आज हम आपके साथ दुर्गा चालीसा पढ़ने के फायदे (Durga Chalisa Padhne Ke Fayde) साझा करेंगे। माँ दुर्गा ही आदिशक्ति हैं और बाकि सभी देवियों की जननी भी उन्हें ही माना जाता है। एक तरह से सभी देवी माँ दुर्गा का ही एक रूप हैं। ऐसे में दुर्गा चालीसा का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है जो हम में जोश भर देता है।
यहीं कारण है कि आज हम आपके साथ दुर्गा चालीसा पाठ करने के फायदे (Durga Chalisa Benefits In Hindi) साझा करेंगे। इतना ही नहीं, यहाँ आपको दुर्गा चालीसा पाठ करने के नियम भी जानने को मिलेंगे ताकि उसमें किसी तरह की त्रुटी ना रहने पाए। माँ दुर्गा की जिस किसी पर भी कृपा हो जाती है, उसका उद्धार तय है। वह भवसागर को पार पर मोक्ष प्राप्ति की ओर बढ़ जाता है। तो आइए जानते हैं दुर्गा चालीसा के लाभ और नियमों के बारे में विस्तार से।
Durga Chalisa Padhne Ke Fayde | दुर्गा चालीसा पढ़ने के फायदे
माँ दुर्गा तो हम सभी की माँ हैं और उनसे बड़ा कोई नहीं है। ऐसे में जो माँ दुर्गा का भक्त होता है, उसका बेड़ा पार होना तो तय माना जाता है। यदि आप सच्चे मन के साथ माँ दुर्गा चालीसा का प्रतिदिन पाठ करते हैं तो उससे आपको एक नहीं अनेक लाभ देखने को मिलते हैं। इसे ही हम माँ दुर्गा की कृपा बरसना कहते हैं।
दुर्गा चालीसा के लाभ कुछ ऐसे हैं जो व्यक्ति को इसका पाठ करने के कुछ ही दिनों में महसूस होने लगते हैं। ऐसे में आज हम आपको दुर्गा चालीसा पढ़ने से मिलने वाले 10 मुख्य फायदों के बारे में बताएँगे।
#1. सभी तरह के कामों का बनना
यह तो हमने आपको पहले ही बता दिया है कि माँ दुर्गा ही सभी देवियों का रूप हैं, फिर चाहे वह माँ सरस्वती हो या माँ लक्ष्मी। ऐसे में आप माँ के किसी रूप की पूजा करते हैं तो आपको उसी क्षेत्र में ही ज्यादा लाभ देखने को मिलता है किन्तु यदि आप माँ दुर्गा की पूजा करते हैं या उनकी चालीसा का पाठ करते हैं तो इससे आपके सभी तरह के काम बनने लग जाते हैं।
अब आपके जो भी काम अटके हुए थे या बहुत समय से बन नहीं पा रहे थे या फिर उनमें रह रहकर किसी ना किसी तरह की अड़चन आ ही रही थी तो वह सब अड़चनें दूर हो जाती है और समस्याओं का हल निकल आता है। ऐसे में आपके वह सभी कार्य पूर्ण हो जाते हैं और वह भी प्रभावी रूप में। यह दुर्गा चालीसा पढ़ने के फायदे में एक मुख्य फायदा है।
#2. मानसिक तनाव से मुक्ति
माँ की पूजा करने से और उनकी चालीसा का पाठ करने से हमारे मन में जो भी द्वंद्व चल रहा था और जिस कारण वह इतना अशांत था, वह द्वंद्व भी शांत होने लगता है। एक तरह से हमारा मन ही हमें नियंत्रित करता है और यदि उसमें ही उथल-पुथल चल रही होती है तो कोई भी कार्य सही से नहीं हो पाता है और ना ही हमारा किसी भी चीज़ में मन लग पाता है।
ऐसे में यदि आप प्रतिदिन दुर्गा चालीसा का पाठ करना शुरू कर देते हैं तो ना केवल आपका मन शांत होता है बल्कि उसमें नयी उमंग आती है। वह अच्छी-अच्छी बातों के बारे में सोचता है और नए विचार लेकर आता है। एक तरह से यह आपके मन को व्यवस्थित करने का कार्य करती है। अब जिस व्यक्ति का मन उसके नियंत्रण में हो जाता है तो वह कुछ भी कर सकने की क्षमता रखता है।
#3. अपनों से रिश्तों में मजबूती
दुर्गा चालीसा के लाभ में एक लाभ यह भी है कि यह आपके अपनों से रिश्तों में मजबूती लाने का कार्य करती है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिरकार यह कैसे संभव है। तो इसे हम अच्छे से समझा देते हैं। दरअसल जिस जगह पर दुर्गा चालीसा का पाठ हो रहा होता है, वहां के आसपास का वातावरण सकारात्मक बनता है। ऐसे में घर के सभी सदस्यों के बीच तो आपसी प्रेम में बढ़ोत्तरी वहीं से होनी शुरू हो जाती है।
वहीं जो भी व्यक्ति निरंतर दुर्गा चालीसा का पाठ करता है, उसके अंदर बोलने की उत्तम शैली, सही शब्दों का चुनाव, नियंत्रित मन इत्यादि का विकास होता है जो उसकी छवि को प्रभावी बनाने का कार्य करते हैं। ऐसे में जो लोग आपको पसंद नहीं करते हैं या जिनके साथ भी आपका मन-मुटाव चल रहा था, वह सब दूर हो जाता है और सभी के साथ आपके रिश्तों में मजबूती देखने को मिलती है।
#4. साहस व शौर्य में वृद्धि
दुर्गा चालीसा पढ़ने से ना केवल मन व्यवस्थित होता है बल्कि इसी के साथ-साथ आपके अंदर भी एक अद्भुत ऊर्जा का संचार होता है। यदि आपको किसी चीज़ से भय लगता है या आपको कोई अनजान डर सता रहा था तो वह दूर हो जाता है। आपके अंदर साहस व शौर्य में वृद्धि देखने को मिलती है।
इससे एक बड़ा लाभ यह होता है कि आपके अंदर आत्म-विश्वास बढ़ता चला जाता है जो आपको अपने निर्णय प्रभावी ढंग से लेने में सक्षम बनाता है। इससे आप दूसरों पर कम निर्भर होते हैं और स्वयं के निर्णय जल्दी व प्रभावी रूप में ले पाते हैं। इतना ही नहीं, शौर्य में वृद्धि होने से आप असंभव कार्य को भी सरलता से कर पाने की क्षमता पा लेते हैं।
#5. बुरी शक्तियों का दूर होना
बहुत लोग होते हैं जो दूसरों पर काला जादू करते हैं या बुरी नज़र रखते हैं। एक तरह से जाने अनजाने में भी किसी की नज़र हम पर लग जाती है या हमसे ही कुछ ऐसा कार्य हो जाता है जिस कारण बुरी शक्तियां हमारे पीछे पड़ जाती है। इससे बनता हुआ कार्य भी बिगड़ जाता है या हमारे साथ कुछ अनहोनी तक भी हो सकती है।
ऐसे में यदि आप सच्चे मन के साथ माँ दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं तो माँ दुर्गा उन सभी बुरी या काली शक्तियों को आपसे दूर कर आपका उद्धार करने का कार्य करती हैं। अब यह तो हमने आपको ऊपर ही बताया कि जिस घर में दुर्गा चालीसा का पाठ होता है वहां सकारातमक वातावरण निर्मित होता है तो कुछ इसी तरह का वातावरण आपके चारों ओर भी निर्मित होता चला जाता है। यह आपको हर तरह की बुरी शक्तियों से दूर रखने का कार्य करता है।
#6. शत्रुओं पर विजय हासिल होना
माँ दुर्गा को दुष्टों व पापियों का नाश करने वाली माता के रूप में भी जाना जाता है। ऐसे में भक्तगण अपने शत्रुओं पर विजय हासिल करने के लिए दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं। आपको विश्वास नहीं होगा लेकिन दुर्गा चालीसा पढ़ने के फायदे में से यह फायदा बहुत लोगों के द्वारा आजमाया भी गया है। बहुत से भक्तों ने दुर्गा चालीसा पढ़कर अपने शत्रुओं पर विजय तक हासिल की है।
अब जो भी मातारानी का सच्चा भक्त होता है और उसे कोई परेशान कर रहा है या बिना किसी कारण के उसे या उसके परिवार को तंग कर रहा है तो उसे कुछ करने की जरुरत नहीं है। उसे बस सच्चे मन के साथ माँ दुर्गा की आराधना करनी शुरू कर देनी चाहिए। साथ के साथ प्रतिदिन सुबह उठकर दुर्गा चालीसा का पाठ प्रारंभ कर देना चाहिए। माँ दुर्गा अपने आप ही उसके शत्रु से निपट लेती हैं।
#7. शरीर का स्वस्थ होना
दुर्गा चालीसा पढ़ने से ना केवल आपके अंदर शौर्य व साहस की वृद्धि देखने को मिलती है बल्कि वह पहले की तुलना में अधिक स्वस्थ व बलशाली भी होता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि आपको कोई बीमारी नहीं होती है और यदि कोई बीमारी या असाध्य रोग पहले से है तो वह भी ठीक होने लगता है। दरअसल इसके पीछे एक छुपा हुआ रहस्य है।
इसके अनुसार, जब आप दुर्गा चालीसा का पाठ कर रहे होते हैं तो आपके अंदर जोश भर जाता है क्योंकि यह चालीसा बहुत ही शक्तिशाली है। इससे आपके शरीर में रक्त का प्रवाह सही ढंग से होता है और रोम छिद्र भी खुल जाते हैं। इसके फलस्वरूप आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है जो रोगों से लड़ने में आपकी सहायता करती है।
#8. मान-सम्मान का बढ़ना
जैसा कि हमने पहले ही बताया कि दुर्गा चालीसा पढ़ने से आपकी छवि प्रभावी बनती है। वह इसलिए क्योंकि आपके बोलने का तरीका बदल जाता है और आप सही से दूसरों के साथ बातचीत कर पाते हैं। पहले की तुलना में आप सही शब्दों का चुनाव कर पाते हैं। किस समय क्या बोलना है और क्या नहीं, इसकी समझ विकसित होती है।
यदि यह सभी गुण किसी व्यक्ति में आ जाते हैं तो अवश्य ही उसके मान-सम्मान में वृद्धि देखने को मिलती है। दुर्गा चालीसा पढ़ने से मिलने वाले फायदों में यह एक ऐसा फायदा है जो दिखता तो नहीं है लेकिन इसका प्रभाव लंबे समय तक रहता है। यह मनुष्य की छवि को परिवार, समाज व मित्रों में बेहतर करने का कार्य करता है।
#9. घर में सुख-शांति आना
जिस भी घर में दुर्गा चालीसा का पाठ हो रहा होता है वहां निश्चित तौर पर सुख-शांति का वास होता है। वह इसलिए क्योंकि दुर्गा चालीसा का जाप अपने चारों ओर एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण करने में अहम भूमिका निभाता है। उस घर से सभी तरह की बुरी शक्तियां बाहर निकल जाती है और केवल सकारात्मक ऊर्जा अर्थात पॉजीटिव एनर्जी ही रहती है।
इस तरह से घर के सभी सदस्यों के बीच आपसी प्रेम में बढ़ोत्तरी देखने को मिलती है। घर के सभी कार्य भी प्रभावी रूप में संपन्न होते हैं जिसके फलस्वरूप घर में सुख-शांति का वास होता है। यह एक घर को आदर्श घर बनाने का कार्य करती है।
#10. आर्थिक संपन्न बनना
अब दुर्गा चालीसा पढ़ने से जिस व्यक्ति के अंदर इतने बदलाव आ रहे हो, उसके घर में सुख-शांति आ रही हो, बिगड़े हुए सभी काम बन जा रहे हो और शत्रुओं पर भी विजय मिल जा रही हो तो निश्चित तौर पर उसका आर्थिक रूप से संपन्न बनना स्वाभाविक है। कहने का अर्थ यह हुआ कि उस व्यक्ति के करियर में एक नयी उड़ान देखने को मिलती है।
यदि वह पढ़ रहा है तो उसमें उसके अंक अच्छे आते हैं, व्यापार कर रहा है तो उसमें उन्नति देखने को मिलती है तो वहीं नौकरी में उसके सहकर्मी व बॉस उसके काम से खुश होते हैं। एक तरह से वह अपने करियर को उज्जवल बनाने का कार्य करता है जिसके फलस्वरूप उसका भविष्य सुनहरा बनता चला जाता है।
इस तरह से आज के इस लेख के माध्यम से आपने दुर्गा चालीसा पाठ करने के फायदे (Durga Chalisa Benefits In Hindi) जान लिए हैं लेकिन इसी के साथ साथ आपको दुर्गा चालीसा पाठ करने के नियम भी पता होने चाहिए ताकि इसमें किसी तरह की त्रुटी ना रहने पाए। तो अब हम आपके साथ दुर्गा चालीसा के नियमों के बारे में बात करेंगे।
दुर्गा चालीसा पाठ करने के नियम
अब आप सोच रहे होंगे कि दुर्गा चालीसा को पढ़ने के लिए पता नहीं क्या कुछ नियम होंगे और उसके लिए आपको क्या कुछ करना होगा। तो यहाँ हम आपको बता दें कि दुर्गा चालीसा पढ़ने के नियमों की सूची कोई बहुत लंबी चौड़ी नहीं है। इसमें बस आपको मुख्य रूप से तीन तरह की बातों का ध्यान रखना है जो अब हम आपको बताने जा रहे हैं।
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शुद्ध शरीर
सबसे पहले तो आप इस बात का ध्यान रखें कि आप स्नान करने के पश्चात ही दुर्गा चालीसा का पाठ करें। यह दुर्गा चालीसा पाठ करने के नियम में एक महत्वपूर्ण नियम है जिसका पालन किया जाना बहुत जरुरी है। बहुत से भक्त बिना नहाए या शौच जाने के बाद भी दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं जो बिल्कुल गलत है। इससे आपको लाभ होने की बजाये हानि हो सकती है।
ऐसे में आपने यदि स्नान किया हुआ है और उसके बाद शौच नहीं गए हैं तो आप निश्चित तौर पर दुर्गा चालीसा का पाठ कर सकते हैं। अब बहुत से भक्त सोचेंगे कि यदि उन्होंने सुबह स्नान किया था लेकिन वे दुर्गा चालीसा का पाठ शाम में या रात में करना चाहते हैं तो क्या उन्हें फिर से नहाना पड़ेगा। तो यहां हम आपको पहले बता दें कि यदि आपने सुबह स्नान करने के बाद शौच नहीं किया है तो आप निश्चित तौर पर बिना नहाए दुर्गा चालीसा का पाठ कर सकते हैं।
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स्वच्छ जगह
शरीर की शुद्धि के बाद आप जिस भी जगह पर बैठकर दुर्गा चालीसा पढ़ने जा रहे हैं, उस जगह का स्वच्छ होना भी बहुत जरुरी हो जाता है। आप कहीं भी बैठकर दुर्गा चालीसा का पाठ शुरू नहीं कर सकते हैं और इसके लिए उस जगह को साफ किया जाना बहुत जरुरी है। ऐसे में पहले आप उस जगह को अच्छे से साफ कर लें और फिर उस पर एक आसन बिछाकर ही दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
आपको सीधे धरती पर बैठकर दुर्गा चालीसा नहीं पढ़नी है बल्कि आपके नीचे कोई कपड़ा या आसन अवश्य होना चाहिए। इसी के साथ ही वह जगह किसी दूषित जगह पर नहीं होनी चाहिए अर्थात शौचालय के पास या उसके आसपास ही कोई गन्दी जगह हो। हालाँकि यदि वह जगह साफ है तो फिर भी काम चल जाता है।
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निर्मल मन
शुद्ध शरीर व स्वच्छ जगह के बाद बारी आती है निर्मल मन की। ऐसे में जब आप दुर्गा चालीसा पढ़ने बैठ जाते हैं तो आपको अपना ध्यान पूर्ण रूप से माँ की भक्ति में ही लगाना होगा और उसे इधर उधर भटकने से रोकना होगा। बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो दुर्गा चालीसा तो पढ़ रहे होते हैं लेकिन उनका ध्यान इधर उधर होता है जिस कारण उन्हें दुर्गा चालीसा का संपूर्ण लाभ नहीं मिल पाता है।
ऐसे में जिस भी समय आप दुर्गा चालीसा पढ़ने बैठें, फिर चाहे वह दिन का समय हो या रात का, आपको उस समय अपना ध्यान माँ की भक्ति में ही केन्द्रित करना चाहिए। यदि आप केन्द्रित होकर और निर्मल मन के साथ दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं तो इसका प्रभाव कुछ ही दिनों में देखने को मिल जाता है।
निष्कर्ष
इस तरह से आज के इस लेख में आपने दुर्गा चालीसा पाठ करने के नियमों के साथ-साथ दुर्गा चालीसा पढ़ने के फायदे (Durga Chalisa Padhne Ke Fayde) भी जान लिए हैं। यदि आप विधिपूर्वक दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं और माँ में अपनी पूरी आस्था रखते हैं तो अवश्य ही आपका बेड़ा पार होना तय है। आपका यह जीवन तो सफल हो ही जाता है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है, वह अलग।
दुर्गा चालीसा के पाठ से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: दुर्गा चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?
उत्तर: दुर्गा चालीसा का पाठ आप दिन के किसी भी समय कर सकते हैं और इसमें किसी चीज़ को लेकर कोई मनाही नहीं है।
प्रश्न: क्या मैं दुर्गा चालीसा रोज पढ़ सकता हूं?
उत्तर: आप निश्चित रूप से दुर्गा चालीसा का पाठ रोजाना कर सकते हैं और यह आपको अभूतपूर्व लाभ ही देकर जाएगा। इससे आपका जीवन सफल हो जाएगा और मोक्ष प्राप्ति होने तक की संभावना होगी।
प्रश्न: दुर्गा चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
उत्तर: आप अपनी इच्छा अनुसार कितनी भी बार दुर्गा चालीसा का पाठ कर सकते हैं। हालाँकि यदि इससे सिद्ध करना है तो लगातार 108 बार दुर्गा चालीसा का पाठ किया जाना चाहिए।
प्रश्न: मां दुर्गा को खुश करने के लिए क्या करें?
उत्तर: यदि आप मां दुर्गा को खुश करना चाहते हैं तो आपको उनके अंदर अपार श्रद्धा तो रखनी ही होगी और इसी के साथ ही हर दिन दुर्गा चालीसा, स्तुति, रक्षा कवच व आरती का पाठ करना होगा।
प्रश्न: दुर्गा माता को खुश करने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर: दुर्गा माता को खुश करने के लिए आपको बुरे कर्म करने से बचना चाहिए और सभी की भलाई व धर्म कार्य करने चाहिए। इसी के साथ ही हर दिन दुर्गा माता की आराधना करनी चाहिए।
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