श्याम चालीसा PDF फाइल व फोटो सहित

Shyam Chalisa Lyrics In Hindi

आज के इस लेख में हम आपके साथ श्याम चालीसा हिंदी में (Shyam Chalisa Lyrics In Hindi) अर्थ सहित साझा करेंगे। श्याम बाबा को कलियुग का अवतार या भगवान माना जाता है। उन्हें यह उपाधि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने दी है। यही कारण है कि श्याम बाबा की प्रसिद्धि हर दिन के साथ बढ़ती ही जा रही है।

भक्तों के द्वारा श्री श्याम चालीसा बड़े ही उत्साह के साथ पढ़ी जाती है। ऐसे में आज हम आपको श्याम चालीसा PDF (Shyam Chalisa PDF) फाइल और फोटो भी देंगे। इसे आप अपने मोबाइल में सेव कर कभी भी पढ़ सकते हैं। बहुत से भक्त श्याम चालीसा को खाटू श्याम चालीसा भी कह देते हैं क्योंकि श्याम बाबा का मंदिर राजस्थान के खाटू में है। तो आइये सबसे पहले पढ़ते हैं खाटू श्याम चालीसा हिंदी में अर्थ सहित।

Shyam Chalisa Lyrics In Hindi | श्याम चालीसा हिंदी में

॥ दोहा ॥

श्री गुरु चरण ध्यान धर, सुमिरि सच्चिदानन्द।
श्याम चालीसा भणत हूँ, रच चौपाई छन्द॥

मैं गुरु के चरणों का ध्यान करते हुए और ईश्वर को मन में रख कर, श्याम चालीसा का पाठ करता हूँ और उसकी चौपाईयाँ व छन्द पढ़ता हूँ।

॥ चौपाई ॥

श्याम श्याम भजि बारम्बारा, सहज ही हो भवसागर पारा।

इन सम देव न दूजा कोई, दीन दयालु न दाता होई।

भीमसुपुत्र अहिलवती जाया, कहीं भीम का पौत्र कहाया।

यह सब कथा सही कल्पान्तर, तनिक न मानों इसमें अन्तर।

जो भी व्यक्ति बार-बार श्याम नाम का भजन करता है, वह अवश्य ही इस भव सागर को पार कर जाता है। श्याम बाबा के जैसा कोई दूसरा देवता नहीं है और ना ही उनके जैसा कोई दयालु व दानवीर है। पांडव भीम का विवाह हिडिम्बा से हुआ था जिससे उन्हें घटोत्कच नाम का पुत्र हुआ। तब घटोत्कच ने मोरवी से विवाह किया जिससे उन्हें बर्बरीक नाम का पुत्र हुआ जो श्याम बाबा कहलाये। यह घटना द्वापर युग के अंत में हुई थी और किसी को भी इस पर संशय नहीं होना चाहिए।

बर्बरीक विष्णु अवतारा, भक्तन हेतु मनुज तनु धारा।

वसुदेव देवकी प्यारे, यशुमति मैया नन्द दुलारे।

मधुसूदन गोपाल मुरारी, बृजकिशोर गोवर्धन धारी।

सियाराम श्री हरि गोविन्दा, दीनपाल श्री बाल मुकन्दा।

बर्बरीक स्वयं भगवान विष्णु के ही एक अवतार हैं जिन्होंने मानव कल्याण के उद्देश्य से मनुष्य रूप में अवतार लिया था। श्रीकृष्ण के रूप में वे वासुदेव बाबा व देवकी माता के प्यारे पुत्र हैं और नन्द बाबा व यशोदा माता को भी बहुत प्रिय हैं। वे चारों ओर प्रेम का रस बिखेरने वाले, गायों की रक्षा करने वाले, बांसुरी बजाने वाले, बृज क्षेत्र के निवासी तथा गोवर्धन पर्वत को उठाने वाले हैं। वे ही भगवान श्रीराम व हरि के अवतार श्रीकृष्ण हैं, वे ही सभी दीन पुरुषों के दुःखहर्ता तथा मुकुंद हैं।

दामोदर रणछोड़ बिहारी, नाथ द्वारिकाधीश खरारी।

नरहरि रूप प्रह्लाद प्यारा, खम्भ फारि हिरनाकुश मारा।

राधा वल्लभ रुक्मिणी कंता, गोपी वल्लभ कंस हनंता।

मनमोहन चित्तचोर कहाये, माखन चोरि चोरि कर खाये।

उन्होंने ही मथुरा की युद्धभूमि को छोड़ दिया था और द्वारका में नयी नगरी बसायी थी। उन्होंने ही अपने भक्त प्रह्लाद की उसके दुष्ट पिता हिरण्यकश्यप से रक्षा करने के लिए भगवान नरसिंह का भीषण रूप लिया था और हिरण्यकश्यप का वध कर दिया था। वे ही राधा वल्लभ के रूप में रुक्मिणी के पति हैं और गोपियों के मन को प्रेम देने वाले और दुष्ट कंस का वध करने वाले श्रीहरि हैं। वे हम सभी के मन को मोहित कर देते हैं और माखन को चोरी करके खाते हैं।

मुरलीधर यदुपति घनश्याम, कृष्ण पतितपावन अभिरामा।

मायापति लक्ष्मीपति ईसा, पुरुषोत्तम केशव जगदीशा।

विश्वपति त्रिभुवन उजियारा, दीन बन्धु भक्तन रखवारा।

प्रभु का भेद कोई न पाया, शेष महेश थके मुनिराया।

वे ही मधुर ध्वनि में बांसुरी बजाते हैं, यदुवंश के शासक हैं और घनश्याम भी हैं। वे अभिराम, माया के जनक, लक्ष्मी माता के पति, ईसा पूर्व में जन्मे, सभी पुरुषों में उत्तम, केशव व जगत के ईश्वर हैं। वे इस विश्व के अधिपति, तीनों लोकों में प्रकाश फैलाने वाले, दीन-बन्धु व भक्तों की रक्षा करने वाले हैं। उनका रहस्य तो कोई नहीं जान पाया है और इसे जानते-जानते तो स्वयं शेषनाग व भगवान शंकर भी थक गए थे।

नारद शारद ऋषि योगिन्दर, श्याम श्याम सब रटत निरन्तर।

कवि कोविद करि सके न गिनन्ता, नाम अपार अथाह अनन्ता।

हर सृष्टि हर युग में भाई, ले अवतार भक्त सुखदाई।

हृदय माँहि करि देखु विचारा, श्याम भजे तो हो निस्तारा।

नारद मुनि, शारदा माता, ऋषि, योगी सभी ही श्याम-श्याम का नाम जपते रहते हैं। आपके गुणों का बखान तो कवि लोग भी नहीं कर सकते हैं क्योंकि यह अनन्त है। आपने हर युग में अवतार लेकर धर्म की रक्षा की है और भक्तों का उद्धार किया है। मैं अपने हृदय में यह विचार करता हूँ कि यदि आपके भजन किये जाएं तो हम सभी का उद्धार हो जाए।

कीर पढ़ावत गणिका तारी, भीलनी की भक्ति बलिहारी।

सती अहिल्या गौतम नारी, भई श्राप वश शिला दुखारी।

श्याम चरण रच नित लाई, पहुँची पतिलोक में जाई।

अजामिल अरु सदन कसाई, नाम प्रताप परम गति पाई।

माता शबरी ने आपकी बहुत भक्ति की और आपने उन्हें नवधा भक्ति का ज्ञान देकर उद्धार कर दिया। उसी तरह माता अहिल्या इतने वर्षों से अपने पति का श्राप झेल रही थी, आपने अपने चरणों से उनकी पत्थर की मूर्ति को छूकर उनका उद्धार कर दिया। जो भी व्यक्ति आपके नाम का गुणगान करता है, उसका उद्धार हो जाता है।

जाके श्याम नाम अधारा, सुख लहहि दुःख दूर हो सारा।

श्याम सुलोचन है अति सुन्दर, मोर मुकुट सिर तन पीताम्बर।

गल वैजयन्तिमाल सुहाई, छवि अनूप भक्तन मन भाई।

श्याम श्याम सुमिरहु दिनराती, शाम दुपहरि अरु परभाती।

जो भी व्यक्ति श्याम का नाम लेता है, उसके सभी दुःख दूर हो जाते हैं और उसे सुख की अनुभूति होती है। श्याम भगवान का रूप बहुत ही सुंदर है जिनके सिर पर मोर मुकुट है तो शरीर पर पीले रंग के वस्त्र। गले में फूलों की माला जो उनके भक्तों को बहुत ही भा रही है। मैं सुबह, शाम, दोपहर हर समय श्याम नाम का जाप करता रहता हूँ।

श्याम सारथी जिसके रथ के, रोड़े दूर होय उस पथ के।

श्याम भक्त न कहीं पर हारा, भीर परि तब श्याम पुकारा।

रसना श्याम नाम रस पी ले, जी ले श्याम नाम के हाले।

संसारी सुख भोग मिलेगा, अन्त श्याम सुख योग मिलेगा।

जिस भी व्यक्ति को श्याम बाबा रास्ता दिखाते हैं, उसके मार्ग के सभी संकट अपने आप ही दूर हो जाते हैं। श्याम भक्तों की कभी भी हार नहीं होती है और श्याम बाबा हमेशा उनकी सहायता करने को तत्पर रहते हैं। जो भी व्यक्ति श्याम नाम के रस में डूब जाता है और उनका नाम लेता है, उसे संसार के सभी सुख-संपत्ति मिलती है और जीवन सफल हो जाता है।

श्याम प्रभु हैं तन के काले, मन के गोरे भोले भाले।

श्याम संत भक्तन हितकारी, रोग दोष अघ नाशै भारी।

प्रेम सहित जे नाम पुकारा, भक्त लगत श्याम को प्यारा।

खाटू में है मथुरा वासी, पार ब्रह्म पूरण अविनासी।

श्याम भगवान के शरीर का रंग अवश्य ही काला है लेकिन अंदर से वे बहुत ही निर्मल हैं। श्याम बाबा अपने भक्तों के हितों की हमेशा ही रक्षा करते हैं और उनके सभी तरह के रोग, दोष, पाप इत्यादि का नाश कर देते हैं। जो भी व्यक्ति प्रेम के साथ श्याम बाबा का नाम लेता है, उस पर श्याम बाबा की कृपा बरसती है। श्याम बाबा के दर्शन करने तो मथुरा के लोग भी खाटू में आये हैं और उनसे याचना कर रहे हैं।

सुधा तान भरि मुरली बजाई, चहुँ दिशि नाना जहाँ सुनि पाई।

वृद्ध बाल जेते नारी नर, मुग्ध भये सुनि वंशी के स्वर।

दौड़ दौड़ पहुँचे सब जाई, खाटू में जहां श्याम कन्हाई।

जिसने श्याम स्वरूप निहारा, भव भय से पाया छुटकारा।

श्याम भगवान ने अपनी बांसुरी उठा कर जैसे ही उसे बजाया तो चारों दिशाओं में खुशी फैल गयी। सभी मनुष्य उस मुरली की धुन में ही खो गए और मंत्रमुग्ध हो गए। सभी मुरली की धुन को सुन कर उसी दिशा में ही दौड़ चले जहाँ श्याम बाबा इस मधुर राग को छेड़े बैठे थे। जिसने भी खाटू में श्याम बाबा का भव्य स्वरुप देख लिया, मानो उसको सभी से ही मुक्ति मिल गयी हो।

॥ दोहा ॥

श्याम सलोने साँवरे, बर्बरीक तनु धार।
इच्छा पूर्ण भक्त की, करो न लाओ बार॥

हे श्याम बाबा! हम सभी भक्तों के लिए सलोने सांवरे!! बर्बरीक और धनुष को उठाये हुए! अपने भक्तों के मन की सभी तरह की इच्छाओं को पूरा कीजिये और उनका उद्धार कीजिए।

श्याम चालीसा की फोटो

यह रही खाटू श्याम चालीसा की फोटो:

श्याम चालीसा (Shyam Chalisa)
श्याम चालीसा (Shyam Chalisa)

यदि आप मोबाइल में इसे देख रहे हैं तो फोटो पर क्लिक करके रखिए। उसके बाद आपको फोटो डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा। वहीं यदि आप लैपटॉप या कंप्यूटर में इसे देख रहे हैं तो इमेज पर राईट क्लिक करें। इससे आपको इमेज डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा।

श्याम चालीसा PDF | Shyam Chalisa PDF

अब हम श्याम चालीसा की PDF फाइल भी आपके साथ साझा कर देते हैं

यह रहा उसका लिंक: श्याम चालीसा PDF

ऊपर आपको लाल रंग में श्याम चालीसा PDF फाइल का लिंक दिख रहा होगा। आपको बस उस पर क्लिक करना है और उसके बाद आपके मोबाइल या लैपटॉप में पीडीएफ फाइल खुल जाएगी। फिर आपके सिस्टम में इनस्टॉल एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर के हिसाब से डाउनलोड करने का विकल्प भी ऊपर ही मिल जाएगा।

निष्कर्ष

इस तरह से आज के इस लेख के माध्यम से आपने श्याम चालीसा हिंदी में (Shyam Chalisa Lyrics In Hindi) अर्थ सहित पढ़ ली है। साथ ही हमने आपको श्याम चालीसा PDF फाइल और फोटो भी उपलब्ध करवा दी है। यदि आपको फोटो या पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने में किसी तरह की समस्या होती है या आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देंगे।

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लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझ से किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

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