बहुत लोगों के मन में यह प्रश्न होता है कि महर्षि वाल्मीकि ने रामायण कब लिखी थी (Valmiki Ne Ramayan Kab Likhi) व क्यों लिखी थी? इसके बारे में अलग-अलग लोगों के अलग-अलग मत हैं। कोई कहता है कि वाल्मीकि जी ने आज से 2500 वर्ष पहले रामायण लिखी थी तो कोई कहता है कि उन्होंने 5 हज़ार वर्ष पहले इसे लिखा था।
वहीं एक प्रश्न और उठता है कि वाल्मीकि को रामायण लिखने के लिए किसने कहा या फिर वाल्मीकि को रामायण लिखने की प्रेरणा किसने दी? अब महर्षि वाल्मीकि जी ने किस शक्ति से संपूर्ण रामायण कथा को लिख दिया था अर्थात उन्हें रामायण का ज्ञान कैसे हो गया था, यह जानना भी रोचक रहेगा। तो आइए वाल्मीकि जी ने रामायण कब, क्यों और कैसे लिखी, इन तीनों प्रश्नों के उत्तर जान लेते हैं।
Valmiki Ne Ramayan Kab Likhi | वाल्मीकि ने रामायण कब लिखी थी?
सबसे पहले सबसे मुख्य प्रश्न पर आते हैं और वह है वाल्मीकि जी ने रामायण कब लिखी थी। तो यहाँ हम आपको पहले ही बता दें कि आपको इंटरनेट पर जो भी बताया जा रहा है, वह सब भ्रमित करने वाला है। वह इसलिए क्योंकि रामायण आज से कुछ हज़ार वर्ष पहले नहीं बल्कि लाखों वर्ष पहले लिखी गई थी। वह इसलिए क्योंकि जिस समय रामायण लिखी गई थी, वह त्रेता युग था और अभी कलियुग चल रहा है।
ऐसे में त्रेता युग और कलियुग के बीच में द्वापर युग आता है जिसका समय काल 8 लाख 64 हज़ार वर्ष का है। इस तरह से रामायण कम से कम इतने वर्ष तो पुरानी है ही। अब यह अलग बात है कि उस समय त्रेता युग में कौन-सा समयकाल चल रहा था। इस तरह से रामायण को आज से कम से कम 10 लाख वर्ष पहले लिखा गया था। आइए उस समय के घटनाक्रम के बारे में जानते हैं और पता लगाते हैं कि वाल्मीकि ने रामायण क्यों लिखी थी?
वाल्मीकि ने रामायण क्यों लिखी?
जब श्रीराम का राज्याभिषेक हुआ तब तीनों लोकों में खुशी की लहर थी। समस्त देवतागण, मनुष्य, गंधर्व इत्यादि उसमें मग्न थे। उसी समय भगवान ब्रह्मा ने नारद मुनि को दर्शन दिए तथा उन्हें बताया कि अब वह समय आ चुका है जब भगवान श्रीराम की कथा को लिखा जाए। तब नारद मुनि ने प्रश्न किया कि यह कथा लिखेगा कौन? इस पर भगवान ब्रह्मा ने उन्हें बताया कि इस रचना के लिए धरती पर एक अवतारी पुरुष पहले से ही जन्म ले चुका है।
वह पुरुष थे वांगमय के अवतार तथा सरस्वती पुत्र महर्षि वाल्मीकि। ब्रह्मा जी ने नारद मुनि को आदेश दिया कि वे इसी समय जाकर वाल्मीकि जी को सूचित करें कि अब रामायण कथा को लिखने का समय आ चुका है। उन्होंने महर्षि वाल्मीकि जी के मन में दिव्य प्रेरणा को जागृत करने को कहा जिससे वे विश्व के प्रथम महाकाव्य का श्रीगणेश कर सकें। तो वाल्मीकि जी के द्वारा रामायण लिखने का कारण भगवान ब्रह्मा का आदेश और नारद मुनि का मार्गदर्शन था।
वाल्मीकि को रामायण लिखने के लिए किसने कहा?
जब देवर्षि नारद मुनि वाल्मीकि जी के आश्रम पहुँचे तब उन्होंने नारद मुनि को प्रणाम किया तथा उनके चरण पघारे। इसके पश्चात नारद मुनि ने उन्हें ब्रह्मा जी का आदेश सुनाया। उन्होंने बताया कि भगवान राम की कथा को लिखने के लिए भगवान ब्रह्मा ने उनका चयन किया है तथा इसके कारण उनको इतिहास में सर्वथा याद रखा जाएगा। उन्होंने वाल्मीकि जी को बताया कि आगे चलकर उन्हें भी कथा का एक पात्र बनना पड़ेगा जिससे उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
नारद मुनि ने उन्हें भजन की सहायता से संपूर्ण रामायण कथा का वर्णन किया तथा उसे काव्य में उकेरने का आदेश दिया। संपूर्ण रामायण कथा का वर्णन करने के पश्चात देवर्षि नारद अंतर्धान हो गए। नारद मुनि से संपूर्ण रामायण कथा सुनकर व इसे लिखने के लिए स्वयं को चुने जाने को लेकर महर्षि वाल्मीकि गदगद हो उठे तथा स्वयं को अत्यंत भाग्यशाली समझा।
वाल्मीकि को रामायण लिखने की प्रेरणा किसने दी?
भगवान ब्रह्मा ने वाल्मीकि को दर्शन देकर उन्हें बताया कि माँ सरस्वती की कृपा से उन्हें छंद बनाने की शक्ति प्रदान की गई है। इसलिए अब उन्हें अपने काव्य को रामायण नाम देकर शुरू कर देना चाहिए। उन्होंने वाल्मीकि को वरदान दिया कि अब से उन्हें श्रीराम का समस्त गुप्त रहस्य, उनके जीवन की सभी घटनाएँ, माता सीता, लक्ष्मण, राक्षसों इत्यादि का चरित्र, उनका रहस्य, भूतकाल में घटित प्रत्येक घटना, वर्तमान को देखने की क्षमता तथा भविष्य में जो होने वाला है इत्यादि का सब ज्ञान हो जाएगा।
उन्होंने वाल्मीकि से कहा कि वे जो भी लिखेंगे वह अब से सत्य हो जाएगा क्योंकि उन्हें वही दिखाई देगा जो होने वाला है। उन्होंने श्रीराम की मनोरम गाथा को श्लोक बद्ध रूप से लिखना शुरू करने को कहा। वाल्मीकि जी ने प्रश्न किया कि उन्हें ही इस कार्य के लिए क्यों चुना गया?
इस प्रश्न का उत्तर भगवान ब्रह्मा ने स्पष्ट रूप में दिया तथा उन्हें बताया कि उनकी तपस्या के फलस्वरुप भविष्य में उन्हें माता सीता की सेवा का अवसर मिलने वाला है। इस कारण उन्हें यह यश मिलेगा तथा यह पहले से ही निश्चित है। इतना कहकर भगवान ब्रह्मा ने उन्हें आशीर्वाद दिया तथा अंतर्धान हो गए। इसके पश्चात महर्षि वाल्मीकि ने रामायण काव्य को लिखना शुरू कर दिया।
इस तरह से आज आपने महर्षि वाल्मीकि ने रामायण कब लिखी थी (Valmiki Ne Ramayan Kab Likhi), क्यों लिखी थी, किसके कहने पर लिखी थी व उन्हें संपूर्ण रामायण का ज्ञान कैसे हुआ, इत्यादि प्रश्नों के उत्तर जान लिए हैं।
वाल्मीकि रामायण से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: रामायण की रचना कब और किसने की?
उत्तर: रामायण की रचना महर्षि वाल्मीकि जी ने आज से कई लाख वर्ष पहले की थी। उन्हें रामायण का ज्ञान भगवान ब्रह्मा के द्वारा दी गई शक्ति के कारण हुआ था।
प्रश्न: वाल्मीकि रामायण के रचयिता कौन थे?
उत्तर: वाल्मीकि रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि जी थे। उन्होंने भगवान ब्रह्मा के आदेश और नारद मुनि के मार्गदर्शन में रामायण लिखने का कार्य शुरू किया था।
प्रश्न: क्या वाल्मीकि ने राम को देखा था?
उत्तर: वाल्मीकि जी श्रीराम के समयकाल में ही थे। इतना ही नहीं, उन्होंने सीता वनवास के समय माता सीता को अपने आश्रम में स्थान दिया था। ऐसे में उन्होंने अवश्य ही श्रीराम को देखा था।
प्रश्न: रामायण काल कितने साल पुराना है?
उत्तर: रामायण काल आज से लगभग 10 लाख वर्ष पुराना है। वह इसलिए क्योंकि त्रेता युग और कलियुग के बीच आने वाले द्वापर युग की अनुमानित आयु ही 8 से 9 लाख वर्ष है।
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बहुत ही अच्छा जान कारी धन्यबाद