आज हम आपके साथ नवरात्रि आरती (Navratri Aarti) का पाठ करने जा रहे हैं। हम हर वर्ष नवरात्र का पावन त्यौहार बहुत ही धूमधाम के साथ मनाते हैं। नवरात्र नौ दिनों का पावन त्यौहार है जिसमें हर दिन मातारानी के भिन्न रूप की पूजा की जाती है। उन्हें हम नवदुर्गा के नाम से जानते हैं। इसमें मातारानी का हरेक रूप अपने भिन्न गुणों व शक्तियों के कारण पूजनीय है।
अब कहने को तो इन नौ दिनों में मातारानी के रूप के अनुसार भिन्न-भिन्न आरती की जाती है किंतु यदि हम नवरात्रि की आरती की बात कर रहे हैं तो उसके लिए दुर्गा माता की आरती की जाती है। एक तरह से दुर्गा आरती को ही नवरात्र की आरती के नाम भी जाना जाता है।
आज के इस लेख में हम आपके साथ नवरात्रि आरती PDF (Navratri Aarti PDF) फाइल और इमेज भी साझा करेंगे। इसे आप अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सेव करके रख सकते हैं। फिर नौ दिनों तक आपको मातारानी की आरती पढ़ने के लिए इधर-उधर नहीं देखना पड़ेगा। लेख के अंत में नवरात्र आरती करने से मिलने वाले लाभ, नियम और उसके महत्व के बारे में भी बताया जाएगा। आइए सबसे पहले करते हैं नवरात्रि आरती।
Navratri Aarti | नवरात्रि आरती
जय अम्बे गौरी मैया जय मंगल मूर्ति मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवरी॥ जय॥
मांग सिन्दूर बिराजत टीको मृगमद को।
उज्ज्वल से दोऊ नैना चन्द्र बदन नीको॥ जय॥
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।
रक्त पुष्प गल माला कंठन पर साजै॥ जय॥
केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर-मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी॥ जय॥
कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती।
कोटिक चन्द्र दिवाकर राजत सम ज्योति॥ जय॥
शुम्भ निशुम्भ विदारे महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना निशदिन मदमाती॥ जय॥
चण्ड-मुण्ड संहारे शोणित बीज हरे।
मधु कैटभ दोऊ मारे, सुर भयहीन करे॥ जय॥
ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी तुम शिव पटरानी॥ जय॥
चौंसठ योगिनि मंगल गावत नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू॥ जय॥
तुम ही जगत की माता तुम ही हो भर्ता।
भक्तन की दुःख हरता सुख सम्पत्ति कर्ता॥ जय॥
भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी।
मनवांछित फल पावत सेवत नर-नारी॥ जय॥
कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति॥ जय॥
अम्बे जी की आरती जो कोई नर गावै।
कहत शिवानंद स्वामी सुख सम्पत्ति पावै॥ जय॥
Navratri Aarti Lyrics | नवरात्रि आरती इमेज
यह रही नवरात्रि आरती की इमेज:
यदि आप मोबाइल में इसे देख रहे हैं तो इमेज पर क्लिक करके रखिए। उसके बाद आपको इमेज डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा। वहीं यदि आप लैपटॉप या कंप्यूटर में इसे देख रहे हैं तो इमेज पर राईट क्लिक करें। इससे आपको इमेज डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा।
Navratri Aarti PDF | नवरात्रि आरती PDF
अब हम नवरात्रि आरती की PDF फाइल भी आपके साथ साझा कर देते हैं।
यह रहा उसका लिंक: Navratri Aarti PDF
ऊपर आपको लाल रंग में Navratri Aarti PDF फाइल का लिंक दिख रहा होगा। आपको बस उस पर क्लिक करना है और उसके बाद आपके मोबाइल या लैपटॉप में पीडीएफ फाइल खुल जाएगी। फिर आपके सिस्टम में इनस्टॉल एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर के हिसाब से डाउनलोड करने का विकल्प भी ऊपर ही मिल जाएगा।
नवरात्रि की आरती पढ़ने के नियम
आपको इंटरनेट पर अलग-अलग लेखों के माध्यम से मां दुर्गा जी की आरती को पढ़ने के तरह-तरह के नियमों के बारे में बताया गया होगा जो कि अधिकतर व्यर्थ में ही लिखे गए होते हैं। पहली बात तो माँ का कोई भी भक्त नवरात्रि आरती का पाठ कर सकता है और इसके लिए माँ की ओर से किसी तरह की शर्त नहीं रखी गयी है। हालाँकि आपको नैतिक तौर पर कुछ बातों को अवश्य ध्यान में रखना चाहिए।
उदाहरण के तौर पर आप बिना नहाये या नहाने के पश्चात यदि शौच गए हैं तो नवरात्र आरती (Navratri Aarti Lyrics) का पाठ करने से बचें। आप जहाँ भी दुर्गा जी की आरती का पाठ कर रहे हो, वह जगह स्वच्छ हो अर्थात किसी अनुचित जगह पर नवरात्रि आरती का पाठ करने से बचें। इसी के साथ ही जब भी आप नवरात्रि आरती का पाठ करना शुरू करें तो अपने मन को भी शांत रखें और उसमे किसी भी तरह के अनुचित या बुरे विचार ना आने दें।
कुल मिलाकर हमारे कहने का तात्पर्य यह है कि दुर्गा माँ की आरती को पढ़ने से पहले जगह, तन व मन का स्वच्छ व निर्मल होना आवश्यक होता है। यदि आप बिना इसके भी दुर्गा मां की आरती का पाठ करते हैं तो आपको कोई हानि तो नहीं होगी किन्तु कुछ लाभ भी नहीं मिलेगा। इसलिए यह बहुत ही आवश्यक है कि आप स्नान करके स्वच्छ जगह पर और निर्मल मन के साथ ही नवरात्रि की आरती का पाठ करें।
नवरात्र की आरती का महत्व
सनातन धर्म में कई तरह की देवियों व उनके तरह-तरह के रूपों के बारे में बात की गयी है तथा उनका महत्व दर्शाया गया है किन्तु उन सभी का आधार माँ आदिशक्ति जिन्हें हम माँ दुर्गा के नाम से भी जानते हैं, वही हैं। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि माँ पार्वती, माँ लक्ष्मी, माँ सरस्वती तथा अन्य देवियाँ माँ दुर्गा का ही एक रूप हैं या उनसे प्रकट हुई हैं। माँ दुर्गा ही इन सभी की आधार देवी मानी जाती हैं।
नवरात्र आरती के माध्यम से हम सभी को यह बताने की चेष्ठा की गयी है कि उनके जैसा कोई दूसरा नहीं है और जो व्यक्ति दुर्गा माँ की आरती पढ़ता है, उसका उद्धार होना तय है। नवरात्रि आरती के माध्यम से माँ दुर्गा के गुणों, शक्तियों, पराक्रम, कर्मों, महत्व इत्यादि के बारे में विस्तार से बताया गया है ताकि भक्तगण माँ के पराक्रम के बारे में अच्छे से जान सकें। यही नवरात्र आरती का महत्व होता है।
नवरात्र आरती के लाभ
अब आपको नवरात्र की आरती करने से क्या कुछ लाभ मिलते हैं, इसके बारे में भी जानना होगा तो हम आपको निराश ना करते हुए इसके बारे में भी बताएँगे। दरअसल नवरात्र की आरती करने से व्यक्ति को एक नहीं बल्कि कई तरह के लाभ देखने को मिलते हैं जो उसके जीवन की दिशा तक को बदल सकते हैं। सीधे शब्दों में कहा जाए तो नवरात्रि आरती का पाठ करने के लाभ बहुत सारे हैं।
जो व्यक्ति नियमित रूप से ऊपर बताये गए नियमों का पालन करते हुए नवरात्रि की आरती पढ़ता है, उसे अवश्य ही इसका प्रभाव कुछ ही सप्ताह में देखने को मिल जाता है। अब इनमे से कौन-कौन से लाभ आपको मिल सकते हैं, वह हम आपको नीचे बताने जा रहे हैं। आइये जाने नवरात्रि की आरती पढ़ने से मिलने वाले लाभ।
- यदि आपका कोई काम नहीं बन पा रहा है या रह-रह कर उसमें किसी ना किसी तरह की रूकावट आ रही है तो माँ दुर्गा के प्रभाव से वह जल्दी ही बन जाता है।
- यदि आपका मन खिन्न है या आप किसी बात को लेकर तनाव में हैं तो नवरात्रि की आरती के प्रभाव से मन शांत होता है तथा तनाव दूर हो जाता है।
- यदि आपको आगे का कोई मार्ग समझ नहीं आ रहा है या जीवन में क्या किया जाए, इसको लेकर चिंतित हैं तो आगे का मार्ग भी सुगम होता है तथा आपको एक नयी राह भी मिलती है।
- माता दुर्गा के प्रभाव से और उनकी आरती के नियमित पाठ से आपका यश परिवार, मित्रों व समाज में फैलता है तथा मान-सम्मान में वृद्धि देखने को मिलती है।
- यदि आपके ऊपर कोई बुरा साया है या बुरी शक्तियों का प्रभाव है तो वह भी दुर्गा माँ के प्रभाव से समाप्त हो जाता है। यह लाभ तो आपको बस नवरात्रि आरती के पाठ के कुछ दिनों में ही देखने को मिल जाएगा।
हालाँकि नवरात्र आरती को पढ़ने के इनके अलावा भी कई तरह के लाभ देखने को मिलते हैं जो हर व्यक्ति की स्थिति के अनुसार अलग-अलग प्रभाव डालते हैं। फिर भी हमने उनमें से कुछ चुनिंदा लाभों को आपके सामने रखा है ताकि आपको यह पता चल सके कि यदि आप नियमित रूप से नवरात्र की आरती करेंगे तो आपके ऊपर उसका क्या प्रभाव होगा।
निष्कर्ष
आज के इस लेख के माध्यम से आपने नवरात्रि आरती (Navratri Aarti) पढ़ ली है। साथ ही आपने नवरात्रि की आरती का महत्व, नियम और पढ़ने के लाभ भी जान लिए है। यदि आपको नवरात्रि आरती PDF फाइल या इमेज डाउनलोड करने में किसी तरह की समस्या होती है या आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देंगे।
नवरात्र आरती से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: नवरात्रि पर कौन सी आरती करनी है?
उत्तर: नवरात्रि पर नौ दिनों के लिए हर रूप को समर्पित नौ अलग-अलग आरतियाँ होती हैं जो आपको इस लेख में पढ़ने को मिलेगी।
प्रश्न: मां दुर्गा के कितने रूप होते हैं?
उत्तर: मां दुर्गा के कुल 9 रूप हैं जिनकी हम नवरात्र के 9 दिनों में पूजा करते हैं। इन दिनों में मातारानी के रूप के अनुसार ही उन्हें भोग लगाया जाता है और उनकी आरती का पाठ किया जाता है।
प्रश्न: सबसे बड़ी देवी कौन सी है?
उत्तर: सबसे बड़ी देवी माँ दुर्गा ही हैं जिन्हें हम माँ आदिशक्ति के नाम से भी जानते हैं। मातारानी के अन्य सभी रूप माता दुर्गा के ही रूप माने जाते हैं जो भिन्न-भिन्न गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
प्रश्न: मां दुर्गा किसकी बेटी थी?
उत्तर: मां दुर्गा किसी की बेटी नहीं हैं। उनका प्राकट्य भगवान शिव, विष्णु, ब्रह्मा तथा अन्य सभी देवी-देवताओं की शक्ति को मिलाकर हुआ था ताकि दुष्टों का अंत कर अधर्म का नाश किया जा सके।
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