिहू इसलिये क्योंकि यह बैसाख के महीने में पड़ता है। बोहाग बिहू इसलिये कहा जाता है क्योंकि आसामी कैलेंडर में यह बोहाग का महिना होता है। रोंगाली बिहू त्योहार (Bihu Festival In Hindi) में रोंगाली का अर्थ हुआ आनंदमय होना।

बिहू का पर्व किसानो की धान/ चावल की फसल से जुड़ा हुआ त्यौहार है। बोहाग बिहू का पर्व अप्रैल महीने के बीच में पड़ता है जो नए बीज बोने का त्यौहार होता है। इस दिन से आसामी नव वर्ष की भी शुरुआत होती है।

बैसाख बिहू के 7 दिन

बैसाख बिहू का त्यौहार एक दिन का त्यौहार ना होकर सात दिनों का पर्व है। इसमें सबसे मुख्य दिन गोरु बिहू/ गाय बिहू के नाम से जाना जाता है जिसमे किसान अपनी गायो को लेकर नदी-नहर में जाते है। गाय को हल्दी का लेप करके नहलाया जाता है। साथ ही उन्हें मच्छरों, कीटाणुओं से बचाने के लिए आसपास जड़ी-बूटियों को जलाकर उसका धुआं किया जाता है।

इसके साथ अन्य दिनों को मनुह बिहू, चट बिहू, राती बिहू, कुटुम बिहू, मेला बिहू और चेरा बिहू के नाम से जाना जाता है। इन दिनों असम के लोग पारंपरिक बिहू नृत्य करते है जिसे असम का लोकनृत्य कहा जाता है। हर जगह रंगारंग कार्यक्रम होते है व सभी मिलकर एक-दूसरे को बिहू की बधाई देते है।

बोहाग बिहू के दिन से ही विवाह की शुरुआत

बोहाग बिहू की शुरुआत होने के साथ ही असम में शादी-विवाह के समारोह भी आयोजित होने शुरू हो जाते है। यह मौसम और त्यौहार अपने लिए किसी को पसंद करने, उनसे अपनी मन की बात को कहने, रिश्ता पक्का करने या शादी करने के लिए सबसे उत्तम समय माना जाता है।

#2. कार्तिक बिहू/ काति बिहू/ कोंगाली बिहू

तीनो बिहू में केवल इसी बिहू के दिन सबसे कम रौनक होती है क्योंकि यह बिहू बोई गयी फसलो की रक्षा के उद्देश्य से मनाया जाता है। रोंगाली बिहू के समय किसानो ने जो धान की फसले बोई थी वे अब फूटने लगती है। इसलिये कीट-पतंगों से उनकी रक्षा करने के लिए काति बिहू फेस्टिवल (Bihu In Hindi) आयोजित किया जाता है।

इसमें सभी लोग अपने घरो में तुलसी के पौधे के नीचे दीपक प्रज्ज्वलित करते है। इसी के साथ दीयों को अपने खेतो, घरो, मोहल्लो इत्यादि में सजाया जाता है। यह पर्व हिन्दू धर्म के सबसे बड़े त्यौहार दीपावली के समय आता है जो कार्तिक मास में ही पड़ता है, इसलिये दीयो को जलाने का महत्व और भी बढ़ जाता है।

प्राचीन समय में किसान इस समय जगह-जगह दीपक जलाकर उनसे निकलने वाली रोशनी से कीटो को खत्म करने का कार्य करते थे क्योंकि यह एक तरह से कीटनाशक का ही काम करता है। इस प्रकार उनकी फसलो को रक्षा हो जाया करती है जो उनके लिए लाभदायक भी था।

इस दिन घर की महिलाएं अपने घर में पीठा के पकवान बनाती है जिसे सभी बड़े ही चाव के साथ खाते है। इस बिहू को कंगाली बिहू भी कहा जाता हैं क्योंकि इस समय फसले केवल उगनी शुरू होती है और वे हरी भरी नही होती है, इसलिये यह कंगाली को प्रदर्शित करती है।

#3. माघ बिहू/ भोगाली बिहू

यह बिहू में सबसे आनंददायक दिन है क्योंकि इस दौरान हर कोई अपनी पकी हुई फसल का आनंद उठता है। हालाँकि बिहू त्योहार (Bihu Festival In Hindi) में रोंगाली बिहू सबसे प्रसिद्ध है लेकिन माघ बिहू के दिन किसान आराम करते हैं और अपनी बोई फसलों के व्यंजन बनाकर आनंद उठाते है।

बिहू का यह त्यौहार जनवरी के महीने में पड़ता है जिन दिनों धान की फसले उग जाती है और सभी उनके व्यंजन बनाकर उत्सव मनाते है। इस दिन असम के लोग अपने खेतो, मोहल्लो में बांस की लकड़ियों की मेजी बनाकर भोज को आयोजित करते हैं जिसमे कलई की दाल व चावल मुख्य होते है।

यह किसानो के आराम करने का भी दिन है। इसलिये सभी एक-दूसरे के घर जाते हैं, स्वादिष्ट भोजन करते हैं, एक-दूसरे को बधाई देते हैं और रंगारंग कार्यक्रम आयोजित करते हैं। ढोल-नगाड़ो के साथ असम का पारंपरिक लोक-नृत्य भी किया जाता हैं।

बिहू के पकवान

एक चीज जो बिहू को प्रसिद्ध बनाती है वह है उस दिन बनने वाले कई तरह के पकवान जिसको देखकर हर किसी के मुहं में पानी आ जाता हैं। यह व्यंजन नारियल, तिल, चावल, गुड़ आदि से बनाए जाते हैं जैसे कि:

  • नारियल के लड्डू
  • तिल के लड्डू
  • तिल पिट्ठा/ पीठा
  • घीला पिट्ठा/ पीठा
  • खरबूजा के बीज
  • पागी मेवा इत्यादि।

इसके अलावा वहां मांस का भी सेवन मुख्य रूप से किया जाता है जिसमे मछली सबसे प्रसिद्ध है। इसलिये बिहू के दिन मछली के भी विभिन्न पकवान बनते है।

बिहू त्योहार किस फसल के काटने पर मनाया जाता है?

बिहू त्यौहार धान या चावल की फसल से जुड़ा हुआ त्यौहार है। हालाँकि यह केवल फसलों की कटाई से ही संबंधित नहीं है। वह इसलिए क्योंकि एक वर्ष में तीन बार बिहू का त्यौहार मनाया जाता है। ऐसे में यह धान के बीज बोने, उसकी रक्षा करने और फिर उसकी कटाई करने से संबंधित है। जाने कैसे:

  • सबसे पहले बैसाख बिहू त्यौहार आता है जिसे अप्रैल महीने में मनाते हैं। इन दिनों धान की फसल उगाने के लिए अपने-अपने खेतों में उसके बीज बोए जाते हैं।
  • फिर कार्तिक बिहू फेस्टिवल आता है जो अक्टूबर महीने में पड़ता है। इस समय धान की फसल पाक रही होती है और उनकी कीट-पतंगों से रक्षा करने के लिए यह त्यौहार मनाया जाता है।
  • फिर अंत में माघ बिहू पर्व आता है जो जनवरी के महीने में पड़ता है। यह धान की पाक चुकी फसलों की कटाई के रूप में मनाया जाता है।

इस तरह से असम के लोग बिहू त्योहार (Bihu Festival In Hindi) को मनाते हैं। यह पूर्ण रूप से फसलों की बुवाई, रक्षा और कटाई से संबंधित है। असम के सभी लोग किसानों का धन्यवाद करने के लिए बिहू फेस्टिवल को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाते हैं।

बिहू त्योहार से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: बिहू त्योहार कहां मनाया जाता है?

उत्तर: बिहू त्योहार मुख्य रूप से भारत के असम राज्य में मनाया जाता है यह त्योहार मकर संक्रांति वाले दिन ही होता है ऐसे में बाकी भारत में मकर संक्रांति व अन्य त्योहार मनाए जा रहे होते हैं

प्रश्न: बिहू त्योहार कब मनाया जाता है?

उत्तर: बिहू त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाता है हालाँकि वर्ष में कुल तीन बार बिहू का त्योहार मनाया जाता है लेकिन मुख्य बिहू जनवरी माह वाला ही होता है

प्रश्न: असम में बिहू त्योहार कब मनाया जाता है?

उत्तर: असम में बिहू त्यौहार तीन बार मनाया जाता है पहला बिहू अप्रैल के महीने में, दूसरा बिहू अक्टूबर के महीने में तो तीसरा और आखिरी बिहू जनवरी माह में मनाया जाता है

प्रश्न: बिहू त्योहार क्यों मनाया जाता है?

उत्तर: बिहू त्योहार असम के लोगों के द्वारा किसानों को धन्यवाद कहने के लिए मनाया जाता है वही किसान अपनी फसल की कटाई की खुशी में बिहू फेस्टिवल मनाते हैं

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लेखक के बारें में: कृष्णा

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