नवरात्रि व्रत में क्या नहीं करना चाहिए और क्या करना चाहिए?

नवरात्रि व्रत के नियम

आज हम आपको नवरात्रि व्रत के नियम (Navratri Vrat Ke Niyam) बताने जा रहे हैं। जब नवरात्र का त्यौहार आता हैं तो चारो ओर एक भक्ति का वातावरण देखने को मिलता हैं। मातारानी के नौ दिनों में तो मांसाहारी लोग भी शाकाहारी भोजन करने लग जाते हैं। इसी के साथ बहुत लोग इन दिनों व्रत करते हैं जिनमे कुछ 2 दिन तो कुछ 4 दिन तो कुछ पूरे नवरात्र।

ऐसे समय में व्रत रखते समय हमे कुछ बातों व नियमों को ध्यान में रखना अति-आवश्यक होता हैं। आज हम आपको नवरात्रि व्रत में क्या नहीं करना चाहिए और क्या करना चाहिए, इसके बारे में बताएँगे। चलिए जानते हैं।

नवरात्रि व्रत के नियम (Navratri Vrat Ke Niyam)

भक्तों के नवरात्र के व्रत रखने से संबंधित कई तरह के प्रश्न होते हैं उदाहरण के तौर पर नवरात्रि में कितने व्रत रख सकते हैं, नवरात्रि का व्रत कब खोलना चाहिए, नवरात्रि का व्रत कैसे किया जाता है, इत्यादि। ऐसे में आज आपका यह जानना जरुरी हो जाता है कि नवरात्र व्रत के नियम में क्या कुछ बताया गया है।

अब हम एक-एक करके आपके सामने नवरात्र व्रत के सभी नियम रखने जा रहे हैं। ऐसे में आपको भी नवरात्रि का व्रत रखते समय इनका पालन करना चाहिए।

  1. नवरात्र में आप पूर्णतया सात्विक भोजन करे। सात्विक भोजन का अर्थ हैं राजसिक व तामसिक भोजन को ग्रहण नही करना। इसमें अनाज जैसे कि गेहूं, बाजरा, सूजी, मैदा, बेसन इत्यादि, सभी दालें, सरसों का तेल, नमक व अन्य मसाले इत्यादि का सेवन वर्जित माना गया हैं। केवल कुट्टू का आटा, सेंधा नमक, काली मिर्च, घी, मूंगफली का तेल, आलू जैसी चीजों का सेवन किया जा सकता हैं।
  2. प्रतिदिन सुबह जल्दी उठकर स्नान इत्यादि करे व उसके पश्चता पूरे विधि-विधान से मातारानी की पूजा करे। हर दिन मातारानी के अलग रूप की अलग-अलग मंत्रों से पूजा होती हैं। इसलिये उस दिन मातारानी के उस रूप की पूजा व ध्यान करे।
  3. नवरात्र के दिनों में मन पर पूरी तरह से संयम रखने की आवश्यकता होती हैं। यदि आपको मदिरा/ अल्कोहल पीने या धुम्रपान करने की आदत हैं तो कृपया इन नौ दिनों तक उससे दूर रहे। इसी के साथ किसी भी प्रकार के मांस या अंडे इत्यादि का सेवन बिलकुल ना करे व बाहर का खाना खाने से बचे।
  4. नवरात्र में आपको किसी से भी शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए। यह समय मातारानी में ध्यान लगाने व सांसारिक मोहमाया से दूर रहने का होता हैं। इसलिये किसी भी प्रकार से किसी के भी साथ संभोग करने से बचे।
  5. कई लोग पूरे नवरात्र व्रत रखते हैं लेकिन कुछ लोग सभी नवरात्र का व्रत रखने में अक्षम होते हैं। ऐसे में उन्हें जोड़े में व्रत रखने चाहिए जैसे कि 2, 4 या 6। कभी भी विषम संख्या में व्रत ना रखे। यदि आप नवरात्र में दो दिन के लिए व्रत कर रहे हैं तो पहला व आखिरी नवरात्र का करे।
  6. हमारी आदत होती हैं कि हम अपने वस्त्रों को एक बार से ज्यादा बार पहनते हैं वह भी बिना धोये लेकिन नवरात्र के समय इस बात का ध्यान रखे कि आप बिना धोये वस्त्र ना पहने। हर दिन आप नए धुले वस्त्रों को ही धारण करे।
  7. दिन में एक बार ही नमक युक्त आहार का भोजन करे वह भी सेंधा नमक। ऐसा ना हो कि आप सुबह फलों में भी नमक डालकर खा रहे हैं तो वही संध्या में कुट्टू के आटे की रोटी व आलू की सब्जी।
  8. व्रत करने वाले व्यक्ति को अपने क्रोध पर नियंत्रण आवश्यक रूप से रखना चाहिए। इसी के साथ किसी को अपशब्द या कटु वचन कहने से बचे अन्यथा व्रत का फल आपको नही मिलेगा।
  9. रसायन युक्त मंजन या साबुन का इस्तेमाल करने से बचे क्योंकि यह आपके मुहं से आपके पेट के अंदर जा सकता हैं। इसलिये ऐसे समय में आयुर्वेदिक मंजन या दातुन का प्रयोग करे।
  10. संध्या में उपवास तोड़ते समय इस बात का ध्यान रखे कि सबसे पहले अपनी थाली में से मातारानी के लिए थोड़ा सा भोजन निकाले। उसके बाद मातारानी को प्रणाम कर उनका ध्यान करे तत्पश्चात भोजन ग्रहण करे। भोजन करते समय बीच में बिल्कुल ना उठे तथा ना ही भोजन करने के पश्चात कुछ खाए।

नवरात्रि व्रत में क्या नहीं करना चाहिए?

नवरात्रि के व्रत में आपको व्यसनों से दूर रहना चाहिए। ईश्वर ने आपको जितना दिया है, आपको उसी में ही संतोष प्राप्ति की भावना लानी चाहिए। मातारानी के आशीर्वाद से आपको उतना ही मिलेगा, जितना आपके भाग्य में लिखा होगा। आपको उससे पहले कुछ भी ज्यादा या कम नहीं मिलेगा और ना ही उसके बाद।

ऐसे में आपको नवरात्रि का व्रत करते समय व्रत के सभी नियमों का पालन करना चाहिए। इस दौरान आपको संभोग, क्रोध, मांस, मदिरा, धुम्रपान, ईर्ष्या, लोभ, व्यसन इत्यादि चीज़ों और भावनाओं से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। तभी आपके द्वारा किए गए नवरात्र के व्रत फलदायी सिद्ध होते हैं अन्यथा उनका कोई महत्व नहीं रह जाता है।

नवरात्रि में कितने व्रत रख सकते हैं?

नवरात्रि नौ दिनों तक मनाया जाने वाला पर्व होता है। अब जिन लोगों ने पूरे नवरात्र के व्रत रखे होते हैं, उनके व्रत भी नौ दिन के नहीं आठ या सात दिन के ही होते हैं। वह इसलिए क्योंकि अष्टमी या नवमी के दिन कंजको को जिमाने के बाद व्रत का उद्यापन कर दिया जाता है। इसलिए यदि आप पूरे नवरात्र व्रत करने जा रहे हैं तो यह तो बहुत अच्छी बात है लेकिन कंजके जिमाने या कन्या पूजन के बाद व्रत समाप्त हो जाते हैं।

वही कुछ लोग पूरे नवरात्र नहीं बल्कि कुछ दिन ही व्रत रखते हैं। ऐसे में आप इस बात का ध्यान रखे कि नवरात्रि की व्रत संख्या हमेशा सैम संख्या होनी चाहिए, ना कि विषम संख्या। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप जोड़ी में ही नवरात्रि के व्रत रख सकते हैं। उदाहरण के तौर पर दो, चार या छह नवरात्र के व्रत रखना। अब यह दो या चार नवरात्र के दिन जरुरी नहीं कि एक साथ ही हो। बहुत लोग पहले और आखिरी नवरात्रि का भी व्रत रखते हैं। तो यह पूर्ण रूप से आप पर ही निर्भर करता है।

नवरात्रि का व्रत कब खोलना चाहिए?

नवरात्रि का व्रत अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन के  बाद खोला जाता है। जो भक्तगण पूरे नवरात्र के व्रत रख रहे हैं, उन्हें नवरात्र के आठवें या नौवें दिन कन्या पूजन के बाद अपने व्रत का उद्यापन करना चाहिए। अब कुछ घरों में अष्टमी के दिन कन्याएं जिमाई जाती है तो कुछ घरों में नवमी के दिन। ऐसे में आपको उसके अनुसार ही अपने व्रत का उद्यापन करना चाहिए।

इसी के साथ ही जिन्होंने जोड़ी में व्रत किए थे या व्रत नहीं भी किया था, उन्हें भी कन्या पूजन वाले दिन कुछ भी ग्रहण करने से बचना चाहिए। एक तरह से सभी घरों में अष्टमी या नवमीं जिस दिन भी कंजके जिमाई जाती है, उस दिन नौ कन्याओं को खिलाने के बाद ही भोजन ग्रहण करना चाहिए। यहीं नवरात्रि व्रत के नियम (Navratri Vrat Ke Niyam) होते हैं।

नवरात्र व्रत के नियम से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: नवरात्रि में क्या क्या नियम रखना चाहिए?

उत्तर: नवरात्रि के नियमों के अनुसार, आपको अपने मन में क्रोध, इर्श्रा, द्वेष, लोभ, तृष्णा इत्यादि भावनाओं को नहीं लाना चाहिए आपका मन निर्मल और मातारानी की भक्ति में डूबा हुआ होना चाहिए

प्रश्न: नवरात्रि का व्रत कैसे किया जाता है?

उत्तर: नवरात्रि का व्रत निर्मल मन और शुद्ध शरीर के साथ ही किया जाता है आपके मन में कोई भी बुरे विचार नहीं आने चाहिए और शरीर भी एकदम शुद्ध होना चाहिए तभी नवरात्रि का व्रत रखा जा सकता है

प्रश्न: नवरात्रि का व्रत कैसे रखा जाता है?

उत्तर: नवरात्रि का व्रत एक समय का भोजन करके या फलाहार लेकर रखा जाता है इस दौरान आपको पूरे दिन में एक बार ही नामक का उपयोग करना होता है और वो भी सेंधा नामक का

प्रश्न: नवरात्रि का व्रत कैसे रखें?

उत्तर: नवरात्रि का व्रत रखने के लिए आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान इत्यादि करके मातारानी की पूजा व आरती करनी चाहिए उसके बाद ही कुछ ग्रहण करना चाहिए इस दौरान आपको पूरे दिन एक समय का भोजन या फलाहार व्रत करना चाहिए

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लेखक के बारें में: कृष्णा

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