क्या आप जानते हैं कि रावण वध के बाद मंदोदरी का क्या हुआ (Ravan Vadh Ke Bad Mandodari Ka Kya Hua) था? रावण की कई पत्नियाँ थी जिसमें सबसे प्रमुख पत्नी मंदोदरी थी। मंदोदरी लंका की प्रमुख महारानी भी थी जो राज्य का कामकाज देखती थी। राक्षस नगरी में होने के बाद भी उसके अंदर अच्छे गुण विद्यमान थे क्योंकि उसकी माँ एक अप्सरा थी।
जब रावण माता सीता का हरण करके लाया था तब अंत तक मंदोदरी ने उसे समझाने का प्रयास किया कि वह उन्हें श्रीराम को लौटा दे तथा उनसे क्षमा मांग ले। किंतु अहंकार में रावण मंदोदरी की एक नहीं सुनता था। अंत में श्रीराम ने लंका पर चढ़ाई करके रावण समेत उसके कुल का विनाश कर डाला। कई लोगों का प्रश्न होता है कि रावण के बाद मंदोदरी का क्या हुआ?
ऐसे में यहाँ हम आपको बता दें कि इसके बाद मंदोदरी ने विभीषण से विवाह (Mandodari Vibhishan Vivah) कर लिया था। यह सुनकर आपके मन में कई प्रश्न उठ रहे होंगे। जैसे कि विभीषण की पत्नी क्यों बनी थी मंदोदरी या विभीषण और मंदोदरी के कितने पुत्र हुए इत्यादि। ऐसे में आज हम आपके हरेक प्रश्न का उत्तर देने वाले हैं।
रावण वध के बाद मंदोदरी का क्या हुआ?
श्रीराम और रावण के अंतिम युद्ध में जब भगवान श्रीराम ने ब्रह्मास्त्र से रावण का अंत कर दिया तो वह रथ सहित भूमि पर आ गिरा। उसके वध के पश्चात युद्ध समाप्त हो गया व लंका की सेना ने आत्म-समर्पण कर दिया। रावण की सभी पत्नियाँ उसके शव के पास आकर विलाप करने लगी जिनमें मंदोदरी व धन्यमालिनी प्रमुख थी। पास में ही विभीषण खड़े रो रहे थे।
यह सब देखकर श्रीराम ने लंकावासियों को ढांढस बंधाया तथा धैर्य रखने की विनती की। जब रावण के नाना माल्यवान ने लंका के राजा का मुकुट उनके चरणों में लाकर रख दिया तो श्रीराम ने तुरंत लंका का सिंहासन ठुकरा दिया। उन्होंने उसी समय लंका की प्रजा व सेना के सामने यह घोषणा की कि वे लंका को पराजित करने या अयोध्या के अधीन करने यहाँ नहीं आए थे। उनका मुख्य उद्देश्य पापी रावण का अंत करना व अपनी भार्या सीता को सम्मान सहित वापस ले जाना था जो कि पूरा हो गया है।
यह सब तो ठीक था लेकिन रावण वध के बाद मंदोदरी (Ravan Vadh Ke Bad Mandodari Ka Kya Hua) का रो-रोकर बुरा हाल था। श्रीराम ने रावण के पास रोती मंदोदरी को शांत करवाया व उसे भविष्य में भी लंका की महारानी रहने को कहा। इसके लिए श्रीराम ने विभीषण को लंका का नया राजा घोषित कर दिया तथा लंका पुनः लंकावासियों को ही सौंप दी।
उन्होंने मंदोदरी को लंका की महारानी बने रहने के लिए विभीषण को परामर्श दिया कि वे मंदोदरी से विवाह कर लें। मंदोदरी इस प्रस्ताव से थोड़ा असहज हो गई तथा कुछ दिनों की प्रतीक्षा के बाद उसने यह स्वीकार कर लिया। तत्पश्चात मंदोदरी का विभीषण के साथ विवाह (Mandodari Vibhishan Vivah) हो गया तथा वह फिर से लंका की प्रमुख महारानी बन गई।
विभीषण की पत्नी क्यों बनी थी मंदोदरी?
बहुत लोग यह प्रश्न उठाते हैं कि जिस मंदोदरी ने रावण को सही मार्ग पर चलने और धर्म का साथ देने की शिक्षा दी, उसी ने ही रावण वध के बाद अपने देवर विभीषण से विवाह कर लिया। वहीं दूसरी ओर, विभीषण ने भी अपनी भाभी से विवाह करने की हामी क्यों भरी थी? साथ ही श्रीराम ने दोनों को विवाह करने के लिए क्यों कहा था और क्यों इस तरह का प्रस्ताव रखा था। आइए इसके पीछे जुड़े कुछ कारणों को जानते हैं।
- पति के जीवित होते किसी अन्य पुरुष से विवाह करना धर्म विरुद्ध था। अब चूँकि रावण का वध हो चुका था तो मंदोदरी का विभीषण से विवाह करना धर्मसम्मत था।
- राक्षसों में पति के जीवित रहते भी दूसरा विवाह किया जा सकता था जबकि मंदोदरी ने तो रावण की मृत्यु के बाद विभीषण से विवाह किया था।
- रावण की मृत्यु के बाद लंका में अराजकता फैल सकती थी और नए राजा विभीषण का उसे संभालना मुश्किल हो जाता। ऐसे में मुख्य महारानी ने विभीषण से विवाह कर राज्य की स्थिति को संभालने का काम किया था।
- इसका उदाहरण हम बाली की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी तारा का नए महाराज सुग्रीव से विवाह करने से देख सकते हैं।
- वहीं आचार्य चाणक्य ने जब धनानंद को सिंहासन से अपदस्त कर चंद्रगुप्त मौर्य को नया महाराज बनाया तब उन्होंने स्थिरता बनाए रखने के लिए धनानंद की पुत्री दुर्धरा का विवाह चंद्रगुप्त से करवाया था।
इस तरह से मंदोदरी का विभीषण से विवाह करना राजनीतिक कारणों से लिया गया निर्णय था। इसके पीछे श्रीराम की लंका को स्थिर रखने की रणनीति थी। महारानी मंदोदरी को अपना खोया सम्मान व पद पुनः मिल गया था तो वहीं विभीषण के लिए भी लंका को संभालना बहुत सरल हो गया था।
विभीषण और मंदोदरी के कितने पुत्र हुए?
मूल रामायण में विभीषण और मंदोदरी के विवाह के बारे में कुछ नहीं लिखा गया है। रामायण के अन्य संस्करणों में इसके बारे में जानकारी मिलती है। हालाँकि उन रामायण में भी यह नहीं बताया गया है कि विभीषण और मंदोदरी के कोई पुत्र या पुत्री हुए थे। वैसे भी विभीषण को पुत्र की कोई आवश्यकता नहीं थी क्योंकि उसे श्रीराम से चिरंजीवी होने का वरदान मिला था।
किसी राजा को पुत्र की आवश्यकता तब होती है जब उसे अपने बाद अपना उत्तराधिकारी घोषित करना हो। विभीषण तो कलयुग के अंत तक जीवित रहने वाले थे। ऐसे में उन्हें उत्तराधिकारी की कोई चिंता नहीं थी।
इस तरह से आज आपने जान लिया है कि रावण वध के बाद मंदोदरी का क्या हुआ (Ravan Vadh Ke Bad Mandodari Ka Kya Hua) और क्यों उन्होंने विभीषण से विवाह कर लिया था।
मंदोदरी विभीषण विवाह से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: क्या मंदोदरी ने विभीषण से शादी की थी?
उत्तर: कुछ रामायण के अनुसार मंदोदरी ने रावण के मरने के बाद अपने देवर विभीषण से शादी कर ली थी और फिर से लंका की मुख्य महारानी बन गई थी।
प्रश्न: मंदोदरी ने कितनी शादी की थी?
उत्तर: मंदोदरी की कुल 2 शादियाँ हुई थी। उसकी पहली शादी लंका नरेश रावण से हुई थी तो दूसरी शादी भी लंका के नए महाराज विभीषण से हुई थी।
प्रश्न: विभीषण मंदोदरी के कितने पुत्र थे?
उत्तर: विभीषण मंदोदरी के पुत्र या पुत्री का उल्लेख कहीं नहीं मिलता है। हालाँकि कुछ जगह विभीषण की पुत्री त्रिजटा को बताया गया है जो उसे अपनी पत्नी सरमा से प्राप्त हुई थी।
प्रश्न: मंदोदरी ने विभीषण से शादी क्यों की थी?
उत्तर: मंदोदरी ने विभीषण से शादी राजनीतिक कारणों से की थी। लंका में अस्थिरता ना फैले और नए राजा को नेतृत्व करने में कठिनाई ना हो, इसलिए उसने विभीषण से शादी कर ली थी।
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