क्या आप जानते हैं कि श्री राम की मृत्यु कैसे हुई (Shri Ram Ki Mrityu Kaise Hui) थी? भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक सहित तीनों लोकों के प्राणियों को रावण के अत्याचार से मुक्त करवाने के लिए श्रीराम का अवतार लिया था। इस अवतार में उन्होंने रावण वध तो किया ही, साथ ही मनुष्य को धर्म के उच्च सिद्धांतों के आदर्श स्थापित करके दिखाए।
एक समय ऐसा आया जब श्रीराम के सभी कार्य व उद्देश्य पूर्ण हो गए। अब उन्हें इस पृथ्वी लोक को छोड़कर मृत्यु की गोद में समाना था। वह इसलिए क्योंकि जो भी पृथ्वी लोक में जन्मा है, फिर चाहे वे ईश्वरीय अवतार ही क्यों ना हो, उन्हें अंत में मृत्यु को गले लगाना ही होगा। ऐसे में भगवान राम की मृत्यु कैसे हुई (Ram Ki Mrityu Kaise Hui), यह एक बड़ा प्रश्न है। आइए इसके बारे में जान लेते हैं।
Shri Ram Ki Mrityu Kaise Hui | श्री राम की मृत्यु कैसे हुई?
भगवान विष्णु ने जितने भी अवतार इस पृथ्वी लोक पर लिए हैं, वे दुष्टों का संहार करने के उद्देश्य से लिए हैं। हालाँकि उनका श्रीराम अवतार एक ऐसा अवतार था जिसने ना केवल अधर्मी रावण का अंत किया था बल्कि अपने जीवन में कई ऐसे कार्य किए, जिसने मानव जाति को सर्वोच्च शिक्षा दी। फिर चाहे वे शबरी के झूठे बेर खाना हो, राजधर्म की व्याख्या करना हो या चौदह वर्ष का वनवास हो।
जब यह सब कार्य पूर्ण हो गए तो उसके बाद श्रीराम ने कई वर्षों तक अयोध्या का राज सिंहासन संभाला। श्रीराम के द्वारा राजगद्दी संभालने के बाद उन्होंने प्रजा को जो शासन उपलब्ध करवाया, उसे ही आज हम रामराज्य के नाम से जानते हैं। यह आज तक की सर्वोच्च शासन व्यवस्था थी। ऐसे ही कई वर्ष बीत गए और अब समय आ चुका था जब श्रीराम को पुनः अपने धाम पहुँचना था। इसके लिए उनका इस देह का त्याग करना आवश्यक था। आइए जाने तब क्या हुआ।
श्रीराम के बाद अयोध्या
श्रीराम को मृत्यु से पहले अयोध्या का अगला उत्तराधिकारी घोषित करना था। श्रीराम के दो पुत्र थे जिनके नाम लव कुश थे। दोनों में कुश बड़े थे। ऐसे में नियम अनुसार श्रीराम ने कुश को अयोध्या का अगला राजा नियुक्त कर दिया। वहीं लव को लवपुरी (वर्तमान लाहौर, पाकिस्तान) का राजा नियुक्त कर दिया गया।
इसी प्रकार श्रीराम ने अपने भाइयों के बच्चों अर्थात भतीजों के बीच भी भारतभूमि के विभिन्न राज्यों का बंटवारा कर दिया। भरत के दोनों पुत्रों को गांधार (वर्तमान पाकिस्तान व अफगानिस्तान के भाग), लक्ष्मण के पुत्रों को कारुपद (वर्तमान उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश) तथा शत्रुघ्न के पुत्रों को मथुरा व विदिशा का राजा नियुक्त किया गया था।
महाकाल की श्रीराम से भेंट
जब श्रीराम की मृत्यु का समय पास आने लगा तब भगवान ब्रह्मा के आदेश पर स्वयं महाकाल अयोध्या पहुँचे। श्रीराम से मिलकर महाकाल ने उन्हें बताया कि अब पृथ्वी पर उनका समय समाप्त होने वाला है। ऐसे में अब उन्हें इस देह का त्याग करके पुनः विष्णु लोक को पधारना चाहिए।
श्रीराम ने भी महाकाल को बताया कि वे जानते हैं कि अब उनकी मृत्यु का समय पास आ गया है। ऐसे में वे ब्रह्म लोक यह संदेश पहुँचा दें कि वे जल्दी ही इस देह का त्याग कर विष्णु लोक आने वाले हैं। श्रीराम का यह संदेश लेकर महाकाल वहाँ से चले गए थे।
Ram Ki Mrityu Kaise Hui | भगवान राम की मृत्यु कैसे हुई?
अब जब श्रीराम सभी उत्तरदायित्व से मुक्त हो चुके थे तो उनकी मृत्यु का समय आ चुका था। इसके लिए उन्होंने अयोध्या के निकट ही बहने वाली सरयू नदी में जल समाधि लेने का निर्णय लिया। श्रीराम के द्वारा जल समाधि लेने का निर्णय पूरे भारतवर्ष में प्रसारित कर दिया गया। इसके लिए दूर-दूर से लोग उस दृश्य को देखने आए। किष्किंधा से महाराज सुग्रीव व लंका से महाराज विभीषण भी वहाँ आए।
श्रीराम ने मृत्यु के लिए जाने से पहले महर्षि वशिष्ठ के आश्रम जाकर उनसे आशीर्वाद लिया। उसके पश्चात श्रीराम सरयू नदी के घाट पहुँच गए। वहाँ पहुँच कर उन्होंने पूज्य सरयू नदी को प्रणाम किया। इसके बाद श्रीराम सरयू नदी में अंदर चले गए और मृत्यु की गोद में समा गए। उनके साथ ही उनके सभी भाई, महाराज सुग्रीव, मंत्री आर्य सुमंत, निषाद राज इत्यादि ने भी जल समाधि ले ली थी।
इस तरह से आपके प्रश्न श्री राम की मृत्यु कैसे हुई (Shri Ram Ki Mrityu Kaise Hui), का उत्तर श्रीराम के द्वारा सरयू नदी में जल समाधि लेना है। आज भी अयोध्या के निकट यह सरयू नदी बहती है जो सभी हिन्दुओं के लिए अत्यधिक पूजनीय है।
भगवान राम की मृत्यु कब हुई?
श्रीराम की मृत्यु त्रेता युग में हुई थी। एक युग चार भागों में बंटा हुआ होता है। उसमें द्वितीय भाग त्रेता युग होता है जबकि कलियुग चौथा भाग। इन दोनों के बीच में द्वापर युग आता है जिसका कालखंड 8 लाख 64 हज़ार वर्ष का होता है। ऐसे में श्रीराम की मृत्यु आज से लगभग कई लाख वर्ष पहले हुई थी।
वहीं कुछ लोगों का मानना है कि श्रीराम की मृत्यु आज से लगभग 5 से 7 हज़ार वर्ष पहले हुई थी। उन्होंने सरयू नदी में जल समाधि ले ली थी अर्थात उसमें डूब कर अपनी देह का त्याग कर दिया था।
श्रीराम की मृत्यु से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: राम की मृत्यु कैसे हुई थी?
उत्तर: राम की मृत्यु अयोध्या के निकट सरयू नदी में जल समाधि लेने के कारण हुई थी। जब उनका समय समाप्त हो गया था तब उन्होंने अपनी इच्छानुसार सरयू नदी में जाकर प्राण त्याग दिए थे।
प्रश्न: राम की मृत्यु कब हुई थी?
उत्तर: राम की मृत्यु आज से कई लाख वर्ष पहले त्रेता युग में हुई थी। अभी कलियुग चल रहा है और त्रेता युग और कलियुग के बीच में द्वापर युग आता है। द्वापर युग का कालखंड 8,64,000 वर्ष का है।
प्रश्न: राम की मृत्यु कहां हुई थी?
उत्तर: राम की मृत्यु अयोध्या के ही निकट सरयू नदी में हुई थी। उन्होंने सरयू नदी में जल समाधि ले ली थी।
प्रश्न: राम की मृत्यु क्यों हुई थी?
उत्तर: इस पृथ्वी लोक पर जो भी जन्म लेता है, फिर चाहे वे ईश्वरीय अवतार ही क्यों ना हो, उसकी एक ना एक दिन मृत्यु होना निश्चित है। यही परम सत्य है। इसी सत्य के अनुसार श्रीराम की भी मृत्यु हुई थी।
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