हम में से अधिकतर लोगों को हनुमान चालीसा कंठस्थ होती है। अब हनुमान चालीसा का पाठ तो हम सभी बचपन से करते आ रहे हैं तो यह सभी को याद हो ही जाती है। हालाँकि आपको हनुमान चालीसा पढ़ने के नियम (Hanuman Chalisa Padhne Ke Niyam) भी पता होने चाहिए तभी आपको इसका शुभ फल मिलता है। यदि कोई व्यक्ति हनुमान चालीसा के नियमों की अवहेलना करता है तो उसे लाभ होने की बजाये नुकसान उठाना पढ़ सकता है।
ऐसे में हनुमान चालीसा करते समय सावधानियां (Hanuman Chalisa Kaise Padhe) बरतनी आवश्यक हो जाती है। आज हम आपके साथ वही साझा करेंगे। साथ ही “किस समय करें हनुमान चालीसा का पाठ की मिले उत्तम फल” या “हनुमान चालीसा पढ़ते समय उबासी आना” जैसे प्रश्नों का उत्तर भी आपको इस लेख में पढ़ने को मिलेगा। आइये पढ़ते हैं हनुमान चालीसा पढ़ने के नियम विस्तृत रूप में।
Hanuman Chalisa Padhne Ke Niyam | हनुमान चालीसा पढ़ने के नियम
हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत ही ज्यादा फलदायी सिद्ध होता है। इससे आपको कई तरह के लाभ तो देखने को मिलते ही है और साथ ही घर में सुख-शांति आती है, वह अलग। यही कारण है कि हमें बचपन से ही हनुमान चालीसा कंठस्थ करवा दी जाती है। हर शुभ कार्य या धार्मिक अनुष्ठान में भी हनुमान जी की चालीसा पढ़ी जाती है।
यदि आप हनुमान चालीसा पढ़ने के नियम भी ध्यान में रखेंगे और तत्पश्चात हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे तो इससे आपको अद्भुत लाभ देखने को मिलेंगे। ऐसे में आज हम हनुमान चालीसा के नियम आप सभी के साथ साझा करने वाले हैं जिनका पालन करना हर किसी के लिए आवश्यक है।
#1. पहला नियम – शुद्ध शरीर
हनुमान चालीसा पढ़ने के पहले नियम के अनुसार आपका शरीर शुद्ध होना चाहिए अर्थात आप बिना नहाये हनुमान चालीसा का पाठ कदापि ना करें। ऐसे में आप सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और उसके बाद ही हनुमान चालीसा का पाठ करे। शास्त्रों में हनुमान चालीसा सहित अन्य किसी भी धार्मिक ग्रंथ का पाठ करने के लिए पहले स्नान किये जाने की परंपरा है।
अब इसका अर्थ यह नहीं है कि यदि आप शाम में या रात में हनुमान चालीसा का पाठ करने जा रहे हैं तो आप उस समय फिर से स्नान करेंगे। हनुमान चालीसा के नियम के अनुसार व्यक्ति को सुबह उठकर पहले शौच जाना होता है और फिर स्नान करना होता है।
यदि आप स्नान करने के बाद शौच गए हैं तो उस स्थिति में हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए फिर से स्नान किये जाने की आवश्यकता है। वही यदि आप शौच के बाद स्नान करते हैं और फिर शाम में या रात में हनुमान चालीसा पढ़ते हैं तो फिर से स्नान किये जाने की आवश्यकता नहीं है।
#2. दूसरा नियम – स्वच्छ स्थल
हनुमान चालीसा पढ़ने के दूसरे नियम के अनुसार आप जिस जगह पर इसका पाठ करने जा रहे हैं, वह स्वच्छ होना आवश्यक है। स्वच्छ का अर्थ हुआ कि उस जगह पर गंदगी नहीं होनी चाहिए। यही कारण है कि लोगों के द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ पूजा घर, मंदिर, तुलसी के पौधे के पास इत्यादि जगह किया जाता है। आप इनके अलावा किसी अन्य जगह पर भी हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं लेकिन वहां गंदगी नहीं होनी चाहिए।
वैसे तो हनुमान चालीसा को धरती पर बैठकर पढ़ना उचित माना जाता है किन्तु आप बेड, सोफा, कुर्सी इत्यादि पर बैठकर भी इसका पाठ कर सकते हैं। यदि आप धरती पर बैठकर हनुमान चालीसा पढ़ने जा रहे हैं तो सीधे उस पर बैठने की बजाये, नीचे एक स्वच्छ आसन अवश्य बिछाये। यदि वह आसन लाल रंग का है तो इससे अधिक लाभ देखने को मिलता है।
#3. तीसरा नियम – पवित्र मन
हनुमान चालीसा पढ़ने के तीसरे नियम के अनुसार आपके शरीर व जगह के साथ-साथ मन का भी पवित्र होना आवश्यक है। हमारा दिमाग दिन-रात कुछ ना कुछ सोचता रहता है और इसमें अच्छे से लेकर बुरे विचार आते हैं। अब यदि आप हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं तो आपका ध्यान पूर्ण रूप से हनुमान भक्ति के ऊपर ही रहना चाहिए।
वही यदि आपका ध्यान भटकता है या हनुमान चालीसा पढ़ते समय आपके मन में अन्य विचार भी आ रहे हैं तो कोशिश करे कि यह विचार बुरे या नकारात्मक ना हो। यदि मन नियंत्रण में नहीं रहता है तो हनुमान चालीसा पढ़ने से पहले 2 मिनट के लिए ध्यान करे और हनुमान जी का स्मरण करें। इससे आपको अपने मन को नियंत्रण में रखने में सहायता होगी।
#4. चौथा नियम – श्रीराम का नाम
हनुमान चालीसा पढ़ने के चौथे नियम के अनुसार आपको हनुमान जी के आराध्या श्रीराम का नाम लेना चाहिए। अब आप हनुमान जी के भक्त है और हनुमान जी श्रीराम के भक्त है। ऐसे में जो भक्तगण हनुमान चालीसा पढ़ने से पहले श्रीराम का नाम लेते हैं या उनके नाम का जयकारा लेते हैं तो इससे हनुमान जी जल्दी प्रसन्न होते हैं।
आप श्रीराम के साथ-साथ माता सीता का भी ध्यान कर सकते हैं और उन दोनों के नाम का जयकारा लगा सकते हैं। इसके बाद आप हनुमान चालीसा की पुस्तक को अपने माथे पर लगाकर प्रणाम करे और फिर ही उसका पाठ करना शुरू करे। हनुमान चालीसा पढ़ने के बाद भी आप पुस्तक को अपने माथे पर लगाकर और प्रणाम कर रखे। यदि आप मोबाइल से हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं तो हनुमान चालीसा की शुरुआत और अंत में हाथ जोड़कर हनुमान जी को प्रणाम करें।
#5. पांचवां नियम – निर्विघ्न पाठ
हनुमान चालीसा पढ़ने के पांचवें नियम के अनुसार आपको इसका पाठ ना तो बीच में रोकना चाहिए और ना ही इसे अध अधूरा छोड़ना चाहिए। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि एक बार यदि आपने हनुमान चालीसा पढ़नी शुरू कर दी है तो आपको वह पूरी पढ़कर ही उठाना चाहिए। अब हनुमान चालीसा का पाठ आप एक बारी में कितनी बार करते हैं, यह अलग बात है लेकिन एक बारी में हनुमान चालीसा को पूरा पढ़े और इसे बीच में ना छोड़े।
इसी के साथ यह भी ध्यान रखे कि आप हनुमान चालीसा का पाठ करते समय बीच में किसी से बात ना करे या किसी से कुछ पूछे नहीं और ना ही उत्तर दे। आपका ध्यान पूर्ण रूप से हनुमान भक्ति में ही होना चाहिए। ऐसे में हनुमान चालीसा के पाठ को बीच में रोकना, कही और ध्यान लगाना, किसी से बात करना या कुछ भी अन्य चीज़ करना वर्जित माना गया है।
हनुमान चालीसा पढ़ने के नियम (Hanuman Chalisa Padhne Ke Niyam) तो बहुत सारे हो सकते हैं और अलग-अलग व्यक्ति आपको इसके लिए अलग-अलग नियम बता सकते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि आप इस तरह से हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो आपको यह लाभ देखने को मिलता है लेकिन यह विशेष लाभ लेने के लिए किया जाने वाला ऊपर है। ऐसे में यदि आप सामान्य रूप से हनुमान चालीसा पढ़ने जा रहे हैं तो उसके लिए आपको ऊपर बताये गए पांच नियम ही याद रखने की आवश्यकता है।
हनुमान चालीसा करते समय सावधानियां
अभी तक तो आपने हनुमान चालीसा पढ़ने के नियम जान लिए हैं किन्तु अब आपको हनुमान चालीसा करते समय किस-किस तरह की सावधानियां (Hanuman Chalisa Kaise Padhe) बरतनी जरुरी होती है, इसके बारे में भी जान लेना चाहिए। ऐसे में हनुमान चालीसा पाठ करते समय आपसे किसी तरह की गलती नही होगी।
बहुत से भक्त अनजाने में यह गलतियाँ कर बैठते हैं और फिर उन्हें इसका दुष्परिणाम झेलना पड़ता है। इसलिए यदि आप भी यह गलती कर रहे हैं तो आपको हनुमान चालीसा करते समय सावधानियां ध्यान से पढ़ लेनी चाहिए।
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सामने रख कर करें हनुमान चालीसा का पाठ
बहुत भक्तों को लगता है कि उन्हें हनुमान चालीसा याद है और ऐसे में उसे बिना देखे पढ़ा जा सकता है लेकिन बहुत बार यह देखने में आया है कि कुछ लोग मूजबानी हनुमान चालीसा पढ़ते समय कुछ चौपाइयों को दोहराने लग जाते हैं या कुछ चौपाई पढ़ना ही भूल जाते हैं। इस तरह से की गयी हनुमान चालीसा कोई फल नहीं देती है बल्कि आपका नुकसान ही करती है।
अब यदि आपको हनुमान चालीसा अच्छे से कंठस्थ है तो आप इसका पाठ बिना किसी पुस्तक के कर सकते हैं लेकिन हम आपको यही परामर्श देंगे कि आप इसे सामने रखकर ही पढ़ें। अब वह चाहे हनुमान चालीसा की पुस्तक हो या फिर आप ऑनलाइन निकाल कर उसे पढ़ें। सामने रखकर पढ़ने से आपका ध्यान भटकने की संभावना भी कम हो जाती है।
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भाषा की शुद्धता का रखे पूरा ध्यान
हनुमान चालीसा पढ़ते समय जो सावधानी ऊपर बताई गयी है, वही इस वाली सावधानी से भी मेल खाती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि बहुत बार हम हनुमान चालीसा को जल्दी पढ़ने के चक्कर में या बस खानापूर्ति के चक्कर में अशुद्ध रूप में पढ़ लेते हैं। कुछ शब्द हम बिना पढ़े ही आगे निकल जाते हैं तो कुछ शब्दों का अशुद्ध रूप बोलते हैं।
ऐसे में यदि आप हनुमान चालीसा पढ़ ही रहे हैं तो उसका पाठ शुद्ध रूप में करे। आज के समय में तो बहुत जगह अशुद्ध लिखी हुई हनुमान चालीसा भी मिल जाती है जो कि सही नहीं है। इसलिए हनुमान चालीसा पढ़ते समय भाषा की शुद्धता की पूरी सावधानी रखनी चाहिए।
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नशे का सेवन ना करें
अब यदि आपको लगता है कि आप मदिरा या अन्य किसी नशे का सेवन करके हनुमान चालीसा पढ़ेंगे और उससे आपके पाप कम हो जाएंगे तो आप बिल्कुल गलत सोच रहे हैं। इस तरह से आप पाप कम नहीं कर रहे हैं बल्कि उसे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
जिन भी लोगों के द्वारा नशे का सेवन कर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है, हनुमान जी उनसे बहुत ज्यादा क्रोधित हो जाते हैं। ऐसे में उन्हें हनुमान चालीसा पढ़ने से लाभ नहीं बल्कि नुकसान देखने को मिलते हैं। इसलिए आप भी इस बात का ध्यान रखे और नशे में कभी भी हनुमान चालीसा का पाठ ना करें।
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मांस का सेवन भी है वर्जित
यह सावधानी तो बहुत लोगों को पता भी होगी क्योंकि धार्मिक अनुष्ठान या प्रक्रिया में मांस-मदिरा को वर्जित माना गया है। हालाँकि कुछ मंदिरों या विशेष परिस्थितियों में यह वर्जित नहीं है किन्तु हनुमान जी की पूजा करनी हो या फिर हनुमान चालीसा पढ़नी हो, उस समय मांस व मदिरा को पूरी तरह से वर्जित माना गया है।
ऐसे में यदि आप मांसाहारी है और आप मांस का सेवन कर हनुमान चालीसा पढ़ने जा रहे हैं तो ऐसा आगे से मत कीजिये। आप जिस दिन मांस का सेवन नहीं करते हैं, उस दिन हनुमान चालीसा पढ़ सकते हैं या फिर आप स्नान करके हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं।
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लेटकर ना पढ़ें हनुमान चालीसा
बहुत से भक्तगण रात को सोने से पहले हनुमान चालीसा का पाठ करके सोते हैं। अब यदि आप अपने बिस्तर पर बैठकर या फिर बेड के पास खड़े होकर हनुमान चालीसा पढ़ रहे हैं तो कोई बात नहीं लेकिन यदि आप बेड पर लेते-लेते ही हनुमान चालीसा पढ़ते हैं तो यह भी गलत है।
हनुमान चालीसा का पाठ हमेशा बैठकर या खड़े होकर किया जाना ही उचित रहता है। अन्य किसी भी स्थिति में इसका पाठ नहीं किया जाता है जैसे कि लेट कर पढ़ना या आरामदायक मुद्रा में बैठकर इसे पढ़ना। इसलिए आपको आगे से अपने बिस्तर में हनुमान चालीसा पढ़नी है तो वही बैठकर उसे पढ़े।
किस समय करें हनुमान चालीसा का पाठ की मिले उत्तम फल
अब बहुत से भक्त इस बारे में भी जानना चाहते हैं कि वे दिन के किस समय हनुमान चालीसा का पाठ करें ताकि उन्हें इसका उत्तम फल प्राप्त हो सके। तो इसके लिए सबसे शुभ समय सुबह का होता है। सुबह भी यदि सूर्योदय या ब्रह्म मुहूर्त में हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए तो यह यह सर्वोत्तम फल देने वाली सिद्ध होती है। हालाँकि इसके लिए आपको जल्दी सोना होगा और जल्दी उठना भी (Hanuman Chalisa Ke Niyam) होगा।
ब्रह्म मुहूर्त का समय सूर्योदय के पास होता है जो सामान्य तौर पर सुबह के 4 से 5 बजे के बीच में होता है। ऐसे में आपको भी ज्यादा से ज्यादा 4 बजे उठ जाना चाहिए और शौच व स्नान इत्यादि कर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। ऊपर हमने आपको हनुमान चालीसा पढ़ने के जो नियम बताये हैं, उनका भी इस दौरान ध्यान रखेंगे तो हनुमान चालीसा का इससे उत्तम पाठ व समय हो ही नहीं सकता है।
हनुमान चालीसा पढ़ते समय उबासी आना
अब बहुत से भक्तों को इस बात की परेशानी रहती है और वे यह पूछते हुए पाए जाते हैं कि उन्हें हनुमान चालीसा करते समय उबासी क्यों आती है? ऐसे में यदि आपको भी हनुमान चालीसा पढ़ते समय उबासी आती है तो इसका अर्थ हुआ कि या तो आपकी नींद पूरी नहीं हुई है या फिर आप आवश्यकता से अधिक सोते हैं। दोनों ही स्थिति में व्यक्ति विशेष पर आलस्य हावी रहता है और पूजा पाठ में उसका मन नहीं लगता है।
इसी के साथ ही जो लोग बिस्तर में या लेटकर हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, उन्हें भी हनुमान चालीसा पढ़ते समय उबासी आ सकती है। ऐसे में आपको सही पद्धति में हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए और प्रतिदिन 7 से 8 घंटे के बीच में ही नींद लेनी चाहिए। तभी जाकर आप इस समस्या से मुक्ति पा सकते हैं।
इस तरह से आज आपने हनुमान चालीसा पढ़ने के नियम (Hanuman Chalisa Padhne Ke Niyam) और सावधानियों के बारे में संपूर्ण जानकारी ले ली है। यदि अभी भी आपके मन में कोई प्रश्न या शंका है तो आप नीचे कमेंट कर हमसे पूछ सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देंगे।
हनुमान चालीसा पढ़ने के नियम से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: हनुमान चालीसा कितने बजे पढ़ना चाहिए?
उत्तर: वैसे तो आप दिन के किसी भी समय में हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं क्योंकि हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए तो हर समय ही शुभ होता है फिर भी यदि आप कोई एक निश्चित समय जानना चाहते हैं तो उसके लिए सुबह या ब्रह्म मुहूर्त का समय सबसे शुभ रहता है
प्रश्न: हनुमान चालीसा कितने दिन तक पढ़ना चाहिए?
उत्तर: सामान्य तौर पर लोगों के द्वारा 40 दिन तक हर दिन 108 या 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है। इससे लोगों के मन की इच्छाएं पूरी होती है और रुके हुए काम बन जाते हैं।
प्रश्न: क्या महिलाएं हनुमान चालीसा पढ़ सकती हैं?
उत्तर: हनुमान चालीसा का पाठ हर मनुष्य कर सकता है, फिर चाहे वह पुरुष हो या महिला कुछ लोग सनातन धर्म व हनुमान जी के बारे में भ्रांतियां फैलाने का कार्य करते हैं और वे ही महिलाओं के लिए हनुमान चालीसा पढ़ना वर्जित बताते हैं।
प्रश्न: प्रेगनेंसी में हनुमान चालीसा पढ़ना सही है?
उत्तर: प्रेगनेंसी के दौरान यदि कोई महिला हनुमान चालीसा पढ़ती है तो इससे उसका बच्चा निडर, सहदी व बलशाली बनता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं के द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ किसी वरदान से कम नहीं है।
प्रश्न: हनुमान चालीसा का फल क्यों नहीं मिलता?
उत्तर: यदि आप बेमन से हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं या हनुमान चालीसा पढ़ते समय उसके नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उस स्थिति में आपको हनुमान चालीसा का फल नहीं मिलता है।
प्रश्न: हनुमान चालीसा में क्या गलती है?
उत्तर: हनुमान चालीसा की रचना महर्षि गोस्वामी तुलसीदास जी के द्वारा लिखी गयी है जो कि एक उत्तम रचना है। उसमें किसी भी तरह की त्रुटी या गलती नहीं है और जो लोग यह भ्रम फैला रहे हैं कि हनुमान चालीसा में गलतियाँ तो यह उनके मन का भ्रम है।
प्रश्न: क्या हम बिना नहाए हनुमान चालीसा पढ़ सकते हैं?
उत्तर: बिल्कुल नहीं। यदि आप हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहते हैं तो आपको पहले स्नान कर लेना चाहिए। यदि आप सुबह के समय स्नान कर चुके हैं और शाम को हनुमान चालीसा पढ़ने जा रहे हैं तो उस दिन फिर से स्नान करने की आवश्यकता नहीं। हालाँकि स्नान के पश्चात आप शौच करके ना आये हुए हो।
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