बालाजी आरती | Balaji Aarti | मेहंदीपुर बालाजी की आरती | Mehandipur Balaji Ki Aarti

Balaji Ki Aarti

राजस्थान के दौसा जिले के मेहंदीपुर में बालाजी का प्रसिद्ध मंदिर है जिसकी मान्यता दूर-दूर तक फैली हुई है। देश-विदेश से यहाँ पर लोग बालाजी के दर्शन करने हेतु आते हैं और अपने घर पर भी उनके द्वारा बालाजी की आरती (Balaji Ki Aarti) की जाती है। बालाजी के मंदिर में सभी तरह की बुरी शक्तियों जैसे कि भूत, प्रेत, पिशाच, वेताल, जिन्न, काला जादू इत्यादि को दूर करने का कार्य किया जाता है। बालाजी आरती (Balaji Aarti) के माध्यम से भी हम बुरी शक्तियों के प्रभाव को कम कर सकते हैं।

यही कारण है कि आज के इस लेख में हम आपके साथ मेहंदीपुर बालाजी की आरती (Mehandipur Balaji Ki Aarti) का पाठ करने जा रहे हैं। इतना ही नहीं, इस लेख में आपको बालाजी महाराज की आरती का हिंदी अर्थ भी पढ़ने को मिलेगा ताकि आपको बालाजी आरती का संपूर्ण ज्ञान हो सके। तो आइये पढ़ते हैं बाला जी की आरती और वो भी हिंदी अर्थ सहित।

बालाजी की आरती (Balaji Ki Aarti)

ॐ जय हनुमत वीरा स्वामी जय हनुमत वीरा,

संकट मोचन स्वामी तुम हो रणधीरा।।ॐ।।

पवन-पुत्र अंजनी-सुत महिमा अति भारी,

दुःख दरिद्र मिटाओ संकट सबहारी।।ॐ।।

बाल समय में तुमने रवि को भक्ष लियो,

देवन स्तुति कीन्ही तब ही छोड़ दियो।।ॐ।।

कपि सुग्रीव राम संग मैत्री करवाई,

बाली बली मराय कपीसहिं गद्दी दिलवाई।।ॐ।।

जारि लंक को ले सिय की सुधि वानर हर्षाये,

कारज कठिन सुधारे रघुवर मन भाये।।ॐ।।

शक्ति लगी लक्ष्मण के भारी सोच भयो,

लाय संजीवन बूटी दुःख सब दूर कियो।।ॐ।।

ले पाताल अहिरावण जबहि पैठि गयो,

ताहि मारि प्रभु लाये जय जयकार भयो।।ॐ।।

घाटे मेंहदीपुर में शोभित दर्शन अति भारी,

मंगल और शनिश्चर मेला है जारी।।ॐ।।

श्री बालाजी की आरती जो कोई नर गावे,

कहत इन्द्र हर्षित मन वांछित फल पावे।।ॐ।।

बालाजी आरती – अर्थ सहित (Balaji Aarti – With Meaning)

ॐ जय हनुमत वीरा स्वामी जय हनुमत वीरा,

संकट मोचन स्वामी तुम हो रणधीरा।।ॐ।।

हे भक्त हनुमान और शंकर भगवान के अवतार!! आप बहुत बलवान हो, आप हम सभी के स्वामी हो और आपकी जय हो। आप सभी के संकटों को दूर कर देते हो और आप युद्ध भूमि में विजयी हो।

पवन-पुत्र अंजनी-सुत महिमा अति भारी,

दुःख दरिद्र मिटाओ संकट सबहारी।।ॐ।।

आप पवन देव के पुत्र हो और अंजनी माता के गर्भ से जन्म लिए हुए हो। आप हम सभी के दुःख, दरिद्रता, संकट सब मिटा दो अर्थात उन्हें दूर कर दो।

बाल समय में तुमने रवि को भक्ष लियो,

देवन स्तुति कीन्ही तब ही छोड़ दियो।।ॐ।।

अपने बाल रूप में आपने सूर्य देव को अपने मुख में ले लिया था और तब देवताओं की विनती पर आपने उन्हें छोड़ा था।

कपि सुग्रीव राम संग मैत्री करवाई,

बाली बली मराय कपीसहिं गद्दी दिलवाई।।ॐ।।

आपने वानर रूप में किष्किन्धा नरेश बालि द्वारा निष्कासित उनके छोटे भाई सुग्रीव की मित्रता प्रभु श्रीराम से करवायी थी। इसके फलस्वरूप ही उन्हें किष्किन्धा की राजगद्दी पुनः प्राप्त हुई थी।

जारि लंक को ले सिय की सुधि वानर हर्षाये,

कारज कठिन सुधारे रघुवर मन भाये।।ॐ।।

आपने समुंद्र पार करके माता सीता का पता लिया और लंका को जलाकर भस्म कर दिया। यह एक बहुत ही कठिन कार्य था लेकिन इसे करके आपने रघुवर अर्थात प्रभु श्रीराम के मन को जीत लिया था।

शक्ति लगी लक्ष्मण के भारी सोच भयो,

लाय संजीवन बूटी दुःख सब दूर कियो।।ॐ।।

लक्ष्मण-मेघनाद युद्ध में मेघनाद ने लक्ष्मण पर शक्तिबाण का प्रहार किया था जिससे वे मुर्छित हो गए थे। इससे संपूर्ण वानर दल में हाहाकार मच गया था। तब आपने वैद्य सुषेन के कहने पर वायु से भी तेज गति से उड़ कर संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण के प्राणों की रक्षा की थी।

ले पाताल अहिरावण जबहि पैठि गयो,

ताहि मारि प्रभु लाये जय जयकार भयो।।ॐ।।

जब अहिरावण नामक राक्षस श्रीराम व लक्ष्मण को षड़यंत्र के तहत उठा कर पाताल लोक ले गया था तब आपने अपने पंचमुखी रूप से दोनों को वहां से बंधन मुक्त किया था और अहिरावण का वध कर दिया था।

घाटे मेंहदीपुर में शोभित दर्शन अति भारी,

मंगल और शनिश्चर मेला है जारी।।ॐ।।

आपने राजस्थान के मेहंदीपुर में अवतार लिया है और आपके दर्शन करने दूर-दूर से भक्त आते हैं। वहां पर हर मंगलवार व शनिवार को मेला लगता है।

श्री बालाजी की आरती जो कोई नर गावे,

कहत इन्द्र हर्षित मन वांछित फल पावे।।ॐ।।

जो कोई भी भक्तगण सच्चे मन से बालाजी महाराज की आरती करता है, इंद्र देव कहते हैं कि उसे अपनी इच्छानुसार फल की प्राप्ति होती है।

बालाजी महाराज की आरती के नियम (Balaji Maharaj Ki Aarti Ke Niyam)

यदि आप बालाजी महाराज की आरती का पाठ करने जा रहे हैं तो इसके नियम भी जान लेने चाहिए। यदि आप अनजाने में या भूल कर नियमों का उल्लंघन करते हुए बालाजी आरती का पाठ करते हैं तो इसका दुष्प्रभाव आपके और आपके परिवार के ऊपर हो सकता है। तो सबसे पहले तो आपको बालाजी की आरती का पाठ स्नान करने के पश्चात ही करना चाहिए।

इसी के साथ यदि आपने प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा इत्यादि का सेवन किया हुआ है तो उस स्थिति में आपको बाला जी आरती का पाठ नहीं करना चाहिए। बालाजी आरती का पाठ करने से पूर्व आपका शरीर बाहर व अंदर दोनों ओर से ही पूर्ण रूप से स्वच्छ होना आवश्यक है। उसके बाद ही आप सच्चे मन से बालाजी का ध्यान कर सकते हैं और उनकी आरती का पाठ कर सकते हैं।

मेहंदीपुर बालाजी की आरती का महत्व (Mehandipur Balaji Ki Aarti Ka Mahatva)

यह तो आप जानते ही हैं कि राजस्थान के मेहंदीपुर में बालाजी का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। हालाँकि बालाजी के कई अन्य प्रसिद्ध मंदिर भी देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित है जिसमे से एक राजस्थान में सालासर बालाजी है तो दूसरे आंध्रप्रदेश में तिरुपति बालाजी है। यह हनुमान जी का बाल स्वरुप होता है जो अपने भक्तों के संकटों को हरता है और उन्हें सुख प्रदान करता है।

बालाजी की आरती के माध्यम से हमें हनुमान के इस स्वरुप की महत्ता बताई गयी है। ऊपर दी गयी मेहंदीपुर बालाजी आरती और उसके अर्थ को पढ़ कर आपको बालाजी भगवान के बारे में बहुत कुछ ज्ञान हो गया होगा। तो बालाजी की महत्ता को बताने के उद्देश्य से ही यह बाला जी की आरती लिखी गयी है। इसलिए यदि आप बालाजी की भक्ति करना चाहते हैं या उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको बस बालाजी महाराज की आरती का सच्चे मन से पाठ करना होगा।

बालाजी की आरती के लाभ (Balaji Ki Aarti Benefits In Hindi)

बालाजी की आरती को पढ़ कर आपको क्या कुछ फायदे हो सकते हैं या आप किस तरह से इसे पढ़ कर लाभान्वित होने वाले हैं, यह जानना भी आपका संपूर्ण अधिकार है। तो यहाँ हम आपको बता दें कि बालाजी भगवान की कृपा दृष्टि सभी के ऊपर रहती है लेकिन जहाँ राम भक्ति होती है या जो सच्चे मन से बालाजी भगवान का ध्यान करता है और उनकी आरती का पाठ करता है, उन पर तो बालाजी महाराज की मुख्य कृपा दृष्टि होती है।

ऐसे में यदि आपके जीवन में कभी भी कोई संकट आया हुआ हो या किसी समस्या का समाधान ना मिल पा रहा हो या कोई आपका साथ नही दे रहा हो तब उस समय आपको सच्चे मन से बालाजी महाराज का ध्यान करना है और बालाजी आरती का पाठ करना है। आप पाएंगे कि आपकी समस्या धीरे-धीरे समाप्त हो रही है या उसका समाधान आपको मिल गया है। तो यही बाला जी महाराज की आरती को पढ़ने का लाभ होता है।

बालाजी की आरती से संबंधित प्रशोत्तर

प्रश्न: मेहंदीपुर बालाजी राजस्थान के कौन से जिले में स्थित है?

उत्तर: मेहंदीपुर बालाजी राजस्थान के दौसा जिले में स्थित है।

प्रश्न: बालाजी की आरती कैसे लगाएं?

उत्तर: बालाजी की आरती ऊपर दी गयी है जिसे आप स्नान करने के पश्चात लगा सकते हैं या गा सकते हैं।

प्रश्न: बालाजी को कैसे खुश करें?

उत्तर: बालाजी को खुश करने के लिए आप उनकी आरती कर सकते हैं और सच्चे मन से उनकी भक्ति भी कर सकते हैं।

प्रश्न: बालाजी को कैसे प्रसन्न करें?

उत्तर: बालाजी को प्रसन्न करने के लिए आपको बालाजी की आरती करनी होगी और उसके साथ ही उनकी चालीसा का पाठ भी प्रतिदिन करना होगा।

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लेखक के बारें में: कृष्णा

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